गढ़वार सहकारी समिति में खाद की किल्लत से किसान परेशान, जताई नाराज़गी
तहसील भरतपुर जिला मनेंद्रगढ़ छत्तीसगढ़

गढ़वार सहकारी समिति में खाद की किल्लत से किसान परेशान, जताई नाराज़गी
(पढिए जिला एमसीबी ब्यूरो चीफ मनमोहन सांधे की खास खबर)
छत्तीसगढ़ राज्य भरतपुर (एमसीबी)।
विकासखंड भरतपुर अंतर्गत आदिवासी जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित गढ़वार (कंजिया) में खाद वितरण व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है।
यहां किसानों को लंबे समय से डीएपी और यूरिया जैसी ज़रूरी खाद उपलब्ध नहीं हो पा रही है,
जिससे बुवाई के मौसम में किसान गहरी परेशानी का सामना कर रहे हैं।
किसानों का कहना है कि बुवाई का समय निकल रहा है और यदि खाद समय पर नहीं मिली तो उनकी मेहनत और फसल दोनों पर संकट मंडरा जाएगा। गुस्साए किसानों ने समिति प्रबंधन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है।
समिति प्रबंधक ने दी सफाई
गढ़वार समिति के प्रबंधक ने किसानों को जानकारी देते हुए कहा कि उनकी ओर से खाद की पर्याप्त मांग उच्च अधिकारियों तक भेज दी गई है, लेकिन अब तक आपूर्ति नहीं हो पाई है। जैसे ही खाद पहुंचेगी, उसे किसानों तक पहुंचाया जाएगा।
हालांकि किसानों का कहना है कि जब खाद जरूरत के समय नहीं मिलेगी, तब बाद में उसका कोई महत्व नहीं रहेगा। उन्होंने शासन-प्रशासन से सवाल किया कि आखिर हर बार बुवाई के मौसम में खाद की किल्लत क्यों होती है?
किसानों की नाराज़गी और सरकार पर सवाल
ग्रामीण किसानों ने नाराज़गी जताते हुए कहा कि डबल इंजन की सरकार” बनने के बाद से गरीब किसानों को सुविधाओं से वंचित किया जा रहा है।
सरकार किसानों की समस्याओं को गंभीरता से नहीं ले रही है।
किसानों का कहना है कि—
1. हर वर्ष खाद वितरण में अव्यवस्था रहती है।
2. खाद की कमी से किसान समय पर बुवाई नहीं कर पाते।
3. इससे सीधे-सीधे उनकी आय और मेहनत पर असर पड़ता है।
तत्काल खाद उपलब्ध कराने की मांग
किसानों ने शासन से अपील की है कि गढ़वार समिति सहित पूरे क्षेत्र में तत्काल पर्याप्त खाद उपलब्ध कराई जाए, ताकि बुवाई का समय व्यर्थ न हो। किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र व्यवस्था नहीं की गई तो वे आंदोलन करने पर मजबूर होंगे।
बड़ा सवाल – सरकार कब लेगी संज्ञान?
अब ग्रामीणों की निगाहें शासन-प्रशासन पर टिकी हैं कि कब तक खाद गढ़वार समिति तक पहुंचती है। क्या सरकार किसानों की आवाज़ सुनेगी या एक बार फिर किसानों को अनदेखा कर दिया जाएगा?