*जिला अनूपपुर के पुष्पराजगढ़ में पुलिस प्रशासन की नाकामी, सामाजिक व्यक्ति को खतरा,ऐसे में कहा से होगी सुरक्षा*
जिला अनूपपुर मध्य प्रदेश

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👉 *उमरिया/शहडोल/अनूपपुर समाचार* 👈
👉 *पुलिस प्रशासन की नाकामी, सामाजिक व्यक्ति को खतरा,ऐसे में कहा से होगी सुरक्षा* 👈
👉 *आखिर कहां थी राजेन्द्रग्राम पुलिस,कहाँ थे एस डी एम पुष्पराजगढ़ घटना घटती रही सब सोते रहे ? घटना के चौबीस घंटे बीत जाने के बाद भी आरोपियों तक नही पहुंच पाई पुलिस* 👈
👉 *राजधानी अनूपपुर एक्सप्रेस* 👈
👉 *आखिर कहां थी राजेन्द्रग्राम पुलिस,कहाँ थे एस डी एम पुष्पराजगढ़ घटना घटती रही सब सोते रहे ?* 👈
👉 **अनूपपुर से रिपोर्टर :- संभागीय ब्यूरो चीफ चंद्रभान सिंह राठौर की कलम से ✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️👈**
👉 *अनूपपुर/पुष्पराजगढ़ समाचार -* 👈
अनूपपुर – बीते दिवस पुष्पराजगढ़ जिला मुख्यालय में एक घटना घटी घटना प्रशासनिक अमले को चुनौती देने वाली थी इस पूरे घटनाक्रम में एक तरफ जहां पुलिस पर कई बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं तो मुख्यालय में मौजूद पुष्पराजगढ़ के एसडीएम को क्या इस घटना की जानकारी नहीं लगी और नहीं लगी तो क्यों नहीं लगी क्योंकि घटना एसडीएम कार्यालय से चंद कदमों की दूरी की थी, राजेन्द्रग्राम पुलिस पूरी घटना से अनजान रही जबकि राजेन्द्रग्राम थाना से 400 मीटर की दूरी पर घटना घट रही थी सैकड़ों लोग एक सरकारी कर्मचारी को उसके कार्यालय में घुसकर कॉलर पकड़कर रोड में जुलूस निकालते हुए थाने तक लाते हैं और जिम्मेदार कहते हैं कि हमें जब शिकायत मिली तब हम कार्रवाई करेंगे क्या आप किसी घटना का इंतजार करते हैं आप घटना देख कर भी अनदेखा करते शिकायत का इंतजार करते हैं पुलिस महोदय ऐसा नहीं होता है पुलिस का काम है अगर कोई घटना उनके थाना क्षेत्र में घट रही है तो उन्हें उस मामले को संज्ञान में आने के लिए मुखबिर और शहर में पुलिस बल की तैनाती होती है जो शहर की शांति व्यवस्था कायम रहे और किसी आपातकाल में घटना में पहुंच कर कार्यवाही करनी होती है और आप को घटना की जानकारी होनी चाहिए क्योंकि आपके थाने से 400 मीटर दूरी की घटना थी आज इस घटना ने जुलूस निकालने वालों के हौसले बुलंद किए हैं कल ये असमाजिक तत्व आपके थाना में घुस आएंगे आपके कार्यालय में घुस आएंगे तहसील कार्यालय में घुस सकते हैं क्योंकि इन्हें खौफ नहीं है अगर मैं भ्रष्टाचारी हूं या कोई और भ्रष्टाचारी है तो उसके लिए कानून है पुलिस है न्यायालय करेंगे निर्णय और पीड़ित तो न्यायालय के आदेश के बाद वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराते हुए कार्यालय में मौजूद था जिसका निर्णय न आप करेंगे और न हम करेंगे कोर्ट ने जो आदेश दिए है उसका पालन आप को मुझे और सब को करना होता है।
👉 *क्या प्रशासनिक अमले के साथ घटना घटित होती तो क्या करती पुलिस* 👈
जिस प्रकार से सरे राह एक सरकार के अधीनस्थ कर्मचारी के साथ असमाजिक तत्वों ने घिनौने कृत्य को अंजाम दिया क्या किसी प्रशासनकी अधिकारी या पुलिस कर्मी के साथ ऐसा बर्ताव होता तो क्या आप शिकायत का इंतजार करते आप को गंभीरता से लेते हुए नगर में लगे सी सी टीवी और अन्य जो वीडियो वायरल हुई उन से आरोपियों की पहचान कर शख्त से शख्त कार्यवाही करनी चाहिए आज अगर समय रहते इन आसमजिक तत्वों पर रोक नही लगाई गई तो कल ये इससे बड़ी घटना को किसी भी कार्यालय में जा कर अंजाम देंगे और फिर आप शिकायत का इंतजार करते बैठे रहना
इस पूरे प्रकरण में एक तरफ जहां पीड़ित व्यक्ति का पूरा परिवार दहसत में है वही घटना को अंजाम देने वाले आरोपी खुले आम चौबीस घंटे बीत जाने के बाद भी घूम रहे है और पुलिस हाँथ पे हाँथ धरे बैठी हुई है
आप को बता दें कि घटना जिस जगह से शुरू हुई वहां पुष्पराजगढ़ के सभी कार्यालय मौजूद है और घटना घटती रही साहबानो को भनक तक नही लगी दुर्भाग्यपूर्ण है
👉 *पुलिस प्रशासन ने की अनदेखी* 👈
वर्तमान राजेन्द्रग्राम थाना प्रभारी नरेंद्रपाल दंगा, मारपीट औऱ बलवा को नियंत्रित करने में असमर्थ ही नही बलिक घटना करवाने की व्यवस्था के माहिर खिलाड़ी हैं। अनूपपुर कोतवाली प्रभारी रहने के दौरान पहली बार जिले में एक रैली मारते पीटते युवक को थाने लेकर आती है, उसके बाद हिंदू मुस्लिम दंगा धड़कता है, अब जैसे ही उनका स्थानांतरण राजेन्द्रग्राम प्रभारी के रूप में होता है तो मुख्यालय में ही सहकारी समिति के न्यायलय में विचाराधीन कर्मचारी को मारते-पीटते रैली लेकर थाना लाया जाता है, औऱ यह सब करने में 30 मिनट से अधिक का समय लगता है, सड़कों पर इंट्री, रेत, पत्थर, बाक्साइड की गाड़ियों की गिनती कर इंट्री वशूल करने वाले अधिनस्थ पुलिस कर्मी सब देख रहे होते हैं पर अंकुस लगाने का प्रयत्न नही किया जाता इतना ही नही थाने के सामने ही भीड़ के कुछ लोग द्वारा मारपीट की जाती है और प्रभारी कार्यवाही की जगह छुट्टी में जाने की बात कर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। सूत्रों की माने तो हुई घटना की पूरी जानकारी नरेंद्रपाल को साजिस कर्ता द्वारा पहले ही देदी गई थी, उनके ही सुझाए समय पर मारपीट को अंजाम दिया गया वरना 1 बजे का समय ज्ञापन सौंपने के लिए मांग कर 3 बजे मार पीट करते हुए रैली निकालना साजिस और संलिप्ता के प्रमाणिकता को प्रदर्शित करना नही तो क्या है।
👉 *दी गई गुंडा राज को वरीयता* 👈
इस घटना के पहले और घटना के समय और घटना के बाद भी पुलिस प्रशासन और आला अधिकारियों के मौन रहने और अपना अधिकार क्षेत्र छोड़ने कि वजह साफ दर्शा रही है कि वह इस मनमाने तरीके से किए जाने वाले कार्य के आगे बौने और मजबूर नजर आ रहे हैं। इसपर किसी राजनीतिक दल या संघ के दबाव और मजबूरी के पीछे कुछ खास वजह नजर आ रही है।
👉 **रिपोर्टर :- संभागीय ब्यूरो चीफ चंद्रभान सिंह राठौर की रिपोर्ट राजधानी एक्सप्रेस न्यूज़ संभाग – शहडोल से** 👈