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*भोपाल/प्रदेश के प्रमुख राजनीतिक सामाजिक संगठनो एवं गणमान्य नागरिकों का एक साझा सम्मेलन आज, नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती के अवसर पर भोपाल के गांधी भवन में हुआ*

भोपाल जिला मध्यप्रदेश

सुभाष बाबू ने कहा था ; कोई एक धार्मिक प्रतीक राष्ट्र या सेना का चिन्ह नहीं हो सकता
लोगों में उन्माद भड़काना देशघाती काम है
सम्मेलन में बोले अनेक वक्ता ; प्रदेश भर में नीचे तक छिड़ेगा अभियान

(पढिए मध्यप्रदेश हेड के साथ चंद्रभान सिंह राठौर की रिपोर्ट)

भोपाल/प्रदेश के प्रमुख राजनीतिक सामाजिक संगठनो एवं गणमान्य नागरिकों का एक साझा सम्मेलन आज, नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती के अवसर पर भोपाल के गांधी भवन में हुआ।

सम्मेलन का उदघाटन सुभाष बाबू की आजाद हिन्द फ़ौज के कर्नल सहगल और कैप्टन डॉ लक्ष्मी सहगल की बेटी, पूर्व सांसद सुभाषिणी अली ने किया। अपने उदघाटन भाषण में उन्होंने देश और समाज में भड़काये जा रहे उन्माद का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसा करने वाली ताकतों का असली मकसद अडानी अम्बानी जैसे खरबपतियों की लूट को छुपाना, इस लूट से पीड़ित जनता का ध्यान भटका कर उसे आपस में लड़ाना और देश की एकता को खतरे में डालना है।

यह ऐसा गंभीर हमला है जिसके निशाने पर हजारों साल पुरानी साझी विरासत और उसका मूर्त रूप भारत का संविधान भी है। सीपीएम पोलित ब्यूरो की सदस्य सुभाषिणी अली ने कहा कि साम्प्रदायिक विभाजन पर आधारित राजनीति यह आजादी के आंदोलन की भावना के विपरीत और उसे हासिल किये गए राष्ट्रीय मूल्यों के खिलाफ है। सुभाष चंद्र बोस के कई संस्मरण सुनाते हुए उन्होंने कहा कि नेताजी पूरी तरह साम्प्रदायिकता और धर्म आधारित राजनीति के खिलाफ थे। उनकी दृढ राय थी कि कोई एक धार्मिक प्रतीक राष्ट्र या सेना का चिन्ह नहीं हो सकता।

सम्मेलन मे बोलते हुए सीपीआई के केंद्रीय नेता भालचंद कांगों ने साम्प्रदायिक उन्माद की आड़ में देश की सम्पत्तितों को बेचे जाने, जनता से उसके लोकतांत्रिक अधिकार छीने जाने सहित मौजूदा राजनीतिक हालात से जुड़ी अनेक जानकारियां दीं। शिवाजी महाराज के सच्चे मूल्यांकन वाली गोविन्द पानसारे की दस लाख से ज्यादा प्रतियां जनता के बीच पहुंचाने के अभियान से जुड़े कांगो ने मेहनतकश जनता और लोकतंत्र तथा संविधान के समर्थक लोगो की एकजुटता की अपील की और कहा कि इन्ही की ताकत पर देश और जनता को बचाया जा सकता है।

सम्मेलन में मध्यप्रदेश की स्थितियों के बारे में सीपीएम राज्य सचिव जसविंदर सिंह, सीपीआई सहायक राज्य सचिव हरिद्वार सिंह, राष्ट्रीय जनता दल के स्वरुप नायक, सपा के मनोज यादव, राष्टीय समानत दल के इंजिनियर महेश कुशवाह, समाजवादी जनपरिषद के गोपाल राठी, महिला आंदोलन की संध्या शैली, एचएमएस के अध्यक्ष हरीओम सूर्यवंशी, किसान जागृति संगठन के इरफ़ान जाफरी, ओबीसी महासभा के शिशुपाल यादव, युवा नेता शुभम यादव भी बोले।

वरिष्ठ पत्रकार लज्जा शंकर हरदेनिया ने देश और प्रदेश की सारी धर्मनिरपेक्ष शक्तियों की एकजुटता का आव्हान किया। आभार प्रदर्शन सत्यम पांडेय ने किया।

सम्मेलन की अध्यक्षता बादल सरोज, शैलेन्द्र कुमार शैली, प्रदीप कुशवाहा, अजुआ श्रीवास्तव, मनोज यादव के अध्यक्ष मंडल ने की।

शरद यादव को श्रद्धांजलि
आज के इस सम्मेलन में समाजवादी नेता और पूर्व सांसद शरद यादव के कुछ दिन पहले हुए निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी। एक मिनट का मौन रखकर उनके आदमकद चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गयी।

“सर उठता गोडसे”
पुस्तक विमोचन हुआ
सम्मेलन के अंतिम सत्र में “सर उठाता गोडसे” शीर्षक पुस्तक का विमोचन कवि सम्पादिका आरती ने किया और इसकी पहली प्रति सामाजिक कार्यकर्ता गोपाल राठी को भेंट की गयी। गांधी हत्या की 75वी बरसी पर लोकजतन प्रकाशन द्वारा जारी 23 पन्नो की यह किताब लोकजतन के पूर्व संपादक तथा वामपंथी नेता जसविंदर सिंह ने लिखी है।

कार्यालय सचिव
सीपीआई (एम) मध्यप्रदेश

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