*वनस्पतियों के औषधीय गुणों को संरक्षित करना हमारा दायित्व – कुलपति प्रो. त्रिपाठी*
अनुपपूर जिला मध्य प्रदेश

वनस्पतियों के औषधीय गुणों को संरक्षित करना हमारा दायित्व – कुलपति प्रो. त्रिपाठी
औषधीय सुगन्धित पौधे की खेती व प्रसंस्करण को बढ़ावा देने कृषकों की दो दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला का हुआ शुभारम्भ
आईजीएनटीयू के सभागार में आयोजित किया जा रहा है प्रशिक्षण
रिपोर्टर – चंद्रभान सिंह राठौर संभागीय ब्यूरो चीफ
अनूपपुर/11 मार्च 2022/
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व भारत सरकार के केन्द्रीय वन मंत्री श्री अश्विनी चौबे के मंशा अनुरूप अमरकंटक क्षेत्र के जलवायु अनुरूप औषधीय वनस्पतियों के महत्वपूर्ण केन्द्र के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से कलेक्टर सोनिया मीना की पहल पर आयुष, वन, कृषि एवं किसान कल्याण, उद्यानिकी विभाग व मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन और इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक के समन्वय से स्थानीय कृषकों को औषधीय पौधों के संरक्षण, संवर्धन और प्रसंस्करण के तकनीकी पहलुओं की जानकारी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से जिला प्रशासन अनूपपुर, आईजीएनटीयू व सी-मैप के द्वारा दो दिवसीय तकनीकी प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक के प्रोफेसर लक्ष्मण हवानुर ऑडिटोरियम में आयोजित किया जा रहा है। लाभप्रद औषधि और सगंध पादक के संवर्धन और प्रसंस्करण हेतु आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारम्भ आईजीएनटीयू के कुलपति प्रोफेसर प्रकाशमणि त्रिपाठी द्वारा किया गया। इस अवसर पर आईजीएनटीयू के उत्कृष्टता केन्द्र के प्रोफेसर पी.के. सामल, राष्ट्रीय औषधि एवं सगंध पौधा संस्थान सी-मैप लखनऊ के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. संजय कुमार सहित संबंधित विभागों के अधिकारी व कृषक उपस्थित थे।
प्रशिक्षण सह कार्यशाला का शुभारम्भ करते हुए कुलपति प्रो. प्रकाशमणि त्रिपाठी ने कहा कि अनूपपुर जिले के अमरकंटक और उसके आसपास के इलाके में विभिन्न प्रजाति की औषधीय वनस्पतियों व पुष्पों की प्रचुरता में उपलब्धता है, जो प्राकृतिक रूप से मानव जीवन की विभिन्न व्याधियों की रक्षा करने में सक्षम है। इन औषधीय वनस्पति के संवर्धन व प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के उद्देष्य से समन्वित प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने स्थानीय कृषकों को कार्यशाला सह प्रशिक्षण का लाभ लेकर वनस्पतियों के औषधीय गुणों को संरक्षित करने तथा औषधीय वनस्पतियों व पुष्पों की खेती व प्रसंस्करण से जुड़कर आर्थिक स्वावलम्बी बनने का आव्हान किया।
कार्यशाला सह प्रशिक्षण में उपस्थित कृषकों को पॉवर प्वाइंट प्रेजेन्टेशन के माध्यम से औषधीय, खेती व प्रसंस्करण के संबंध में विषय-विशेषज्ञों द्वारा विशेष रूप से प्रकाश डाला गया। कार्यशाला का संचालन प्रो. रविन्द्र शुक्ला द्वारा व आभार प्रदर्शन प्रो. प्रशान्त सिंह द्वारा किया गया। कार्यक्रम में उप संचालक कृषि एन.डी. गुप्ता, सहायक संचालक उद्यानिकी व्ही.डी. नायर, एनआरएलएम के जिला परियोजना प्रबंधक शषांक प्रताप सिंह, जिला आयुष अधिकारी डॉ. कोकिला सारीवान व युवा सलाहकार अनुभव तिवारी सहित संबंधित विभागों के खण्ड स्तरीय अधिकारी-कर्मचारी व लगभग 150 महिला-पुरुष किसान व स्वसहायता समूह के सदस्य विशेष रूप से उपस्थित थे।