*प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इंदौर के गोबर-धन प्लांट का किया लोकार्पण*
सतना जिला मध्य प्रदेश

*प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इंदौर के गोबर-धन प्लांट का किया लोकार्पण*
(पढ़िए मध्य प्रदेश हेड राजमणि पांडे की रिपोर्ट)
आत्मनिर्भर और स्वच्छ भारत के संकल्प को पूरा करेगा- मध्यप्रदेश-मुख्यमंत्री
टाउन हाल में देखा गया कार्यक्रम का सीधा प्रसारण⚡
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मध्य प्रदेश के अंतर्गत जिला सतना में 19 फरवरी 2022/ को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में 550 मीट्रिक टन क्षमता के गोबर-धन (बायो सीएनजी) प्लांट का लोकार्पण किया। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण प्रदेश के सभी नगर निगम, नगर पालिका एवं परिषदों में एलईडी स्क्रीन के माध्यम से देखा और सुना गया। सतना नगर निगम के अंतर्गत जिला स्तरीय कार्यक्रम टाउन हॉल सतना में सांसद श्री गणेश सिंह के मुख्यातिथ्य में हुआ। कलेक्टर श्री अनुराग वर्मा, उपायुक्त नगर निगम श्री भूपेंद्र देव परमार, पूर्व महापौर श्रीमती ममता पांडेय, पूर्व स्पीकर श्री अनिल जायसवाल, पूर्व अध्यक्ष केंद्रीय सहकारी बैंक श्री रत्नाकर चतुर्वेदी सहित पूर्व पार्षद गण भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ सांसद गणेश सिंह ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया।
कार्यक्रम में इंदौर के 550 मीट्रिक टन क्षमता के गोबर-धन (बायो सीएनजी) प्लांट का प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने रिमोट का बटन दबाकर वर्चुअल लोकार्पण किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का दिन इंदौर के स्वच्छता अभियान को नई ताकत देने वाला है। इंदौर सहित महानगरों में गीले कचरे से निस्तारण के लिए यह प्रयास प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा कि देश के 75 बड़े शहरों में गोबर-धन प्लांट बनाने का काम किया जाएगा। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने इतने कम समय में इंदौर में गोबर-धन प्लांट स्थापित करने पर मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की विशेष रूप से प्रशंसा करते हुए कहा कि यह इंदौर का प्लांट देश के दूसरे शहरों को प्रेरणा देगा। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के इंदौर ने वाटर प्लस शहर होने का गौरव हासिल किया है।
सरकार का प्रयास है कि ज्यादा से ज्यादा वाटर प्लस शहर बने।
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के आत्मनिर्भर और स्वच्छ भारत के संकल्प को पूरा करने में मध्यप्रदेश में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। उन्होंने कहा कि इंदौर का यह प्लांट प्रधानमंत्री जी के वेस्ट-टू-वेल्थ के विजन को साकार करने का उदाहरण है। गोबर-धन प्लांट से प्रतिदिन 550 टन गीले कचरे का प्र-संस्करण होगा तथा किसानों को प्रतिदिन 100 टन जैविक खाद मिल सकेगी। प्लांट से नागरिक सुविधा के लिए संचालित 400 सिटी बसों को ईधन के रूप में सीएनजी मिलेगी। प्लांट से प्रतिदिन 17-18 टन सीएनजी का उत्पादन होगा और पर्यावरण के लिए प्रतिवर्ष एक लाख 30 हजार टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी। किसानों से प्लांट के लिए 5 रुपये किलोग्राम की दर से गोबर खरीदा जाएगा। जिससे किसानों को गोबर से भी अतिरिक्त आमदनी होगी।