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*शिक्षक संदर्भ समूह द्वारा आयोजित तीन दिवसीय शैक्षिक संवाद संपन्न व्यवस्थागत सुधार शिक्षण और प्रशिक्षण की गुणवत्ता के लिए जरूरी है : गुरवचन सिंह*

भोपाल /शहडोल जिला मध्यप्रदेश

शिक्षक संदर्भ समूह द्वारा आयोजित तीन दिवसीय शैक्षिक संवाद संपन्न

व्यवस्थागत सुधार शिक्षण और प्रशिक्षण की गुणवत्ता के लिए जरूरी है : गुरवचन सिंह

मध्य प्रदेश हेड राजमणि पांडे के साथ संभागीय ब्यूरो चीफ चन्द्रभान सिंह राठौर कि कलम से

भोपाल/शहडोल

दिन शुक्रवार दिनांक 25 जून 2021 को शिक्षक संदर्भ समूह द्वारा आयोजित शैक्षिक संवाद में शिक्षाविद गिजू भाई का पुण्य स्मरण और डॉ.गुलाब चौरसिया जी का जन्म दिन मनाते हुए शिक्षकों ने स्वयं सेवी प्रयास के रूप में ” मेरा विद्यालय मेरी पहचान” अभियान संचालित करने का निर्णय लिया है।

इस अभियान के तहत तय किया गया है कि एक हजार विद्यालयों का रूपांतरण करेंगे जिसके माध्यम से विद्यालय में दर्ज़ हुए सभी बच्चों को प्रतिदिन विद्यालय आने के लिए प्रेरित किया जाएगा और बच्चों की भाषाई क्षमता को बढ़ाने की पहल की जाएगी। समूह के समन्वयक डॉ दामोदर जैन ने बताया कि 23 जून से 25 जून तक आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ.मनोहर दुबे ( आई ए एस) ने गिजू भाई की पुस्तक दिवास्वप्न पर केन्द्रित चर्चा के माध्यम से किया।

उन्होंने कहा कि गिजू भाई जी की शिक्षा मानव निर्माण का कार्य प्रशस्त करती है। शिक्षकों को प्रोत्साहित करने और उनके आंतरिक बदलाव की अत्यधिक जरूरत है। इस अवसर पर डॉ.प्रमोद सेठिया, राम गोपाल रैकवार, राम सेवी चौहान ने भी अपने विचार व्यक्त किए। संवाद के दूसरे दिन मेरा विद्यालय मेरी पहचान अभियान पर केन्द्रित चर्चा हुई जिसमें उमा उपाध्याय, आनन्द कुमार नेमा और राजेश त्रिवेदी जी ने अपने अनुभव प्रस्तुत करते हुए कहा कि यह अभियान शिक्षकों की अस्मिता की रक्षा करने वाला है। डाइट कटनी की ओर से राजेंद्र असाटी के निर्देशन में निधि चतुर्वेदी और मनीष सोनी द्वारा” पाठ की यात्रा” प्रस्तुत की गई। मुख्य अतिथि दिनेश अवस्थी जी ने विद्यालय को बेहतर बनाने वाले अनुभव सभी साथियों को बताए जिनसे सभी प्रभावित हुए। तीसरे दिन प्रसिद्ध शिक्षाविद डॉ गुलाब चौरसिया के जन्म दिवस पर शिक्षण प्रशिक्षण की वर्तमान दशा और दिशा : अनुभव और संभावनाएं विषय पर केन्द्रित चर्चा डॉ गुरवचन सिंह, अज़ीम प्रेमजी विश्व विद्यालय के मार्गदर्शन में हुई। इस परिचर्चा में हल्के वीर पटेल, अलका शुक्ला, रघुवीर गुप्ता, राम सेवी चौहान और कुसुम पाठक ने भाग लेकर कहा कि शिक्षकों के प्रशिक्षण में सुधार के साथ उनकी उदासीनता को खत्म करने की दिशा में सक्रिय पहल करनी चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्ष डॉ.अंजु वाजपेई ने डॉ गुलाब चौरसिया के व्यक्तित्व के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के अनोखे शिक्षाविद डॉ गुलाब चौरसिया जी को शिक्षक शिक्षा के क्षेत्र में किए गए कार्यों के परिपेक्ष्य में जो सम्मान दिया जाना चाहिए था वह अभी संभव नहीं हो सका है। सुरेन्द्र नाथ दुबे संपादक स्कूल शिक्षा पत्रिका ने कहा कि उन्होंने डॉ गुलाब चौरसिया जी के साथ काम करते हुए महसूस किया कि वे भविष्यदृष्टा थे। डॉ गुरवचन सिंह जी ने सभी के विचार को समेकित करते हुए कहा कि समूह द्वारा आयोजित कार्यक्रम सराहनीय है जिसमें शिक्षकों ने खुलकर अपने विचार व्यक्त किए हैं। शिक्षक प्रशिक्षण में सुधार के लिए जरूरी है कि व्यवस्थागत सुधार किए जाने चाहिए। धीरेन्द्र शर्मा ने प्रस्ताव रखा कि जबलपुर में अगले वर्ष तक डॉ गुलाब चौरसिया ने जिस विद्यालय से पढ़कर इतनी ऊंचाई प्राप्त की है, उसे उनकी स्मृति में संग्रहालय के रूप में विकसित किया जा सकता है। अगले वर्ष डॉ गुलाब चौरसिया जी का शताब्दी वर्ष मनाया जाकर शिक्षाविद के नाम पर यह कार्य किया जाना चाहिए। समूह के निदेशक प्रवीण भौपे ने कहा कि यह शैक्षिक संवाद शिक्षकों के लिए प्रेरणा के रूप में है जिसे निरन्तर जारी रखा जाएगा।हम मिलकर काम करेंगे तो संभव है कि हमारे प्रयास से अनेक विद्यालय बेहतर हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि समूह की ओर से शिक्षकों को प्रोत्साहित करने के लिए शिक्षाविद गुलाब चौरसिया स्मृति सम्मान और विद्यालयों को रूपांतरित करने वाले लोगों को शिक्षाविद गिजू भाई सम्मान शिक्षक संदर्भ समूह द्वारा आयोजित किए जा रहे हैं। इस तीन दिवसीय शैक्षिक संवाद में प्रदेश भर से सैकड़ों शिक्षकों ने सहभागिता की।

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