*जनविरोधी और विनाशकारी बजट – माकपा*
भोपाल जिला मध्यप्रदेश

जनविरोधी और विनाशकारी बजट – माकपा
(पढिए मध्यप्रदेश हेड राजमणि पांडे की रिपोर्ट)
भोपाल/जब वित्तमंत्री ने विधानसभा में ही स्वीकारा है कि चालू वित्त वर्ष के अंत तक प्रदेश पर कुल कर्जा 3.31 लाख करोड़ हो जाएगा, तब विधानसभा में वर्ष 2023-24 के लिए प्रस्तुत 3.14 लाख करोड़ का बजट ही साबित करता है कि हमारे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को शिवराज सिंह चौहान सरकार ने कर्ज के जाल में फंसा दिया है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के अनुसार यह बजट दो मायने में अर्थहीन है। पहला तो यह कि सरकार हर महीने औसतन चार हजार करोड़ रुपए बाजार से महंगी ब्याज दरों पर कर्ज उठा रही है, पिछले तीन सप्ताह से तो हर रोज 500 करोड़ कर्ज ले रही है, तो कल्पना करना कठिन नहीं है कि इस बजट के संपन्न होने पर प्रदेश चार लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्जदार हो जाएगा। दूसरा बार बार विधानसभा में पेश होने वाले अंतरिम बजट से आम बजट सरकार ने स्वयं ही महत्वहीन कर दिया है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने बयान जारी कर कहा है कि जब आज ही केंद्र सरकार ने गैस सिलेंडर के दाम में 50 रुपए की बढ़ोतरी की है, राज्य सरकार ने इसमें कोई भी राहत देने की बात नहीं की। जाहिर है कि कर न लगाने के बाद भी यह महंगाई बढाने वाला बजट है।
माकपा नेता ने कहा है कि कल प्रस्तुत आर्थिक सर्वेक्षण में बताया गया है कि सरकारी क्षेत्र में 60 हजार और औद्योगिक क्षेत्र में पिछले चार साल में 3.50 लाख नौकरियां घटी हैं।
यदि सरकारी विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र के रिक्त पड़े को जोड लिया जाए तो यह संख्या भी ढाई लाख के आसपास है। करीब इतने ही पदों को पिछले एक दशक में शिवराज सरकार ने खत्म किया है। जाहिर है कि यह बजट रोजगार बढ़ाने वाला नहीं बल्कि प्रदेश के युवाओं को बेरोजगारी के अंधकार में धकेलने वाला बजट है।
माकपा नेता ने कहा है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की तरह प्रदेश की भाजपा सरकार ने भी किसानों से दुश्मनी ही निकाली है। इस बजट में किसानों को उनकी फसल का वाजिब दाम दिलाने और मंडियों में किसानों की लूट को रोकने के लिए मंडी व्यवस्था में सुधार करने के साथ ही खाद की किल्लत और कालाबाजारी को रोकने का जिक्र तक नहीं है।
जसविंदर सिंह ने कहा है कि कल के आर्थिक सर्वेक्षण का चिंता जनक पहलू यह है कि प्रदेश में स्कूलों और छात्रों की संख्या में चिंतनीय कमी हुई है। जब प्रदेश निरक्षरता की ओर बढ़ रहा है, तब स्कूलों की संख्या न बढाकर सिर्फ सीएम राईज स्कूल की बात करना आम जनता और भावी पीढ़ी को शिक्षा से वंचित करने की साजिश है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने कहा है कि यह बजट पूरी तरह से जनविरोधी बजट है। जिसे चुनावी जुमलों के साथ लोकलुभावन बताने की असफल कोशिश की गई है।