*हिंदी भाषा देश की संस्कृति एवं पौराणिक सभ्यताओं का प्रतीक – कलेक्टर*
शहडोल जिला मध्यप्रदेश

हिंदी माध्यम से शिक्षा विद्यार्थियों के जीवन में नया प्रकाश – अध्यक्ष महिला एवं वित्त विकास निगम
हिंदी भाषा देश की संस्कृति एवं पौराणिक सभ्यताओं का प्रतीक – कलेक्टर
हिंदी भाषा पर आयोजित हुई संगोष्ठी
रिपोर्टर – (संभागीय ब्यूरो चीफ) चंद्रभान सिंह राठौर
शहडोल/16 अक्टूबर 2022/
अध्यक्ष महिला एवं वित्त विकास निगम अमिता चपरा ने कहा है कि हिन्दी माध्यम की शिक्षा कई विद्यार्थियों के जीवन में नया प्रकाश लेकर आयेगी। हिन्दी में मेडिकल की पढ़ाई के साथ एक नया युग शुरू हो रहा है। यह एक सामाजिक क्रांति है। गरीब परिवार का बेटा भी मेडिकल की पढ़ाई के बारे में सोच सकेगा। प्रदेश में मातृ-भाषा हिन्दी में अध्ययन और अध्यापन को प्रोत्साहित करने और हिन्दी के लिए गर्व की अनुभूति उत्पन्न कराने के उद्देश्य से पिछले कई वर्षों से गतिविधियाँ जारी हैं।
उक्त विचार अध्यक्ष महिला एवं वित्त विकास निगम अमिता चपरा ने शनिवार को शासकीय उत्कृष्ट रघुराज क्रमांक-1 शहडोल में हिंदी पर आयोजित संगोष्ठी में व्यक्त किए।
अध्यक्ष महिला एवं वित्त विकास निगम चपरा ने कहा कि हिन्दी विश्वविद्यालय की स्थापना, प्रदेश के विभिन्न अंचलों के निवासियों को भावनात्मक रूप से बाँधने के लिए मध्यप्रदेश गीत को कार्यक्रम और उत्सव का भाग बनाने की पहल, पाणिनी संस्कृत विद्यालय की स्थापना और भोपाल में विश्व हिन्दी सम्मेलन का आयोजन इसी उद्देश्य से किया गया।
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कलेक्टर वंदना वैद्य ने कहा कि हमारी भाषाएं भारत देश की संस्कृति एवं पौराणिक सभ्यताओं का प्रतीक है।
अंग्रेजी के सरल और चलन में आ चुके शब्दों के देवनागरी लिपि में अधिक से अधिक उपयोग से मेडिकल और तकनीकी शिक्षा की पढ़ाई विद्यार्थियों के लिए सरल होगी। हिंदी हमारी मातृभाषा है और यह शासन की बहुत ही सराहनीय एवं अनुकरणीय पहल है कि अब मेडिकल की पढ़ाई के साथ-साथ अन्य पढ़ाई भी हिंदी में होगी, परंतु हिंदी की पढ़ाई के साथ-साथ हमें अंग्रेजी भी नहीं छोड़नी है, अंग्रेजी का भी ज्ञान आवश्यक है, भाषा कोई भी हो चाहे वह तेलुगु हो, तमिल हो, कन्नड़ हो, गुजराती हो या फिर मराठी हो हमारे भारत देश में सभी भाषाएं महान है।
कलेक्टर ने कहा कि हिन्दी भाषा को लेकर मानसिकता बदलने की आवश्यकता है। अंग्रेजी भाषा से ही हम समाज में प्रतिष्ठा और सम्मान प्राप्त करते हैं, इस सोच को बदलना होगा। भाषा से व्यक्ति कुंठित हो, उसमें हीन-भावना उत्पन्न हो, इस स्थिति से मुक्ति आवश्यक है। हमें अंग्रेजी के भय को समाप्त करना है। हिन्दी भाषा में पढ़ाई से कस्बों और ग्रामीण परिवेश के विद्यार्थियों को अपनी प्रतिभा के प्रकटीकरण का अवसर मिलेगा। मध्यप्रदेश की यह पहल सामाजिक क्रांति सिद्ध होगी।
संगोष्ठी का शुभारंभ अध्यक्ष महिला एवं वित्त विकास निगम अमिता चपरा तथा कलेक्टर वंदना वैद्य ने मां सरस्वती के छाया चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित एवं माल्यार्पण कर किया। इस दौरान मां सरस्वती की प्रार्थना कर वंदना भी किया गया। कार्यक्रम में सहायक आयुक्त जनजाति कार्य विभाग आनंद राय सिन्हा, सीईओ ड्राइवर राजेंद्र तिवारी एवं जनजातीय कार्य विभाग के रजनीश दुबे सहित अन्य अधिकारी प्राचार्य शिक्षक एवं विद्यार्थीगण उपस्थित थे।




