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*माननीय मुख्यमंत्री की घोषणा अनुरूप अमरकंटक को विशेष औषधीय क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा – कलेक्टर*

अनुपपूर जिला मध्य प्रदेश

माननीय मुख्यमंत्री की घोषणा अनुरूप अमरकंटक को विशेष औषधीय क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा – कलेक्टर

जिला प्रशासन,इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विवि व CSIR-CIMAP द्वारा त्रिस्तरीय समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित

एरोमा मिशन से मिलेगा औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा व किसानों को तकनीकी मार्गदर्शन

रिपोर्टर – चंद्रभान सिंह राठौर संभागीय ब्यूरो चीफ

अनूपपुर/12 मार्च 2022/

इंदिरा गांधी जनजातीय विश्वविद्यालय के लक्ष्मण हवानुर सभागृह में लाभप्रद औषधीय व सुगंधित पौधों के संवर्धन व संरक्षण हेतु आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन जिला कलेक्टर सोनिया मीना व विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. प्रकाशमणि त्रिपाठी की गरिमामय उपस्थति में सम्पन्न हुआ।
इस अवसर पर कलेक्टर सोनिया मीना ने जिला प्रशासन की पहल पर जनजातीय विश्वविद्यालय व सीमैप लखनऊ के सहयोग से आयोजित कार्यशाला में उपस्थित किसान भाई बहनों को संबोधित करते हुए कहा कि औषधीय व सुगंधित पौधों की खेती को बढ़ावा देने हेतु जिला प्रशासन द्वारा प्रयास किया जा रहा है। अमरकंटक और आसपास की प्राकृतिक एवं भौगोलिक स्थितियां इस तरह की हैं कि यहां औषधीय पौधों की खेती को अपनाकर न सिर्फ यहां के किसान भाई बहन अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार कर सकते हैं,बल्कि माननीय मुख्यमंत्री जी के मंशानुरूप अमरकंटक और उसके आसपास के इलाके को औषधीय पादपों के महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में विकसित कर न सिर्फ प्रदेश बल्कि देश मे एक विशिष्ट पहचान बना सकते हैं।
मीना ने पूर्व में जिले में किसानों द्वारा किये गए नवाचारों का जिक्र करते हए कहा कि जिले में ही स्ट्रॉबेरी, नाशपाती के उत्पादन के नवाचारों के साथ साथ स्व सहायता समूहों के द्वारा कोदो प्रसंस्करण , शहद उत्पादन आदि गतिविधियों को सफलता पूर्वक संचालन किया गया है, जिससे कृषक बहनों और भाइयों की आय में वृद्धि हुई है।
जिले में औषधीय व सुगंधित पौधों की खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जिला प्रशासन,विश्वविद्यालय व CSIR-CIMAP द्वारा त्रिस्तरीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया। इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करते हुए अनूपपुर जिले की कलेक्टर सोनिया मीना ने बताया कि यह CSIR CIMAP और जिला प्रशासन के बीच देश का पहला ऐसा समझौता ज्ञापन है। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा की समझौता ज्ञापन के तहत CSIR-CIMAP द्वारा किसानों को तकनीकी सहायता, गुणवत्तापूर्ण पौध रोपण, नर्सरी विकास हेतु आवश्यक मदद के साथ साथ जनजातीय विश्वविद्यालय द्वारा औषधीय उत्पादों के आसवन में मदद की जाएगी। इसके साथ विपणन हेतु समझौता ज्ञापन में शामिल सभी पक्षों द्वारा संयुक्त प्रयास किये जाएंगे।
कलेक्टर मीना ने बताया कि माननीय मुख्यमंत्री कि घोषणा अनुसार अमरकंटक को औषधीय व सुगंधित पौधों के केंद्र के रूप में विकसित करने की मंशानुरूप जिला प्रशासन द्वारा उक्त पहल की गई है।

विदित हो कि देश मे औषधीय व सुंगंधित पौधों की संवर्धन व प्रसंस्करण हेतु किसानों को सहयोग प्रदान किया जा रहा है। मिशन अंतर्गत न सिर्फ नई किस्म और प्रजातियों को विकसित किया जा रहा है , बल्कि तकनीकी मार्गदर्शन व आसवन की विधियों का बारे में भी किसानों के कौशल में अभिवृद्धि की जा रही है।
आयोजित कार्यशाला में किसानों को एरोमा मिशन अंतर्गत मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी भी विस्तार पूर्वक प्रदान की गई, जिससे उपस्थित किसान इसका लाभ उठा सकें।

दो दिवसीय कार्यशाला सह प्रशिक्षण के समापन कार्यक्रम में विश्विद्यालय के कुलपति प्रो. प्रकाशमणि त्रिपाठी ने अमरकंटक में प्राकृतिक रूप से उपलब्ध औषधीय पौधों की प्रचुरता के संबंध में प्रकाश डालते हुये प्रशासन की पहल पर आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल किसानों से आग्रह किया कि अपनी प्राकृतिक संपदा का संरक्षण करते हुए अमरकंटक को ऐसे केंद्र के रूप में विकसित करने का संकल्प लें जिससे संपूर्ण देश मे अमरकंटक का नाम जाना जाए और यहाँ के उत्पादों को प्राप्त करने के लिये हर कोई लालायित रहे।
कार्यक्रम के समापन में प्रशिक्षण में शामिल सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र का वितरण भी किया गया।

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