जिला कलेक्टर ने खाद्य सुरक्षा को लेकर सलाहकार समिति की बैठक में खाद्य सुरक्षा को लेकर लिये अहम निर्णय
सतना जिला मध्य प्रदेश

जिला कलेक्टर ने खाद्य सुरक्षा को लेकर सलाहकार समिति की बैठक में खाद्य सुरक्षा को लेकर लिये अहम निर्णय
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*मध्य प्रदेश जिला सतना, 16 जून 2025।*
जिला कलेक्ट्रेट सभागार सतना में सोमवार को खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के तहत जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक आयोजित की गई।
बैठक की अध्यक्षता जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट डॉ. सतीश कुमार एस. ने की।
बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एल.के. तिवारी ने वर्ष 2024-25 में खाद्य सुरक्षा विभाग की उपलब्धियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिले में वर्तमान में 1015 सक्रिय लाइसेंसधारी एवं 6718 पंजीकृत खाद्य प्रतिष्ठान कार्यरत हैं, जिनसे 52 लाख 41 हजार रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है।
*अब तक लिए गए नमूनों और कार्यवाहियों का विवरण:*
* 404 प्रवर्तन नमूने
* 1034 निगरानी नमूने
* 506 निरीक्षण
* 62 प्रकरणों में 7 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना अधिरोपित
“ईट राइट” अभियान में सतना की उल्लेखनीय प्रगति*
डॉ. तिवारी ने बताया कि “ईट राइट इंडिया” पहल के तहत सतना जिले ने सराहनीय प्रगति की है। अब तक:
* 2 पूजा स्थल
* 11 संस्थानिक परिसर
* 2 रेलवे स्टेशन
* 1 स्कूल
ईट राइट प्रमाणित हो चुके हैं।
इसके साथ ही उन्होंने जिला कलेक्टर से आग्रह किया कि जिले में “स्वच्छ स्ट्रीट फूड हब” एवं “स्वच्छ फल एवं सब्जी मंडी” के लिए उपयुक्त स्थल चिन्हित किए जाएं, जिस पर कलेक्टर ने सहमति प्रदान की।
प्रवर्तन कार्यवाही होगी सघन
कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस. ने खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को प्रवर्तन गतिविधियां तेज करने और साप्ताहिक मूल्यांकन की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
आम नागरिकों में घरेलू स्तर पर खाद्य मिलावट की पहचान के प्रति जागरूकता बढ़ाने पर बल दिया और हर घर में घरेलू खाद्य परीक्षण किट के प्रचार-प्रसार पर जोर दिया।
सभी सरकारी व अनुबंधित प्रतिष्ठानों को अनिवार्य पंजीयन के निर्देश*
खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा सुझाव दिया गया कि विभिन्न विभागों जैसे:
* आबकारी विभाग (शराब दुकानें)
* खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग (उचित मूल्य दुकानें)
* महिला एवं बाल विकास विभाग (आंगनवाड़ी)
* जनजातीय कार्य विभाग (छात्रावास/मेस)
* जिला पंचायत (मध्याह्न भोजन योजना)
इनके अधीन या अनुबंधित सभी खाद्य प्रतिष्ठानों को अनिवार्य रूप से लाइसेंस या पंजीकरण प्राप्त करना चाहिए।
कलेक्टर ने आश्वस्त किया कि संबंधित विभागों को इस संबंध में निर्देश शीघ्र जारी किए जाएंगे ताकि खाद्य सुरक्षा कानून का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित हो सके।
बैठक में संबंधित विभागों के प्रतिनिधि और खाद्य सुरक्षा अधिकारी उपस्थित रहे और मिलावट रहित समाज की दिशा में ठोस कदम उठाने पर सहमति बनी।