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*लगातार चार दिन से चल रहा विद्युत कर्मचारियों का हड़ताल अभी तक नहीं मिला राज्य सरकार कि तरफ से कोई जवाब*

अनुपपुर जिला मध्यप्रदेश

लगातार चार दिन से चल रहा विद्युत कर्मचारियों का हड़ताल अभी तक नहीं मिला राज्य सरकार कि तरफ से कोई जवाब

विद्युत कर्मचारियों के हड़ताल का जिले भर मे दिखा व्यापक असर
जिले भर के लगभग 300 संविदा व आउटसोर्स कर्मचारियों ने शुरू किया हड़ताल

सिर्फ 90 कर्मचारियों पर जिले भर के डेढ़ लाख उपभोक्ताओं को निर्बाध विद्युत प्रवाह का भार
जनपद अध्यक्ष ने भी समर्थन देकर कहा पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ तक पहुंचायेंगे आपकी बात

मुख्यमंत्री को शायद याद नहीं उनका वादा, संविदा और आउटसोर्स कर्मचारियों कि ओर ध्यान दे राज्य सरकार – रामेश्वर राठौर

रिपोर्टर – सी.एस. राठौर
(संभागीय ब्यूरो चीफ) के साथ विकास सिंह राठौर

इंट्रो/विद्युत विभाग के संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण और बिजली आउटसोर्स कर्मचारियों का विभागीय संविलियन न होने से जिले भर के कर्मचारी नाराज होकर 21 जनवरी से अनिष्चितकालीन हड़ताल पर चले गये हैं जिससे एक ओर जिले भर मे सुचारू विद्युत व्यवस्था पर जहां प्रतिकूल असर देखा गया वहीं कर्मचारियों के हड़ताल से विभाग को भी बेहतर व्यवस्था बनाने मे पसीना आ रहा है।

अनूपपुर/कई वर्षों से की जा रही बहुत प्रतीक्षित मांग पूरी न होने पर अंततः विद्युत विभाग के संविदा व आउटसोर्स कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने का मन बना लिया और इसकी शुरूआत भी 21 जनवरी से कर दी गई जिससे एक ओर जिले भर मे विद्युत व्यवस्था चरमरा गई वहीं विद्युत उपभोक्ताओं को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। हड़ताल के पहले ही दिन जिले भर मे व्यापक असर देखा गया। जिले भर कई फीडरों मे जहां 33 व 11 केव्ही फीडरों मे फाल्ट आने से विभागीय नियमित अमले को दौड़ भाग करते देखा गया

वहीं समय पर विद्युत आपूर्ति बहाल नही होने से उपभोक्ताओं के रोश का सामना करना पड़ा। शनिवार को हड़ताल के दौरान हड़ताल स्थल अधीक्षण अभियंता कार्यालय अनूपपुर के सामने जनपद पंचायत जैतहरी के अध्यक्ष राजीव सिंह पहुंचकर हड़तालियों का मनोबल बढ़ाते हुये अपनी सहमति दी एवं कहा कि विद्युत कर्मचारियों की मांग जायज है तथा आपकी मांगो को मैं अपने स्तर से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ एवं वर्तमान सरकार तक जरूर पहुंचाउंगा। उन्होने कहा कि विद्युत कर्मचारियों को नियमित करने का संकल्प कांग्रेस पार्टी के घोषणा पत्र मे है।

आंदोलन का यह है कारण
6 जनवरी 2023 से म.प्र. विद्युत अधिकारी कर्मचारी कल्याण संघ, म.प्र.वि.मं. तकनीकी कर्मचारी संघ, म.प्र. बिजली आउटसोर्स कर्मचारी संघ, म.प्र. वाह्य स्त्रोत विदयुत कर्मचारी संगठन द्वारा किये जा रहे धरना प्रदर्शन एवं संपूर्ण कार्य बहिष्कार का मध्यप्रदेश यूनाईटेड फोरम, मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कर्मचारी जनता यूनियन, विद्युत पेंशन हितरक्षक संघ द्वारा आंदोलन का समर्थन प्रदान किया गया था

जिसको ध्यान में रखते हुये ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव द्वारा 5 जनवरी को सभी संगठन प्रमुखों से हुई विस्तृत चर्चा में यह निष्कर्ष निकाला गया था कि अधिकतर मांगे मुख्यमंत्री स्तर की है एवं प्रमुख सचिव द्वारा चर्चा के दौरान इंदौर में हो रहे प्रवासी भारतीय एवं इन्वेस्टर मीट को मद्देनजर रखते हुये मुख्यमंत्री से 15 दिवस के अन्दर चर्चा कराकर इस संबंध में सकारात्मक निर्णय लेने हेतु आश्वासन दिया गया था एवं आन्दोलन वापिस लेने का अनुरोध किया गया था।

जिस पर संगठन आंदोलन को वापस लेने का निर्णय लिया गया था, परंतु 12 दिन बीत जाने के बाद भी प्रमुख सचिव द्वारा संगठन के साथ मुख्यमंत्री की बैठक की तिथि निर्धारण नहीं कराते हुए कोई भी कदम नहीं उठाया गया।

हड़तालियों कि ओर से अमित कुमार आहूजा लाईन प्रचारक संविदा कि ओर से बताया गया कि हमारी मांग नियमित्तीकरण को लेकर है और जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होती है तब तक हम सभी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे।

इसी कड़ी में रामेश्वर राठौर ने भी बताया कि शासन द्वारा राष्ट्रीय अवकाश पर भी हम लोगों को कार्य में रखकर एक हाजिरी देकर कार्य कराया जाता है और विभागीय शासकीय करचारियों को दुगना लाभ दिया जाता है

जबकि कार्य हमसे कराया जाता है वहीं दूसरी ओर हमारे कई मित्रों का दुर्घटना होने पर न ही उनके परिवार को मुवावजा दिया गया और न ही उनके परिवार को कार्य पर रखा गया ऐसे ही बहुत से अनियमितताएं हैं जिनको लेकर हम हड़ताल पर बैठे हैं और सरकार द्वारा अपने किए गए वादे को भूल गए हैं को संज्ञान में डालते हुए मांग करते हैं कि सभी कि मांगो को पूरी करें।

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