प्रभारी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने चित्रकूट प्रगतिरत विकास कार्य एवं समग्र विकास पर परिचर्चा में हुए शामिल
सतना जिला मध्य प्रदेश

प्रभारी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने चित्रकूट प्रगतिरत विकास कार्य एवं समग्र विकास पर परिचर्चा में हुए शामिल
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कैलाश विजयवर्गीय धार्मिक टूरिज्म से बढती है क्षेत्र की आर्थिक समृद्धि
चित्रकूट के प्रगतिरत विकास कार्य एवं समग्र विकास पर परिचर्चा में शामिल हुए प्रभारी मंत्री
मध्य प्रदेश जिला सतना 13 जनवरी 2025/प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री तथा सतना जिले के प्रभारी मंत्री श्री Kailash Vijayvargiya ने कहा कि देश में धार्मिक टूरिज्म काफी तेजी से बढ रहा है। टूरिज्म और तीर्थाटन के बढ़ने से उस क्षेत्र में रोजगार के अवसर मिलते हैं और क्षेत्र में आर्थिक समृद्धि आती है।
प्रभारी मंत्री श्री विजयवर्गीय सोमवार को सतना जिले के चित्रकूट प्रवास के दौरान उद्यमिता परिसर में चित्रकूट के प्रगतिरत विकास कार्य एवं समग्र विकास पर परिचर्चा को सम्बोधित कर रहे थे।
चित्रकूट में आयोजित परिचर्चा में नगरीय विकास राज्य मंत्री श्रीमती Pratima Bagri , सांसद सतना श्री Ganesh Singh विधायक श्री सुरेन्द्र सिंह गहरवार, जिलाध्यक्ष श्री सतीश शर्मा, कुलगुरू चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय प्रो. भरत मिश्रा, नगर पंचायत अध्यक्ष सुश्री साधना पटेल, दीनदयाल शोध संस्थान के प्रधान सचिव श्री अतुल जैन,श्री सीताशरण जी महराज, कलेक्टर श्री अनुराग वर्मा, पुलिस अधीक्षक श्री आशुतोष गुप्ता, सी.ई.ओ. जिला पंचायत सुश्री संजना जैन, अपर कलेक्टर एवं सी.ई.ओ चित्रकूट विकास प्राधिकरण श्री स्वप्निल वानखड़े, एस.डी.एम. श्री ए.पी. द्विवेदी सहित चित्रकूट के साधू संत, विभिन्न स्वयं सेवी, सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक एवं सतना जिले के विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
प्रभारी मंत्री श्री कैलास विजयवर्गीय ने कहा कि उज्जैन में तीन गुना पर्यटन के बढ़ने से प्रति व्यक्ति आय लगभग दस गुना बढ़ी है।
वहीं अयोध्या में धार्मिक पर्यटन बढ़ने से वर्ष भर में करीब 18 करोड़ श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों का आगमन हुआ।
चित्रकूट में भगवान श्रीराम का वनवास काल बीता है। धार्मिक और पौराणिक दृष्टि से चित्रकूट में धार्मिक पर्यटन की असीम सम्भावनाएं हैं।
प्रभारी मंत्री ने कहा कि जहां विकास होता है वहां के नागरिकों को सहयोग और त्याग के लिए मानसिकता बनाकर तत्पर रहना चाहिए।
प्रभारी मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार चित्रकूट के विकास और रामपथगमन के प्रति कटिबद्ध है।
चित्रकूट के विकास के लिए राशि की कोई कमी नहीं रहेगी।
सरकार जितना भी खर्च होगा करेगी। विकास के लिए यहां के लोगों का सहयोग और सहमति का होना अनिवार्य है।
इसके लिए वातावरण भी बनाना होगा। चित्रकूट के विकास का अर्थ यहां के प्रत्येक नागरिक, पुजारी, आश्रम मंदिर सहित क्षेत्र के समग्र विकास से है। उन्होंने कहा कि चित्रकूट के विकास का प्लान तैयार कर लिया गया है।
इस प्रस्ताव पर कोई भी नागरिक, जन प्रतिनिधि अपने महत्वपूर्ण सुझाव इस परिचर्चा के दौरान रख सकते हैं।
प्रभारी मंत्री श्री विजयवर्गीय ने कहा कि चित्रकूट के समग्र विकास के कार्य उत्तरप्रदेश सरकार और विभिन्न विभागों के समन्वय से मूर्तरूप दिये जायेगें।
चित्रकूट के विकास के दौरान यहां की प्राकृतिक पारम्परिक, सांस्कृतिक परम्परा, ग्रामीण परिवेश और संस्कृति को कायम रखा जाना चाहिए। उन्होनें कहा कि चित्रकूट के स्थानीय निवासियों को अपने शहर को कुछ देने का माइंडसेट बनाना चाहिए।
मेरा घर- मेरा आँगन की सकारात्मक सोच के साथ चित्रकूट के विकास में अपने चित्रकूट के लिए सहयोग करना होगा। उन्होने कहा कि धार्मिक स्थल चित्रकूट में बड़ी सोच और चिन्तन के साथ काम करना होगा।
धार्मिक स्थलों में पार्किंग और रोड़ कनेक्टविटी की सुविधा भी बढ़ायी जायेगी।
आप सब के प्रयासों से आगामी समय में चित्रकूट के विकास पर गर्व हो और वर्ल्ड क्लास सिटी बने ताकि दुनिया के लोग यहां आकर विकसित चित्रकूट को देखें।
सांसद श्री गणेश सिंह ने कहा कि वर्ष 1990 के दशक में चित्रकूट में भारत रत्न नानाजी देशमुख ने यहां आकर ग्राम विकास का मॉडल दिया। रामदर्शन में समग्र दर्शन का प्रतिबिम्ब रखकर चित्रकूट के विकास की गाथा शुरू हुयी।
चित्रकूट के विभिन्न स्थानों में प्रभु श्रीराम के वनवास काल के दौरान जुडे़ भरतघाट, सती अनुसुइया, प्रमोदवन, कामतानाथ, स्फटिक शिला, हनुमानधारा सहित धार्मिक और पौराणिक महत्व के स्थलों के विकास में पुरातन संस्कृति, प्रकृति और मान्यता को कायम रखते हुए किया जाना चाहिए। अयोध्या से बड़ी संख्या में श्रद्धालु चित्रकूट और मैहर भी जाते हैं।
राज्य सरकार ने चित्रकूट के विकास के लिए प्राधिकरण और रामपथगमन के विकास के लिए न्यास भी गठित किया है।
चित्रकूट के विकास की रूपरेखा ब्लू प्रिन्ट में 84 कोश परिक्रमा और रामवन यात्रा के प्रमुख स्थलों को शामिल किया गया है। उन्होनें बताया कि रामायणम परिसर के लिए 20 एकड़ भूमि का चिन्हांकन किया गया है। यहां श्रीराम के जीवन चरित्र को सचित्र प्रदर्शित किया जा सकता है।
विधायक सुरेन्द्र सिंह गहरवार ने कहा कि धार्मिक नगरी चित्रकूट के विकास और निर्माण कार्यों में गुणवत्ता उत्तम होनी चाहिए। इसके लिए तकनीकी अमले की वृद्धि की जा सकती है।
निर्माण कार्य दक्ष और सुयोग्य एजेंसी से कराए जाने की आवश्यकता है। विधायक ने कहा कि जंगल धरती का आभूषण है।
रजौला मोड़ से लेकर गुप्त गोदावरी तक और पहाड़ी मार्गों पर दोनो ओर सघन वृक्षारोपण किया जाना चाहिए।
प्रमुख सड़कों पर पाथवे और सड़क के किनारे वृक्ष लगाने की जगह छोड़नी चाहिए। उन्होने कहा कि चित्रकूट में शासकीय भूमि को अतिक्रमण से बचाना भी आवश्यक है।