*रिकॉर्ड समय में सुधार कार्य कर दिखाया ट्रांसको कर्मियों ने अपना काम*
शहडोल जिला मध्य प्रदेश

रिकॉर्ड समय में सुधार कार्य कर दिखाया ट्रांसको कर्मियों ने अपना काम
शहडोल जिले में चक्रवात से क्षतिग्रस्त लाइन को पुनः चालू कर दिया 4 दिनों में
संवाददाता – चंद्रभान सिंह राठौर संभागीय ब्यूरो चीफ
शहडोल/26 सितंबर 2021/
मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी के कार्मिकों ने विद्युत उत्पादन केंद्र अमरकंटक और विरसिंहपुर से आने वाली 220 केवी अमरकंटक पनागर लाइन के क्षतिग्रस्त टावरों और लाइनों का सुधार कार्य मात्र 4 दिन के कम समय में पूरा कर एक उल्लेखनीय कार्य किया है
गत 21 सितंबर को चक्रवात आंधी के कारण शहडोल जिले से गुजरने वाली इस लाइन के लोकेशन क्रमांक 84 और 85 के टावर धाराशायी हो गए थे
शहडोल जिले की बुढार तहसील के खैरहा गांव के पास हुए क्षतिग्रस्त इन टावरों की लोकेशन मुख्य सड़क मार्ग से लगभग 1 किलोमीटर अंदर थी जहां सिर्फ पैदल मार्ग या बड़ी कठिनाई से ट्रैक्टर द्वारा ही पहुंचा जा सकता था 21 सितंबर को फाल्ट लोकेशन का पता चलते ही मुख्य अभियंता इंजीनियर आर एस बघेल के निर्देश पर सतना के कार्यपालन अभियंता अति उच्चदाब संधारण इंजी जय श्रीवास्तव और टी एल एम उपसंभाग शहडोल की टीमों ने स्थल पर पहुंच कर कार्य प्रारंभ कर दिया
इस सुधार कार्य के लिए लगभग 4 टन वजनी टावर के पार्ट अगले दिन सिहोर वर्कशॉप से लाये गए जिन्हें सुधार कार्य कर रहे कार्मिकों ने बारिश व कीचड़ की स्थिति में लगभग 1 किलोमीटर पैदल व ट्रैक्टर के सहारे स्थल तक पहुंचाए।
स्थल पर ही किया कैंप
पूरी संधारण टीम ने 4 दिनों तक स्थल पर ही रहकर दिन-रात सुधार कार्य किया।रोशनी के लिए दो जनरेटर के साथ आस्का लैंप की व्यवस्था भी बनाई गई ताकि रात में भी काम अनवरत चलता रहे
दो टावर के साथ लगभग 4 किलोमीटर लाइन सुधारी गई
चक्रवात के कारण दो टावरों के क्षतिग्रस्त होने के अलावा लगभग 4 किलोमीटर की लाइन भी प्रभावित हुई जिसे भी स्थल पर सुधार कर उन्हें उपयोग में लाया गया सुधार कार्य कर इस महत्वपूर्ण लाइन को 25 सितंबर को शाम को चालू कर दिया गया|
इनका योगदान सराहनीय रहा
सुधार कार्य में कंपनी के सहायक अभियंता सुनील भलावी ,कनिष्ठ अभियंता आशीष शाह, लाइन स्टाफ गुफरान खान, बल सिंह, इफरान खान, पुष्पेंद्र सिंह, बाबूलाल, द्वारका प्रसाद, योगेंद्र सिंह ,राजवेश पटेल के साथ मेसर्स सिंह इंटरप्राइजेज के कर्मियों का विशेष योगदान रहा जिन्होंने रात दिन मेहनत कर विषम परिस्थितियों में इस महत्वपूर्ण लाइन के सुधार कार्य को रिकॉर्ड समय में पूरा किया।