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जमथान पंचायत में मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों की दुर्दशा महीनों से हैंडपंप बंद,(बूंद-बूंद) पानी के लिए तरस रहे हैं मासूम बच्चे

तहसील भरतपुर जिला मनेंद्रगढ़ छत्तीसगढ़

जमथान पंचायत में मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों की दुर्दशा महीनों से हैंडपंप बंद,(बूंद-बूंद) पानी के लिए तरस रहे हैं मासूम बच्चे

(पढिए जिला एमसीबी ब्यूरो चीफ मनमोहन सांधे की खास खबर)

छत्तीसगढ़ राज्य के जिला एमसीबी के भरतपुर विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत *जमथान* के घोघरापारा स्थित मिनी आंगनबाड़ी केंद्र में बुनियादी नागरिक सुविधाओं की भारी अनदेखी सामने आई है। यहाँ महीनों से हैंडपंप खराब पड़ा हुआ है, जिससे छोटे-छोटे बच्चों को पीने के पानी के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

ग्रामवासियों ने बताया कि इस समस्या की सूचना कई बार ग्राम पंचायत के सरपंच एवं संबंधित विभागीय अधिकारियों को दी गई, लेकिन अब तक किसी भी प्रकार की मरम्मत नहीं कराई गई। पहले यहाँ सामान्य हैंडपंप लगा था तो कभी इस तरह की परेशानी नहीं आई। लेकिन नए सोलर सिस्टम आधारित हैंडपंप लगाए जाने के बाद से पानी निकलने में काफी समय लगता है, कई बार तो बिल्कुल पानी नहीं निकलता।

स्थानीय निवासियों का स्पष्ट आरोप है कि शासन–प्रशासन एवं विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति दिन-ब-दिन बदतर होती जा रही है। ग्राम जमथान में संचालित अधिकांश आंगनबाड़ी केंद्रों में वाटर सोर्स लगाने के नाम पर शासन द्वारा लाखों रुपये खर्च किए गए, लेकिन इनकी वास्तविक उपयोगिता पर किसी ने ध्यान नहीं दिया।

बुनियादी सुविधाओं का अभाव — बच्चों की शिक्षा व स्वास्थ्य दोनों प्रभावित

ग्रामवासियों का कहना है कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में पानी की सुविधा, शौचालय एवं सफाई जैसी अनिवार्य व्यवस्थाएँ पूरी तरह उपेक्षित हैं। गरीब, मजदूर व किसान परिवारों के मासूम बच्चों को न तो स्वच्छ पेयजल मिल पा रहा है और न ही स्वच्छ व सुरक्षित वातावरण।

* आंगनबाड़ी भवनों में वाटर टैंक और डोर फिटिंग तो की गई, पर अधिकांश खराब पड़ी हैं।

* कई केंद्रों में टायलेट का निर्माण तो हुआ, परंतु उनमें पानी की सुविधा नहीं होने से उनका उपयोग ही नहीं हो रहा।
* गर्मी के मौसम में पानी की कमी बच्चों के लिए स्वास्थ्य संबंधी खतरा बन चुकी है।

स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि तत्काल हैंडपंप की मरम्मत कराई जाए, सोलर सिस्टम की तकनीकी खामियों को दूर किया जाए एवं आंगनबाड़ी केंद्रों को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए।

ग्रामीणों की चेतावनी — समस्या का जल्द समाधान न हुआ तो होगा उग्र आंदोलन

ग्रामवासियों ने साफ कहा है कि यदि आने वाले दिनों में बच्चों के लिए पानी व मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था नहीं की गई तो वे पंचायत से लेकर जिला मुख्यालय तक धरना–प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे।

सरकार को अब जागना होगा — विकास के दावे जमीनी हकीकत से कोसों दूर

शासन की योजनाएँ कागजों में सफल दिखती हैं, लेकिन जमीन पर आंगनबाड़ी केंद्रों की हालत यह दर्शाती है कि गरीबों और बच्चों के नाम पर सिर्फ बजट तो खपाया जा रहा है, परंतु उसकी वास्तविक पहुँच लाभार्थियों तक नहीं हो पा रही है।

ग्राम जमथान जैसी स्थिति अगर सुधारी न गई तो ग्रामीण क्षेत्रों में पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाएँ केवल ‘औपचारिकता’ भर बनकर रह जाएँगी।

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