*खुशियों की दास्तां जल संरक्षण के प्रति जागरूक है मगरधरा के ग्रामीण वासी/पढ़ें क्या है सच*
उमरिया जिला मध्य प्रदेश

*खुशियों की दास्तां जल संरक्षण के प्रति जागरूक है मगरधरा के ग्रामीण वासी/पढ़ें क्या है सच*
(पढ़िए मध्य प्रदेश हेड राजमणि पांडे की रिपोर्ट)
मध्य प्रदेश जिला उमरिया – जल का महत्व किसी से छिपा नही है। जल है तो कल है बाकी सब निष्फल है। यह बात अब ग्रामीणों को समझ में आ गई है। इसी का परिणाम है कि ग्रामीण जन अपने गांव में जल संरचनाओं के निर्माण की पैरवी करने के साथ ही जिला प्रशासन का सहयोग कर जल संरक्षण के कार्यो के लिए अग्रणी भूमिका निभा रहे है।
जिले के करकेली जनपद पंचायत में जुरना तालाब मगरधरा जो पूर्व के वर्षो में बनाया गया था, रख रखाव के अभाव में तालाब की मेढ़ कट गई थी। तालाब में गाद भर गई थी, जिसके कारण तालाब की भराव क्षमता दिन प्रतिदिन कम होती जा रही थी। ग्रामीणों के लिए यह चिंता का विषय बन गया था। ग्रामीणों ने जिला पंचायत उमरिया में तालाब के जीर्णोद्धार की पहल की तथा इस कार्य में अपना सहयोग देने की भी बात कही। तालाब का जीर्णोद्धार कार्य 9.98 लाख रूपये की लागत से ग्राम पंचायत द्वारा कराया गया है।
कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव तथा सीईओ जिला पंचायत इला तिवारी ने प्रदेश सरकार के ग्रामीण विकास विभाग द्वारा पुरानी जल संरचनाओं के जीर्णोद्धार हेतु चलाए जा रहे पुष्कर धरोहर अभियान के तहत इस जल संरचना का चयन कर जीर्णोद्धार करानें की स्वीकृति प्रदान की। अब तालाब की मेढ़ों की मरम्मत , गाद की सफाई, कैचमेंट एरिया के अवरोध खत्म करनें तथा वेस्ट वियर का निर्माण किया जा चुका है। मगरधरा तालाब अब नये स्वरूप को प्राप्त कर लिया है।
स्व सहायता समूह की अध्यक्ष यशोदा बाई का कहना है कि तालाब के उपयोगी हो जाने से समूह की महिलाओं को सबसे अधिक लाभ मिलेगा। समूह की महिलाएं अब तालाब में मत्स्य पालन के साथ ही सिंघाड़ा उत्पादन तथा सब्जी की खेती भी करेंगी। साथ ही तालाब के रख रखाव एवं सुरक्षा का भी दायित्व निभाएंगी। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा पुरानी जल संरचनाओं का पुष्कर धरोहर अभियान के तहत जीर्णोद्धार कराने हेतु उन्होंने ग्रामीणों की ओर से धन्यवाद ज्ञापित किया।
प्रस्तुतकर्ता
गजेंद्र द्विवेदी
*खुशियों की दास्तां जल संरक्षण के प्रति जागरूक है मगरधरा के ग्रामीण वासी/पढ़ें क्या है सच*
(पढ़िए मध्य प्रदेश हेड राजमणि पांडे की रिपोर्ट)
मध्य प्रदेश जिला उमरिया – जल का महत्व किसी से छिपा नही है। जल है तो कल है बाकी सब निष्फल है। यह बात अब ग्रामीणों को समझ में आ गई है। इसी का परिणाम है कि ग्रामीण जन अपने गांव में जल संरचनाओं के निर्माण की पैरवी करने के साथ ही जिला प्रशासन का सहयोग कर जल संरक्षण के कार्यो के लिए अग्रणी भूमिका निभा रहे है।
जिले के करकेली जनपद पंचायत में जुरना तालाब मगरधरा जो पूर्व के वर्षो में बनाया गया था, रख रखाव के अभाव में तालाब की मेढ़ कट गई थी। तालाब में गाद भर गई थी, जिसके कारण तालाब की भराव क्षमता दिन प्रतिदिन कम होती जा रही थी। ग्रामीणों के लिए यह चिंता का विषय बन गया था। ग्रामीणों ने जिला पंचायत उमरिया में तालाब के जीर्णोद्धार की पहल की तथा इस कार्य में अपना सहयोग देने की भी बात कही। तालाब का जीर्णोद्धार कार्य 9.98 लाख रूपये की लागत से ग्राम पंचायत द्वारा कराया गया है।
कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव तथा सीईओ जिला पंचायत इला तिवारी ने प्रदेश सरकार के ग्रामीण विकास विभाग द्वारा पुरानी जल संरचनाओं के जीर्णोद्धार हेतु चलाए जा रहे पुष्कर धरोहर अभियान के तहत इस जल संरचना का चयन कर जीर्णोद्धार करानें की स्वीकृति प्रदान की। अब तालाब की मेढ़ों की मरम्मत , गाद की सफाई, कैचमेंट एरिया के अवरोध खत्म करनें तथा वेस्ट वियर का निर्माण किया जा चुका है। मगरधरा तालाब अब नये स्वरूप को प्राप्त कर लिया है।
स्व सहायता समूह की अध्यक्ष यशोदा बाई का कहना है कि तालाब के उपयोगी हो जाने से समूह की महिलाओं को सबसे अधिक लाभ मिलेगा। समूह की महिलाएं अब तालाब में मत्स्य पालन के साथ ही सिंघाड़ा उत्पादन तथा सब्जी की खेती भी करेंगी। साथ ही तालाब के रख रखाव एवं सुरक्षा का भी दायित्व निभाएंगी। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा पुरानी जल संरचनाओं का पुष्कर धरोहर अभियान के तहत जीर्णोद्धार कराने हेतु उन्होंने ग्रामीणों की ओर से धन्यवाद ज्ञापित किया।
प्रस्तुतकर्ता
गजेंद्र द्विवेदी




