*जिला प्रसासन से मुख्य नगरपालिका अधिकारी को तत्काल हटाए जाने की उठने लगी है मांग*
अनुपपूर जिला मध्य प्रदेश

*कोरी विकास की नाव पर चढ़कर भृष्टाचार कि पर्याय बनती जा रही हैं सीएमओ
जिला प्रसासन से मुख्य नगरपालिका अधिकारी को तत्काल हटाए जाने की उठने लगी है मांग
रिपोर्टर – संभागीय ब्यूरो चीफ
अनूपपुर/बिजुरी
अनूपपुर जिले की सबसे बड़ी नगर पालिका परिषद बिजुरी जो इस समय विवादों से घिरी नजर आ रही है। कारण कि नगर पालिका परिषद बिजुरी में मुख्य नगरपालिका अधिकारी मीना कोरी की तानाशाही पूर्ण रवैया गुटबाजी को बढ़ावा देना है। बताया जाता है कि मुख्य नगरपालिका अधिकारी मीना कोरी जबसे नगरपालिका बिजुरी में पदस्थ हुई है तब से नगरपालिका कार्यालय में विकास की बातें कम व राजनीति की बातें ज्यादा होती हैं, वहीं जेम के माध्यम से करोडो़ं के भृष्टाचार का मामला भी लगातार नगर भर में विकाश के दावों कि पोल खोलती नजर आ रही है।
मुख्य नगर पालिका अधिकारी का कक्ष बना राजनीति का अखाड़ा
वैसे तो नगर पालिका परिषद बिजुरी में मुख्य नगर पालिका अधिकारी का आना-जाना यदा-कदा ही होता है सूत्र बताते हैं कि मुख्य नगरपालिका अधिकारी मीना कोरी घर से ही बैठकर नगरपालिका का काम संभालती है। और जब भी नगर पालिका कार्यालय में उनका आगमन होता है तो उनके कक्ष में विकास की बातें कम राजनीति की बातें ज्यादा होती है। जिससे नगर का विकास बिल्कुल अवरुद्ध हो चुका है और नगरपालिका कार्यालय लगातार राजनीती के अखाड़े का केंद्र बनता जा रहा है।
फर्जी बिलों का हो रहा भुगतान
बिजुरी नगर पालिका में मुख्य नगरपालिका अधिकारी मीना कोरी जबसे पदस्थ हुई है।तबसे कई फर्जी बिलों का भुगतान किए जाने की शिकायत लगातार सुनी जा रही है। वृक्षारोपण के नाम पर, स्वच्छता के नाम पर,फ्लैक्सी के नाम पर भुगतान नगर पालिका परिषद बिजुरी में पदस्थ मुख्य नगरपालिका अधिकारी द्वारा किया गया है। जिसकी जांच की जानी चाहिए। सही बिलों के फाइल को मुख्य नगरपालिका अधिकारी द्वारा गायब कर दिया जाता है।वहीं फर्जी बिलों के फाइल को एक दिन में ही पास कर भुगतान कर दिया जाता है। जो गंभीर व एक आपराधिक मामला है।
लोगों में उपज रहा असंतोष
मुख्य नगरपालिका अधिकारी मीना कोरी की कार्यप्रणाली से नगर में प्रसासन के प्रति काफी आक्रोश देखा जा रहा है एक ओर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा प्रशासन को सख्त निर्देश दे रखा है कि किसी भी हितग्राहियों के साथ अन्याय ना हो व उन्हें शासन की योजनाओं का लाभ जरूर मिले। मगर मुख्य नगरपालिका अधिकारी मीना कोरी की लापरवाही कार्यप्रणाली व हठधर्मिता के कारण कई पात्र हितग्राही शासन की योजनाओं का लाभ पाने से वंचित हैं व कार्यलय के चक्कर काटते-काटते थक चुके हैं जिससे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की कई जन हितकारी योजना भी नगर में धूल चाटते नजर आ रही है।
फाइलों का गुम होना नगर में बना चर्चा का विषय
बताया जाता है कि जब से मुख्य नगर पालिका अधिकारी मीना कोरी बिजुरी नगर पालिका में पदस्थ हुई है तब से नगरपालिका बिजुरी से सैकड़ों फाइले गुम हो चुकी है आखिर क्या कारण है कि मुख्य नगरपालिका अधिकारी बिजुरी के कार्यालय से फाइल गुम हो रही है। पेपरों के बिल हो या अन्य कार्यों के बिल नोटसीट हो। मुख्य नगरपालिका अधिकारी के कक्ष में पहुंचते ही गायब हो जाती हैं।जब लोगों द्वारा अपने बिलों का पता किया जाता है तो मालूम होता है कि आपका बिल कहीं गायब हो गया है। जो बहुत ही गंभीर विषय है। नगर पालिका जैसे कार्यालय में महत्वपूर्ण कागजों का गुम जाना बहुत बड़ी लापरवाही प्रदर्शित करती है।
जनप्रतिनिधियों को करती हैं अपमानित
भारतीय संविधान के अनुसार मुख्य नगरपालिका अधिकारी का पद जो नगर की जनता से सीधा संबंध रखता है मगर मुख्य नगरपालिका अधिकारी मीना कोरी जो अपने को जिला कलेक्टर से कम नहीं मानती। नगर के लोगों का फोन उठाना मुख्य नगरपालिका अधिकारी मीना कोरी को उनके पद की गरिमा के खिलाफ प्रतीत होता है। सूत्र बताते हैं कि नगर के जनप्रतिनिधी अगर नगर के विकास की बातें लेकर मुख्य नगर पालिका अधिकारी से मिलना चाहे तो मुख्य नगरपालिका अधिकारी के पास समय ही नहीं रहता अगर पता करके जाएं भी कि नगरपालिका अधिकारी कार्यालय में है तो वे अपना कक्ष छोड़कर किसी अन्य कक्ष में चली जाती हैं और लोगों से मिलना मुनासिब नहीं समझती जिससे नगर की जनता के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों में भी मुख्य नगरपालिका अधिकारी के प्रति काफी आक्रोश व्याप्त है।
युवा अध्यक्ष भी साबित हो रहे हैं बेबस और लाचार
नगरपालिका बिजुरी में लगातार गड़बड़ झाला व भृष्टाचार कर मुख्य नगरपालिका अधिकारी जहां शासकीय राशियों का खुले तौर पर दोहन कर लोगों को मूल भूत सुविधाओं से वंचित कर रखी है, और नगर कि विकाश को अवरूध्द कर चुकी है, बावजूद इसके युवा शिक्षित नगरपालिका अध्यक्ष चुप्पी साधकर तमाशबीन नजर आ रहे हैं। इन्हे ना जनता कि फिक्र है और ना ही नगर के विकाश की परवाह। लगता है नगरपालिका अध्यक्ष बनकर इन्होने नगर के लोगों पर एहसान किया है, क्योंकी लोगों कि समस्याओं और नगर के विकाश से इन्हे कोई लेना देना नही होता, बस सु-श्रीजी के इसारों पर चलकर सचिव की भूमिका निभाने को ही अपनी शान मान बैठे हैं।