Breaking Newsअन्य राज्यअपराधआगराइंदौरइलाहाबादउज्जैनउत्तराखण्डगोरखपुरग्राम पंचायत बाबूपुरग्वालियरछत्तीसगढ़जबलपुरजम्मू कश्मीरझारखण्डझाँसीदेशनई दिल्लीपंजाबफिरोजाबादफैजाबादबिहारभोपालमथुरामध्यप्रदेशमहाराष्ट्रमहिलामेरठमैनपुरीयुवाराजस्थानराज्यरामपुररीवालखनऊविदिशासतनासागरहरियाणाहिमाचल प्रदेशहोम

*अनुपपुर कोतवाली पुलिस की सुस्त रवैया ने ले ली एक मासूम की जान ऐसा मृतक के परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप*

अनुपपुर जिला मध्यप्रदेश

अनुपपुर कोतवाली पुलिस की सुस्त रवैया ने ले ली एक मासूम की जान ऐसा मृतक के परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप
परिजनों ने थाना प्रभारी अमर वर्मा सहित पूरणेंद्र मिश्रा कोतवाली अनुपपुर पर लागाये गंभीर आरोप

एक बार फिर पुलिस हुई दागदार ,अनुपपुर कोतवाली पुलिस की सुस्त रवैया ने ले ली एक मासूम की जान
परिजनों ने थाना प्रभारी अमर वर्मा सहित पूरणेंद्र मिश्रा कोतवाली अनुपपुर पर लागाये गंभीर आरोप

रिपोर्टर – सी.एस. राठौर (संभागीय ब्यूरो चीफ) के साथ विकास सिंह राठौर

अनूपपुर/अनूपपुर के वार्ड क्रमांक 6 के प्रांजल चौधरी और पंचानन तिवारी के आपसी विवाद की घटना ने एक मासूम की जान ले ली।प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रांजल चौधरी और पंचानन चौधरी के बीच आपसी वाद विवाद चल रहा था जानकारी अनुसार पंचानन तिवारी के अनुसार प्रांजल चौधरी उसकी बेटी पलक तिवारी के साथ छेड़छाड़ किया था जिसको लेकर उसने पहले प्रांजल चौधरी के साथ मारपीट की फिर उसके बाद कोतवाली थाना अनूपपुर पुलिस के पास रिपोर्ट दर्ज कराई थी जिसको लेकर कोतवाली अनूपपुर ने थाने बुलाकर प्रांजल चौधरी के साथ मारपीट की घटना को अंजाम दिया था।

सूत्रों कि माने तो पंचानन तिवारी और उसके सहयोगियों ने थाना कोतवाली में ही प्रांजल चौधरी के साथ मारपीट की थी जिसको लेकर प्रांजल ने वरिष्ठ अधिकारियों सहित कई जगह शिकायत भी दर्ज कराई थी किंतु पुलिस विभाग की सुस्त रवैया से किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की जा रही थी जिससे प्रांजल चौधरी काफी क्षुब्ध था और उसने अंततः अपने आप को काल के हवाले कर दिया। उक्त घटना में कहीं ना कहीं पुलिस का हाथ मुख्य तौर पर साबित होता है

अनूपपुर कोतवाली पुलिस अमर वर्मा की सुस्त रवैया ही प्रांजल चौधरी की मौत का मुख्य कारण है यदि थाना प्रभारी अमर वर्मा मामले को गंभीरता से लेकर जांच की कार्यवाही पूर्ण करते तो शायद एक मासूम की जान बच जाती अब देखना यह है कि इस खबर के पश्चात पुलिस में बैठे उच्च अधिकारी मामले को गंभीरता से लेते हैं या मैनेजमेंट की आड़ में मामले को दबाने का प्रयास करते हैं।

घटना के बाद ही कई जनप्रतिनिधियों ने पीड़ित परिवार का समर्थन करते हुए कार्यवाही कि मांग की है साथ ही उनके द्वारा भी पुलिस विभाग के अधिकारियों कि लापरवाही से घटना हुई बताया गया।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार पीड़ित परिवार ने पुलिस के ऊपर पीड़ित परिवार को प्रताड़ित करने और उनके द्वारा फरियाद लेकर आने के बाद पीड़ित परिवार के ऊपर दबाव बनाने और प्रताड़ित कर उनके साथ अभद्र व्यवहार कर अनदेखा करने का आरोप लगाया है साथ ही

इस घटना का संपूर्ण जिम्मेदार पुलिस विभाग के अमला को बताया है। अब देखना दिलचस्प होगा कि आगे क्या होता है। पुलिस कि गलती से एक मासूम कि जान गई प्रश्न चिन्ह उठना लाजमी है???????

Related Articles

Back to top button