कलावड़गांव में बिजली विभाग की लापरवाही छमाही परीक्षा के बीच अंधेरे में डूबा गांव ग्रामीणों में भारी आक्रोश
तहसील भरतपुर जिला मनेंद्रगढ़ छत्तीसगढ़

कलावड़गांव में बिजली विभाग की लापरवाही छमाही परीक्षा के बीच अंधेरे में डूबा गांव ग्रामीणों में भारी आक्रोश
(पढिए जिला एमसीबी ब्यूरो चीफ मनमोहन सांधे की खास खबर)
छत्तीसगढ़, जिला एमसीबी — भरतपुर विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत कलावड़गांव में पिछले कई दिनों से बिजली व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। ट्रांसफार्मर खराब होने के कारण पूरा गांव अंधेरे में डूबा हुआ है, लेकिन बिजली विभाग और प्रशासन की उदासीनता के कारण अब तक कोई सुधारात्मक कदम नहीं उठाया गया।
ग्रामवासियों ने कई बार बिजली विभाग को सूचना दी, यहां तक कि ग्राम पंचायत की सरपंच द्वारा भी लिखित आवेदन दिया गया, लेकिन विभाग ने किसी प्रकार की सुनवाई नहीं की। इससे ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है।
छमाही परीक्षा शुरू—बच्चों की पढ़ाई ठप, अभिभावक चिंतित
ग्रामवासियों ने बताया कि बच्चों की छमाही परीक्षा आज से शुरू हो चुकी है।
बिजली न होने के कारण बच्चे रात में पढ़ाई नहीं कर पा रहे।
अभिभावकों का कहना है कि—
सरकार शिक्षा सुधार की बात करती है, लेकिन हमारे गांव में अंधेरे के कारण बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह प्रभावित हो रही है।”

बिजली विभाग की निष्क्रियता बच्चों के भविष्य पर सीधा असर डाल रही है।
शासन–प्रशासन पर गंभीर आरोप — गरीबों की आवाज़ अनसुनी
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि शासन और प्रशासन की मिलीभगत या लापरवाही से गरीब, मजदूर एवं किसान परिवारों की समस्याओं को नजरअंदाज किया जा रहा है।
लोगों का कहना है कि विभाग को कई बार मौखिक व लिखित सूचना देने के बावजूद कोई अधिकारी मौके पर नहीं आया।
ग्रामीणों ने इसे “गरीबों की आवाज़ दबाने की कोशिश” बताया।
ग्रामीणों की प्रमुख मांगें — तुरंत ट्रांसफार्मर बदलने की गुहार
ग्रामीणों ने बिजली विभाग से तत्काल कार्रवाई की मांग करते हुए कहा—
* खराब ट्रांसफार्मर तुरंत सुधारा जाए।
* यदि सुधार संभव न हो तो नया ट्रांसफार्मर तत्काल लगाया जाए।
* गांव में नियमित रूप से बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।
* बच्चों की परीक्षा को ध्यान में रखते हुए विशेष प्राथमिकता से बिजली बहाल की जाए।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही बिजली बहाल नहीं की गई, तो वे बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
-सरपंच की लिखित शिकायत भी अनसुनी — व्यवस्था पर उठे सवाल

ग्राम पंचायत कलावड़गांव की सरपंच ने विभाग को लिखित शिकायत भेजकर स्थिति से अवगत कराया था, लेकिन उसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई।
यह प्रशासनिक ढिलाई ग्रामीणों के प्रति *उपेक्षा* को दर्शाती है।
कलावड़गांव में बिजली विभाग की लापरवाही उजागर
छमाही परीक्षा के बीच अंधेरे में डूबा गांव — ट्रांसफार्मर खराब, ग्रामीणों में भारी आक्रोश
छत्तीसगढ़, जिला एमसीबी — भरतपुर विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत कलावड़गांव में पिछले कई दिनों से बिजली व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। ट्रांसफार्मर खराब होने के कारण पूरा गांव अंधेरे में डूबा हुआ है,
लेकिन बिजली विभाग और प्रशासन की उदासीनता के कारण अब तक कोई सुधारात्मक कदम नहीं उठाया गया।
ग्रामवासियों ने कई बार बिजली विभाग को सूचना दी, यहां तक कि ग्राम पंचायत की सरपंच द्वारा भी लिखित आवेदन दिया गया,
लेकिन विभाग ने किसी प्रकार की सुनवाई नहीं की। इससे ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है।
छमाही परीक्षा शुरू बच्चों की पढ़ाई ठप, अभिभावक चिंतित
ग्रामवासियों ने बताया कि बच्चों की छमाही परीक्षा आज से शुरू हो चुकी है।
बिजली न होने के कारण बच्चे रात में पढ़ाई नहीं कर पा रहे।
अभिभावकों का कहना है कि—
सरकार शिक्षा सुधार की बात करती है, लेकिन हमारे गांव में अंधेरे के कारण बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह प्रभावित हो रही है।”
बिजली विभाग की निष्क्रियता बच्चों के भविष्य पर सीधा असर डाल रही है।
शासन–प्रशासन पर गंभीर आरोप — गरीबों की आवाज़ अनसुनी
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि शासन और प्रशासन की मिलीभगत या लापरवाही से गरीब, मजदूर एवं किसान परिवारों की समस्याओं को नजरअंदाज किया जा रहा है।
लोगों का कहना है कि विभाग को कई बार मौखिक व लिखित सूचना देने के बावजूद कोई अधिकारी मौके पर नहीं आया।
ग्रामीणों ने इसे “गरीबों की आवाज़ दबाने की कोशिश” बताया।
ग्रामीणों की प्रमुख मांगें — तुरंत ट्रांसफार्मर बदलने की गुहार
ग्रामीणों ने बिजली विभाग से तत्काल कार्रवाई की मांग करते हुए कहा—
* खराब ट्रांसफार्मर तुरंत सुधारा जाए।
* यदि सुधार संभव न हो तो नया ट्रांसफार्मर तत्काल लगाया जाए।
* गांव में नियमित रूप से बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।
* बच्चों की परीक्षा को ध्यान में रखते हुए विशेष प्राथमिकता से बिजली बहाल की जाए।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही बिजली बहाल नहीं की गई, तो वे बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
सरपंच की लिखित शिकायत भी अनसुनी — व्यवस्था पर उठे सवाल
ग्राम पंचायत कलावड़गांव की सरपंच ने विभाग को लिखित शिकायत भेजकर स्थिति से अवगत कराया था,
लेकिन उसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई।
यह प्रशासनिक ढिलाई ग्रामीणों के प्रति उपेक्षा को दर्शाती है।




