*जिला कलेक्टर के द्वारा खराब रिजल्ट वाले 292 हाईस्कूल एवं 147 हायर सेकण्डरी स्कूलों में किए समीक्षा और कहां रिजल्ट सुधार कार्य योजना सहित भेजें नोटिस का जवाब*
सतना जिला मध्य प्रदेश

*जिला कलेक्टर के द्वारा खराब रिजल्ट वाले 292 हाईस्कूल एवं 147 हायर सेकण्डरी स्कूलों में किए समीक्षा और कहां रिजल्ट सुधार कार्य योजना सहित भेजें नोटिस का जवाब*
(पढ़िए मध्य प्रदेश हेड राजमणि पांडे की रिपोर्ट)
मध्य प्रदेश के अंतर्गत जिला सतना में 21 मई 2022 को कलेक्टर अनुराग वर्मा ने शनिवार को सभी विकासखंडों के हाई स्कूल, हायर सेकेंडरी प्राचार्या की चरणबद्ध बैठकें लेकर खराब रिजल्ट वाले 292 हाईस्कूल और 147 हायर सेकेंडरी स्कूलों के परीक्षा परिणामों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 में हाई स्कूल के रिजल्ट में गत वर्ष से 19 फ़ीसदी और हायर सेकेंडरी के रिजल्ट में 8.14 फ़ीसदी गिरावट हुई है। खराब रिजल्ट वाले सभी स्कूलों के प्राचार्यों को नोटिस जारी की गई है। रिजल्ट के खराब होने के वास्तविक और मान्य कारणों के साथ अगले शिक्षा सत्र में रिजल्ट सुधार की कार्य योजना सहित जवाब प्रस्तुत करें, अन्यथा कार्यवाही सुनिश्चित होगी। इस मौके पर सीईओ जिला पंचायत डॉ परीक्षित राव, जिला शिक्षा अधिकारी नीरव दीक्षित, सहायक संचालक शिक्षा एनके सिंह और विद्यालयों के प्राचार्य उपस्थित थे।
कलेक्टर अनुराग वर्मा ने *प्रथम चरण* में विकासखंड मैहर, मझगवां, *द्वितीय चरण* में रामपुर बघेलान, अमरपाटन, रामनगर और *तीसरे चरण* में उचेहरा और सोहावल विकासखंड के हायर सेकेंडरी और हाई स्कूल के प्राचार्यों से वन-टू-वन चर्चा कर रिजल्ट खराब होने के कारण जाने। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 में परीक्षा परिणाम में हाई स्कूल में 19 फ़ीसदी और हायर सेकण्डरी में 8.14 फ़ीसदी निराशाजनक गिरावट हुई है। जिससे सतना जिला प्रदेश में आखिरी पायदान पर पहुंचा है। परीक्षा परिणामों की विषयवार, शिक्षकवार अपनी संस्था में विश्लेषण करें और वास्तविक कारणों का पता लगाकर उसमें सुधार लाते हुए अगले वर्ष के रिजल्ट सुधार की कार्य योजना प्रस्तुत करें।
कलेक्टर श्री वर्मा ने कहा कि आगामी शिक्षा सत्र में शुरू से ही पठन-पाठन की गुणवत्ता में सुधार लाते हुए जिम्मेदारी पूर्वक शैक्षणिक कार्य करें। हर माह के पाठ्यक्रम का कैलेंडर बनाएं, हर माह या हर सप्ताह बच्चों के मूल्यांकन के लिए टेस्ट की प्रणाली लागू करें। अगले सत्र से स्कूलों का सतत निरीक्षण कराया जाएगा और पाठ्यक्रम के कैलेंडर अनुसार कार्यवाही नहीं पाए जाने पर कार्यवाही की जाएगी। कलेक्टर ने कहा कि सभी शिक्षक हैं, सब का अनुभव भी अच्छा है। शिक्षक समाज को बनाते हैं यह सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए फोकस रहें। गांव में जाकर बच्चों से और उनके अभिभावकों से चर्चा करिए। उन्हें नियमित स्कूल आने और कक्षायें लेने के लिए प्रेरित करें। कलेक्टर ने कहा कि प्रत्येक प्राचार्य द्वारा प्रति दिवस दो पीरियड लेने के शासन के निर्देश हैं। प्राचार्य एक पीरियड हाई स्कूल और एक पीरियड हायर सेकेंडरी की कक्षा जरुर पढ़ायें। उन्होंने कहा कि अब कोविड का खतरा और बहाना भी नहीं है। आगामी सत्र शुरू होते ही नियमित कक्षायें शुरू होनी चाहिए, चाहे दो ही छात्र आयें।
कलेक्टर अनुराग वर्मा ने कहा कि रिजल्ट घोषित होने के माह भर बाद भी बच्चों के हित में कोई प्रयास नहीं किए गए। सभी विद्यालयों में पूरक आये विद्यार्थियों के लिए सोमवार से क्लासेस शुरु होनी चाहिए, ताकि सप्लीमेंट्री आये छात्र परीक्षा उत्तीर्ण कर अगली कक्षा में जा सकें।
सीईओ जिला पंचायत डॉ परीक्षित राव ने कहा कि बच्चों के भविष्य के प्रति गंभीर रहें। वर्ष 2020 में तत्कालीन सीईओ जिला पंचायत द्वारा किए गए अनुप्रयोग से सभी विद्यालयों का रिजल्ट वर्ष 2019 की तुलना में काफी बेहतर रहा है। उस अनुप्रयोग को पुनः दृढ़ता से लागू करें। उन्होंने कहा कि स्कूल के प्राचार्य होने के नाते यह व्यक्तिगत जिम्मेदारी है कि अपने स्कूल का माहौल बेहतर बनाएं। उपलब्ध संसाधनों का प्रयोग कर कैसे बेहतर शिक्षा मिले और रिजल्ट बेहतर हो, यह प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि सप्लीमेंट्री आये बच्चों के भविष्य के प्रति गंभीरता बरतें। उनके लिए सुबह 7 बजे से 10 बजे तक विशेष कक्षाएं लगाएं। अगले शिक्षा सत्र से प्राचार्य स्वयं कक्षाएं भी लेंगे और स्कूल की शैक्षणिक व्यवस्था कार्यों की मॉनिटरिंग भी करेंगे। आप सब के सहयोग और मेहनत से ही जिला आगे बढ़ेगा।
जिला शिक्षा अधिकारी नीरव दीक्षित ने कहा कि सभी प्राचार्य अपने स्कूल के रिजल्ट की विषय वार समीक्षा कर ले। अगले सत्र में कक्षा और सेक्शन वार अध्यापकों को जिम्मेदारी दें। सीमित संसाधनों का बेहतर उपयोग कर प्राचार्य अपनी उपयोगिता साबित करें। प्राचार्य स्वयं कक्षायें लें और मॉनिटरिंग भी करें। एक प्राचार्य चाहे तो स्कूल की तस्वीर बदल सकता है। जिला शिक्षा अधिकारी श्री दीक्षित ने बताया कि सतना जिले का हाईस्कूल का परीक्षा परिणाम वर्ष 2022 में 40.58 प्रतिशत रहा, जो मध्यप्रदेश के औसत 59.54 प्रतिशत से 19 फ़ीसदी कम रहा। फलस्वरुप सतना जिला 51वें स्थान पर है। वर्ष 2020 में जिले का रिजल्ट 59.53 रहा। जिसमें इस वर्ष 18.95 फीसदी गिरावट दर्ज हुई। वर्ष 2020 में सतना 37वें स्थान पर रहा हैं।
*हाई स्कूल रिजल्ट* में जिले के 10 स्कूलों का रिजल्ट शून्य से 10 प्रतिशत, 45 स्कूलों का रिजल्ट 10 से 20 प्रतिशत, 107 स्कूलों का रिजल्ट 20 से 30 प्रतिशत, 82 स्कूलों का रिजल्ट 30 से 40 प्रतिशत, 32 स्कूलों का रिजल्ट 40 से 50 प्रतिशत और 13 विद्यालयों का रिजल्ट 50 प्रतिशत से ऊपर रहा है।
इसी प्रकार *हायर सेकेंडरी परीक्षा परिणाम* वर्ष 2022 में 61.87 प्रतिशत रहा। जिसमें गत वर्ष के रिजल्ट 70 प्रतिशत से 8.14 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। मध्यप्रदेश का वर्ष 2022 का परीक्षा परिणाम औसत 72.72 प्रतिशत रहा है। जिसमें गत वर्ष की तुलना में 3.91 प्रतिशत वृद्धि दर्ज हुई है। जबकि सतना जिले का परिणाम प्रदेश के औसत से 10.85 फ़ीसदी कम रहा और जिले की रैंक 29वीं से घटकर 47वें स्थान पर पहुंच गई है।