आदिम जाति कल्याण विभाग प्राथमिक शाला (ठिसकोली) में खुलेआम किया जा रहा है (स्वच्छता) का अपमान
जिला मनेंद्रगढ़ छत्तीसगढ़

आदिम जाति कल्याण विभाग प्राथमिक शाला (ठिसकोली) में खुलेआम किया जा रहा है (स्वच्छता) का अपमान
राजधानी एक्सप्रेस न्यूज हलचल आज की
(पढ़िए सरगुजा संभाग से ब्यूरो चीफ सुरेश कुमार साहू की रिपोर्टर)
आज दिनांक :- 4/3/2024
छत्तीसगढ़ जिला एमसीबी जनपद पंचायत भरतपुर क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत ठिसकोली में स्कूल में बने शौचालय सुधर सके शिकार हो चुके हैं
पानी की कमी सुरक्षा दीवार का अभाव एवं नियमित साफ-सफाई नहीं होने जैसे विभिन्न कारणों की वजह से अब यह शौचालय प्रयोग करने लायक की स्थिति में नहीं बच्चे हैं इसके चलते स्कूली बच्चों ने अभी भी खुले में शौचलाए लघुशंका के लिए जाने को मजबूर है
केंद्र सरकार ने देश को साफ सुथरा बनाने के लिए आवासों के साथ-साथा स्कूलों में शौचालय होना जरूरी करने का ऐलान किया था । इसके बाद लगभग सभी स्कूलों में शौचालयो का निर्माण भी हुआ
लेकिन यह शौचालय यह किसी काम की नहीं बच्चे हैं जिन स्कूलों के शौचालय पुराने और जर्जर हो चुके हैं उनके पूर्ण निर्माण भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है
सबसे बुरी स्थिति प्राथमिक शाला ठिसकोली के शौचालय का है निशानी स्कूलों में शौचालय की स्थिति बद से बदतर
हालत में है स्कूलों में नहीं भृत्य,,,,,,,,
सरकार स्कूलों में शौचालयो के जर्जर होने की सबसे प्रमुख वजह भ्रत्य के पद रिक्त होना बताया जा रहा है शिक्षक का कहना है कि भ्रत्य या स्वीपर नहीं होने के कारण शौचालय की नियमित साफ सफाई नहीं हो पाती है
एक बार जब बच्चे शौचालय को गंदा देखकर दोबारा उसका उपयोग नहीं हो पता है इसके कारण अधिकांश स्कूलों के शौचालय में ऊपर का सीट टूट चुका है दूसरी बड़ी समस्या पानी का है
आज भी कई स्कूलों में पानी के सन्नोत मौजूद नहीं है
इस वजह से शौचालयो का उपयोग करना मुनासिब नहीं है ज्ञात हो की सरकारी स्कूलों में बालाकार बालिकाओं के लिए अलग-अलग शौचालयो बनवाएं ईनकी स्थिति ठीक नहीं है ज्यादातर स्कूलों के शौचालय टूटे और कई शौचालयो की शीट तक गायब है।,,,,,,,
आसामाजिक तत्वों ने पहुंचा नुकसान
दर असल स्वच्छता अभियान के तहत सरकार ने अधिकांश स्कूलों में शौचालय का निर्माण करवा तो दिया है
लेकिन ईनकी सुरक्षा को लेकर बंदोबस्त नहीं कर पाई जिसका नतीजा यह हुआ की उत्पाती और सामाजिक तत्व के द्वारा शौचालय में तोड़फोड़ कर दी गई
एक ही स्कूल का हल नहीं बल्कि ग्रामीण अंचलों के अमूमन सभी स्कूलों का हाल है कई स्कूलों में तो लकड़ीयों के लिए बने शौचालय के गेट तक तोड़ दिए गए हैं वही और पंचायत के जनप्रतिनिधि सरपंच सचिव को इन शौचालय की सुरक्षा के लिए कदम उठाना चाहिए वह अधिकारी को पत्र लिखकर अब देना चाहिए।
( शौचालय नए निर्माण के लिए )
शौचालय के निर्माण की मांग कर रहे हैं बच्चे बच्चियों शिक्षकों को हो रही मुसीबत,,,,,,
जनपद पंचायत भरतपुर ब्लॉक क्षेत्र में प्राथमिक शाला ठिसकोली
स्कूल में शौचालय का उपयोग नहीं किया जा सकता वे पूरी तरह से खस्ताहाल है इस वजह से स्कूल की शिक्षकों के साथ ही स्कूल के बच्चे भी शम्रसार होना पड़ता है
शिक्षिकाएं पड़ोस में दैनिक क्रियो के लिए आश्रित है प्राथमिक शाला के शौचालयो कि दशा को लेकर अफसर को भी हकीकत का पता लगाना है
लेकिन बजट का अभाव बताकर वह भी अपनी जिम्मेदारी से इतिश्री कर रहे हैं
ग्रामीण की माने तो बच्चे यूं ही खुले में शौच को नहीं जाते बल्किन होने मजबूरी में खुले में जाना पड़ता है
एक पुरुष शिक्षक ने बताया की शौच हां लघु शंका दिनचर्या का हिस्सा है
लेकिन शौचालय की हालत खराब होने की वजह से मजबूरी में किचन के पीछे तरफ शरण लेनी पड़ती है,,,,,