*खबर का हुवा असर, पंचायत में रुका कार्य हुवा प्रारम्भ*
अनुपपूर जिला मध्य प्रदेश

खबर का हुवा असर, पंचायत में रुका कार्य हुवा प्रारम्भ
पंचायत में भ्रष्टाचारी और लापरवाही के कारण ग्रामीण और पशु हो रहे दुर्घटनाओं के शिकार जिम्मेदार कौन ?
कमीशन कि होड़ में चल रही है कार्यों में लीपापोती, दलाल और ठेकेदारों के जेब में पंचायत कि बाग डोर
रिपोर्टर – संपादक के साथ ब्यूरो रिपोर्ट
जैतहरी / जैतहरी जनपद पंचायत अन्तर्गत ग्राम पंचायत क्योंटार में इन दिनों कार्यों में लापरवाही के कारण विकास में बाधा बनना आम बात सी हो गई है और तो और बात यहीं खत्म नहीं होती बल्कि दलालों और ठेकेदारों को कमीशन खोरी के चक्कर में संरक्षण भी बखूबी दिया जा रहा है कार्यों में लीपापोती और लापरवाही आम बात सी हो गई है। सूत्रों की माने तो सोख्ता गड्ढा का कार्य जिस तेजी से चल रहा है उस तेजी से कार्य करने पर पंचायत में लगभग कई दुर्घटना घटित हो चुके हैं और ऐसे ही कई घटनाएं दुर्घटित होने की संभावना बनी हुई है। आए दिन किसी ना किसी तरह से शौक से गड्ढे में दुर्घटनाओं की बातें चर्चा में बनी रहती है और इन परिस्थितियों को देखते हुए अधिकारियों के संज्ञान में भी बातों को डाली गई पर इस ओर किसी का ध्यान नहीं गया। हाल ही में एक बछड़े के गड्ढे में गिरने की बातें सामने आई तो वहीं इससे पूर्व पहले भी एक गाय के गिरने की घटना भी दूसरे गड्ढे के पास घटित हो चुकी है और यह सब जिम्मेदारों की लापरवाही की बदौलत हो रही है क्योंकि यदि समय से गड्ढों पर सोख्ता बनवाते हुए उसे बंद कराया गया होता तो ऐसी घटनाएं नहीं घटित होती। लगभग तीन से भी ज्यादा गड्ढे पटौरा टोला में महीनों से खुले पड़े हुए हैं और बात यहीं नहीं थमता बल्कि आंगनवाड़ी के पास भी यही रवैया है गौरतलब है कि अभी तक किसी भी तरह से बच्चों को और वहां के आसपास रहने वाले निवासियों को उस गड्ढे से कोई परेशानी नहीं हुई परंतु घटना घटित होते हुए एक बच्चे की जान बच गई।
ग्रामीणों ने लगाया आरोप
सूत्रों के अनुसार मिली जानकारी के अनुसार ग्रामीणों द्वारा इस तरह के घटना घटित होने से उनके अंदर व्याप्त नाराजगी को जताते हुए पंचायत के ऊपर और संबंधित जनों के ऊपर साथ ही जनप्रतिनिधि के ऊपर आरोप लगाते हुए कहा कि इस तरह से भर्रेशाही और लीपापोती करते हुए किए जाने वाले कार्य में ग्राम का विकास कभी भी नहीं हो सकता तो वहीं दूसरी ओर मजदूरों का पैसा ना मिलने जैसी बातें भी सामने आ रही है। यदि यह घटना आंगनवाड़ी के पास होते होते बची दुर्भाग्यपूर्ण हो जाती तो इसका जिम्मेदार कौन होता।
अधिकारियों से बात करने पर उनके द्वारा जल्द काम कराए जाने और गुणवत्तापूर्ण कार्य कराए जाने की बातें बोली जाती हैं पर जमीनी हकीकत देखने में कुछ और ही नजर आती है। यदि अधिकारी और पंचायत के अमला द्वारा सही तरीके से कार्य कराया जाता और अपना कार्य दलालों या ठेकेदारों को ना देते हुए स्वयं कराया जाता तो शायद यह कार्य समय पर पूर्ण हो जाता। ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि ग्राम के ही व्यक्तियों द्वारा ठेकेदार बनके कार्य कराने की वजह से इस तरह की लापरवाही सामने आ रही है तो वहीं पंचायत की और अधिकारियों की पूरी मिलीभगत और सहमति होने की आशंका भी लग रही है। पूरे पंचायत में स्थानों का चयन कर सोकते गढ्ढे का निर्माण कराया जा रहा है।
लगभग महीनों से पहले जेसीबी से खुदवा कर गड्ढे करा कर इस तरह से मौत की खाई बना कर छोड़ देना यह कैसा कार्य है समाज के परे है। इस तरह से चलता रहा तो उच्च अधिकारियों तक ज्ञापन देने का सिलसिला और शिकायतों का सिलसिला जारी हो जाएगा जिसकी संपूर्ण जवाबदारी पंचायत की और जनपद के अधिकारियों की होगी कहते हुए ग्रामीणों ने बहुत ही क्रोध जताया। इन समाष्ययों को मीडिया के टीम ने प्राथमिकता के साथ प्रकाशित कर अधिकारियों के संज्ञान में बात डाली और ग्रामीणों कि बातों को उनतक खबर के और फोन के माध्यम से पहुंचाया।
मीडिया के टीम द्वारा चलाई गई मुहिम
ऐसी समस्याओं को लेकर मीडिया के टीम के द्वारा लगातार अधिकारियों से पहले से ही बात की जा रही थी और कार्यो को जल्द कराने की बात कही जा रही थी पर पंचायत द्वारा लापरवाही की जा रही थी घटना घटित होने के बाद मीडिया के टीम ने इसे प्राथमिकता के साथ प्रकाशित किया तत्पश्चात प्रशासन और पंचायत के अधिकारी हरकत में आते हुए कार्य को प्रारंभ कर कराना शुरू किया जिसमें 1 सोक्ते गड्ढे का निर्माण कराया जा चुका है और दूसरे सोक्ते गड्ढे के पास मटेरियल गिराया जा चुका है अब देखना होगा कि कितने दिन में चारों सोक्ते गड्ढे का काम पूर्ण होता है।
ग्रामीणों ने किया आभार
सोख्ता गड्ढा का निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद ग्रामीणों द्वारा अधिकारियों को और मीडिया की टीम को आभार व्यक्त करते हुए उनके इन कार्यों की प्रशंसा की।
पर पंचायत पर आरोप लगाते हुए कहा कि पंचायत के मुखिया और अधिकारियों के लापरवाही से यह सब हुवा। यदि यह सब कार्य समय से पूरा हो जाता तो इस तरह कि घटना घटित नहीं होती।
गौरतलब है कि कुछ नुकसान नहीं हुआ पर बड़े हादसे होते – होते बचे। ग्रामीणों ने बताया कि अभी भी कार्य किए हुवे मजदूरों का भुगतान नहीं कराया गया है और लगभग एक सप्ताह से ज्यादा समय से मजदूर को पंचायत के अमले द्वारा घुमाया जा रहा है और भुगतान हो चुका है कही से करा दूंगा कहते हुए घुमाया जा रहा है कहा गया। ग्रामीणों और मजदूरों द्वारा जिला प्रशासन और जनपद के अधिकारियों द्वारा मीडिया के माध्यम से सुधार किए जाने और इनके मदद किए जाने कि अपील की गई।