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*व्यक्ति को मूल्य कर्तव्यों का पालन करना चाहिए, छात्र देश के बने जिम्मेदार नागरिक -जिला न्यायाधीश*

शहडोल जिला मध्यप्रदेश

व्यक्ति को मूल्य कर्तव्यों का पालन करना चाहिए, छात्र देश के बने जिम्मेदार नागरिक -जिला न्यायाधीश

संविधान की प्रस्तावना का किया गया वाचन

रिपोर्टर – (संभागीय ब्यूरो चीफ)
चंद्रभान सिंह राठौर

शहडोल/26 नवंबर 2022/

संविधान दिवस के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शहडोल के तत्वाधान में, ए.डी.आर सेंटर भवन जिला न्यायालय परिसर में सुबह 10.30 बजे संविधान की प्रस्तावना का वाचन किया गया। इस अवसर पर माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शहडोल वीरेन्द्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में जिला न्यायालय शहडोल के माननीय न्यायाधीशगण क्रमशः प्रिवेन्द्र कुमार सेन जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश, निशा विश्वकर्मा, सचिव/जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश, प्रीती साल्वे, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, रवीन्द्र कुमार धुर्वे, व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ खंड, मधुसूदन जंघेल, व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ खंड, अंजय कुमार सिंह, अति. व्यवहार न्याया. वरिष्ठ खंड, विजयश्री सूर्यवंशी, व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खंड, ऋषभ डोंनल सिंह, व्यवहार न्यायाधीश कनिष्ठ खंड, राकेश सिंह बघेल, अध्यक्ष जिला अधिवक्ता संघ, अमित शर्मा, जिला विधिक सहायता अधिकारी, सुरेन्द्र रजक , प्रशासनिक अधिकारी जिला न्यायालय शहडोल एवं जिला न्यायालय व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कर्मचारीगण, पैनल अधिवक्तागण, पैरालीगल वॉलेंटियर्स आदि उपस्थित रहे।

प्रधान जिला न्यायाधीश वीरेन्द्र प्रताप सिंह के मार्गदर्शन में कॉलेज ऑफ लॉ एंड लीगल ऐड विधि महाविद्यालय शहडोल में विधिक साक्षरता तथा जागरूकता शिविर आयोजित किया गया। शिविर में जिला न्यायाधीश और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव निशा विश्वकर्मा ने संविधान में निहित मौलिक अधिकारों तथा मौलिक कर्तव्यों का विश्लेषण करते हुए कहा कि वर्तमान परिवेश में समाज के प्रत्येक व्यक्ति को मूल कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। यही मूल कर्तव्य हमें विवाद-विहीन समाज की ओर अग्रसर कर सकेंगे। विश्वकर्मा ने विधि छात्रों से देश का जिम्मेदार नागरिक बनने एवं समाज के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिया कहा। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान, भारत का सर्वोच्च विधान है जो संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर 1949 को पारित हुआ तथा 26 जनवरी 1950 से प्रभावी हुआ। यह दिन भारत के संविधान दिवस के रूप में घोषित किया गया है |

जबकि 26 जनवरी का दिन भारत में गणतन्त्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। शिविर में रजिस्ट्रार अशोक सराफ, महेन्द्र सराफ, प्रो. वी.के. खरे, डॉ. आनंद द्विवेदी, सी.वी. मिश्रा, अश्विनी मिश्रा सहित समस्त विधि छात्र एवं छात्राएं उपस्थित रहे। इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा विद्यार्थियों के मध्य ‘‘मूल अधिकारों एवं मूल कर्तव्यों सिक्के के दो पहलू ‘‘विषय पर निबंध प्रतियोगिता आयोजित कराई गई जिसमें मेरिट पर आए विद्यार्थियों को प्रमाण-पत्र प्रदाय किए गए।

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