जिला कलेक्टर समय-सीमा प्रकरणों की बैठक में आदेश सीएम हेल्पलाइन में तीन दिवस में परफार्मेन्स सुधारे पीएचई
सतना जिला मध्य प्रदेश

जिला कलेक्टर समय-सीमा प्रकरणों की बैठक में आदेश सीएम हेल्पलाइन में तीन दिवस में परफार्मेन्स सुधारे पीएचई
(पढिए राजधानी एक्सप्रेस न्यूज़ हलचल आज की सच्ची खबरें)
मध्य प्रदेश जिला सतना 17 मार्च 2025/सोमवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में संपन्न हुई समय-सीमा प्रकरणों की बैठक में कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों के निराकरण में गति लाकर अगले तीन दिन में परफारमेंस सुधारने के निर्देश दिये हैं। समय-सीमा प्रकरणों की बैठक में अपर कलेक्टर स्वप्निल वानखडे, नगर निगम आयुक्त शेर सिंह मीना, एसडीएम जितेन्द्र वर्मा, एपी द्विवेदी, सुधीर बेक, लोक निर्माण विभाग बीआर सिंह सहित जिला विभाग प्रमुख अधिकारी मौजूद रहे।
सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों की विभागवार समीक्षा में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की ग्रेडिंग 24वें स्थान पर रहने पर कलेक्टर ने अप्रसन्नता व्यक्त की।
कलेक्टर ने कहा कि सभी विभाग अपने सीएम हेल्पलाइन के प्रकरणों में शिकायतकर्ता से बातीचत करें और संतुष्टिपूर्ण निराकरण का प्रतिशत बढायें। उन्होंने कहा कि प्रयास करें कि उनका विभाग ’ए’ श्रेणी में रहे और कम से कम 15वें स्थान पर आने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि पूर्व की बैठक में दिये निर्देशानुसार राजस्व विभाग को न्यूनतम 48 प्रतिशत और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को संतुष्टिपूर्ण निराकरण का प्रतिशत कम से कम 55 प्रतिशत लाने का लक्ष्य दिया गया था।
प्रयास करें कि निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप संतुष्टिपूर्ण निराकरण किया जाये।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की समीक्षा में कलेक्टर ने कहा कि ग्रीष्मकाल में हैण्डपम्प और पेयजल संबंधी समस्यायें बढ रही है।
विभाग के अधिकारी फील्ड में सक्रिय रहे और प्रकरणों के निराकरण की गति बढाकर परफारमेंस सुधारे।
तीन दिन का समय देकर कलेक्टर ने कहा कि सुधार नहीं होने पर कार्यपालन यंत्री और सभी सहायक यंत्रियों पर कार्यवाही की जायेगी।
सभी विभाग इन तीन दिनों में सीएम हेल्पलाइन पर फोकस रहे और प्रयास करें कि जिले की ग्रेडिंग 15 वें स्थान से ऊपर ही रहे। कलेक्टर ने समय-सीमा पत्रकों की विभागवार समीक्षा की।
गेहूं उपार्जन की तैयारियों की समीक्षा में कलेक्टर ने कहा कि उपार्जन कार्य शुरू करने के पूर्व सभी आवश्यक व्यवस्थायें और संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करें।
समय-सीमा प्रकरणों की समीक्षा में कलेक्टर ने अन्तर विभागीय मामलों में संबंधित अधिकारियों से चर्चा कर आवश्यक निर्देश दिये।