Breaking Newsअन्य राज्यआगराइंदौरइलाहाबादउज्जैनउत्तराखण्डगोरखपुरग्राम पंचायत बाबूपुरग्वालियरछत्तीसगढ़जबलपुरजम्मू कश्मीरझारखण्डझाँसीदेशनई दिल्लीपंजाबफिरोजाबादफैजाबादबिहारभोपालमथुरामध्यप्रदेशमहाराष्ट्रमहिलामेरठमैनपुरीयुवाराजस्थानराज्यरामपुररीवालखनऊविदिशासतनासागरहरियाणाहिमाचल प्रदेशहोम

जिला कलेक्टर ने रेलवे निर्माण एवं खेतों का रास्ता को लेकर झरेला किसानों ने किया धरना प्रदर्शन हड़ताल

कटनी जिला मध्य प्रदेश

जिला कलेक्टर ने रेलवे निर्माण एवं खेतों का रास्ता को लेकर झरेला किसानों ने किया धरना प्रदर्शन हड़ताल

(पढिए जिला कटनी ब्यूरो चीफ ज्योति तिवारी की खास खबर)

मध्य प्रदेश जिला कटनी, 24 मई 2025:
रेलवे की तीसरी लाइन बिछाने के कार्य के चलते कटनी जिले के बड़वारा तहसील के ग्राम झरेला के किसान गंभीर संकट में हैं।

किसानों का कहना है कि इस कार्य के कारण उनके खेतों तक पहुंचने का मार्ग पूरी तरह से अवरुद्ध हो गया है, और कोई वैकल्पिक रास्ता भी उपलब्ध नहीं है।

इस गंभीर समस्या को लेकर किसान संगठन के उपाध्यक्ष ईश्वर चंद्र त्रिपाठी के नेतृत्व में दर्जनों किसान कटनी कलेक्ट्रेट के बाहर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं।

किसानों ने बताया कि झरेला क्षेत्र में लगभग 150 किसान करीब 400 एकड़ भूमि पर खेती करते हैं।

यदि मार्ग की समस्या का समाधान नहीं हुआ तो आगामी जुलाई से वहां खेती करना लगभग असंभव हो जाएगा। किसानों की प्रमुख मांग है कि जहां पूर्व में रेलवे फाटक था, वहां एक अंडरपास का निर्माण किया जाए

जिससे वे खेतों तक सुगमता से पहुंच सकें और खेती कार्य निर्बाध रूप से जारी रह सके।

धरने पर बैठे किसानों ने सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी समस्याओं को नजरअंदाज किया जा रहा है।

वे विधायक, सांसद और रेल मंत्रालय तक अपनी बात पहुंचा चुके हैं, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है, जिससे विवश होकर उन्हें धरना देना पड़ रहा है।

किसानों ने केवल रास्ते की समस्या ही नहीं उठाई, बल्कि अन्य मुद्दों पर भी शासन का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने बताया कि उन्हें हर वर्ष अपने ही खेत की भूमि को बेचने के लिए बार-बार पंजीकरण की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है, जिससे मानसिक तनाव उत्पन्न होता है।

इसके अलावा प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में दी जाने वाली 1,50,000 रुपये की राशि अपर्याप्त है

क्योंकि निर्माण सामग्री शहर से गांव तक लाने में अतिरिक्त परिवहन व्यय आता है।

किसानों का कहना है कि सरकार को उनकी समस्याओं की ओर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए और शीघ्र समाधान प्रस्तुत करना चाहिए

जिससे वे पुनः अपनी कृषि गतिविधियों को सुचारू रूप से जारी रख सकें।

Related Articles

Back to top button