*ग्राम पंचायत धीरू टोला के रोजगार सहायक सचिव दिनेश कुमार जायसवाल की कंप्यूटर, एप्लिकेशन ( डी.सीए) डिप्लोमा फर्जी होने का मामला आया है सामने*
अनुपपूर जिला मध्य प्रदेश

ग्राम पंचायत धीरू टोला के रोजगार सहायक सचिव दिनेश कुमार जायसवाल की कंप्यूटर, एप्लिकेशन ( डी.सीए) डिप्लोमा फर्जी होने का मामला आया है सामने
संवाददाता – चंद्रभान सिंह राठौर संभागीय ब्यूरो चीफ
अनूपपुर/पुष्पराजगढ़
राकेशवर सिंह मसराम ग्राम पंचायत धीरू टोला ने लगाया आरोप, की दिनेश कुमार जायसवाल पिता श्याम लाल जायसवाल निवासी ग्राम पंचायत धीरू टोला पुष्पराजगढ़ ने 2012 एवं 2013 में जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ से ग्राम पंचायत धीरू टोला के लिए रोजगार सहायक सचिव कि भर्ती मेरिट लिस्ट से निकली थी, जिसमें वर्तमान पर जो रोजगार सहायक सचिव दिनेश कुमार जायसवाल हैं,।
इन्होंने जाली दस्तावेज कंप्यूटर एप्लिकेशन का डिप्लोमा बनवा कर जमा कर दिया, इनके रिश्तेदार पंचायत पी सी ओ के पद पर थे, जिससे इनके जाली बनवाया गया कंप्यूटर की डिप्लोमा सन् 2010 को वेरिफाई नहीं किया गया, जिसे देखकर कोई भी व्यक्ति या अधिकारी मना नहीं कर सकता है कि ये जाली नहीं है। इस बात कि पुष्टि करने के लिए जब दिनेश कुमार जायसवाल के कंप्यूटर के डिप्लोमा के साक्ष्य जो सूचना के अधिकार के तहत जो पेश कीया गया उसे देखने में।
बहुत सारी बातें सामने आने लगी शिकायत वापस ले लो नहीं अच्छा नहीं होगा और हुआ भी, राकेशवर सिंह के ऊपर हमला, राकेशवर सिंह ने सुरक्षा के लिए थाने से लेकर कलेक्टर , पुलिस प्रशासन, सीएम हेल्पलाइन तक शिकायत दर्ज करवाई पर किसी ने नहीं सुनी।
पर राकेश्वर सिंह मसराम ने हार नहीं मानी, क्या ग्राम पंचायत का रोजगार सहायक सचिव 9000 रुपए कमाने वाले की बात को सभी सुनते हैं या फिर उससे डरते ,या उसके सामने शासन प्रशासन कमजोर है। और बात करे कि कंप्यूटर के डिप्लोमा बनाने वाले ने इतने फुर्सत से बनाया या फिर कहे कि जल्दी में बनाया कि बनाने वाले ने डिप्लोमा के शारटिफिकेट में भूल गया पिता का नाम छापना,रोल नंबर छापना, और तो हद हो गई कि एक ही पेन से एक ही व्यक्ति ने हस्ताक्षर किए हुए हैं,इसे देखने के बाद और भी पड़ताल की गई , मेघालय के सी,एम,जे यूनिवर्सिटी की ,
अमर उजाला ने भी सी एम जे यूनिवर्सिटी के फर्जी डिग्री बांटने के मामले को प्रकाशित भी किया था। जिसमें यह बताया गया था, की मेघालय राज्य के राज्यपाल ने विजटर कि हैसियत से, जब मेघालय के यूनिवर्सिटी में विजिट किया तो कई प्रकार से अनियमितता पाए जाने पर, और प्राथमिक जांच में दोषी पाए जाने पर।
राज्यपाल ने राज्य सरकार से मांग की मेघालय में स्थित सी एम जे यूनिवर्सिटी को बंद कर दिया जाय। जांच वारिषठ आईएएस अधिकारी एम एस राव, विजिलेंस कमीशनर को सौंपा गया, जांच में दोषी पाए जाने से सरकार ने मेघालय राज्य के सी एम जे यूनिवर्सिटी की डिप्लोमा कोर्स और डिग्रियां को निरस्त कर दिया गया था सन् 2010-11,2011-2012और 2013 तक की डिग्री रद कर दी गई थी मेघालय राज्य सरकार के द्वारा।
और शहडोल संभाग में भी मेघालय राज्य के सी एम जे यूनिवर्सिटी से प्राप्त फर्जी डिग्री का मामला दैनिक भास्कर के पेपर पर निकाला गया था,
जिसमें भी मामला जिला पंचायत शहडोल का था जो मेघालय की फर्जी डिग्री डिप्लोमा लगा के राजभान मिश्रा नाम का व्यक्ति, ग्राम पंचायत तेदुंहा रोजगार सहायक सचिव के पद पर भर्ती हो गया था ।जो बाद में फर्जी डिग्री डिप्लोमा पेश करने पर दोषी ठहराया गया और उसकी कंप्यूटर एप्लिकेशन के डिग्री डिप्लोमा को सरकार ने रद्द कर दिया। और मानदेय राशि भी वसूली की गई। और शिकायत कर्ता व्यक्ति के शिकायत को संज्ञान में लेते हुए रोजगार सहायक सचिव राजभान मिश्रा के खिलाफ जांच में डिप्लोमा फर्जी पाए जाने पर, शिकायत कर्ता को वरियता सूची के आधार पर तेंदुहा रोजगार सहायक सचिव नियुक्त किया गया।
पुष्पराजगढ़ जनपद पंचायत धीरू टोला रोजगार सहायक सचिव दिनेश कुमार जायसवाल का मामला तो अपर कलेक्टर अनूपपुर, जिला पंचायत सीईओ अनूपपुर से लेकर शासन प्रशासन, सभी को है,पर क्यों कार्यवाही नहीं की जा रही है मेघालय के फर्जी डिग्री, डिप्लोमा लगाने वाले दिनेश कुमार जायसवाल पर, अब देखना होगा कि जिला प्रशासन , जिला पंचायत अनूपपुर सीईओ मिलिंद नागदेवे और पुष्पराजगढ़ सीईओ कार्यवाही करेंगे या फिर फर्जी डिग्री वाले का मामला फिर से ठंडा हो जाएगा।
आखिर एक सवाल उठता है कि, क्या पढ़ने वाले विद्यार्थियों और मेहनत करने वाले कि डिग्री डिप्लोमा किसी काम कि नहीं, और फर्जी तरीके से डिग्री डिप्लोमा जो देखकर ही बच्चे पकड़ लेकि ये तो फर्जी डिग्री भी ढंग से नहीं छापा गया है।