*जैतहरी,ग्रामीण क्षेत्रों में आदिवासियों का जबरदस्त शोषण एवं लूट – पार्वती राठौर*
तहसील जैतहरी जिला अनुपपूर मध्य प्रदेश

जैतहरी,ग्रामीण क्षेत्रों में आदिवासियों का जबरदस्त शोषण एवं लूट – पार्वती राठौर
रिपोर्टर – चंद्रभान सिंह राठौर
जैतहरी/ जनवादी महिला समिति के अध्यक्ष एवं जनपद सदस्य पार्वती राठौर आज दिनांक को ग्राम पंचायत टकहुली के गर्जन टोला में महिलाओं की बैठक सम्पन्न ।
बैठक में उपस्थित महिलाएं बतायीं कि मनरेगा में 7 दिवस काम करने पर तीन-चार दिन का हाजरी भरकर मजदूरी भुगतान में लेट लतीफी किया जाता है। मजदूरी भी कम दिया जाता है।
महिलाए यह भी शिकायत किया कि कोविड 19 प्रोटोकॉल का बिजली बिल वर्तमान बिल में जोडकर भेजा गया है, हम हरिजन-आदिवासी बडा रकम नहीं चुका पा रहे हैं जिसके कारण बिभाग द्वारा कनेक्शन काट दिया गया है। हम लोग अंधेरा में गुजर बसर करने के लिए मजबूर है।
आदिवासी महिला के दर्द भरी जिन्दगी सुनकर जनपद पंचायत जैतहरी के जनपद सदस्य श्रीमती पार्वती राठौर ने कहा कि संगठन में शक्ति है । संगठित होकर संघर्ष करने से कोई न कोई रास्ता निकल जाता है। आज जरूरत है कि हम सब एकता के सूत्र मे बॅधकर संघर्ष की रास्ता अपनाए।
उन्होंने कहा कि जनवादी महिला समिति महिला के अधिकार के लिए पूरा देश में संघर्ष कर रही है । हम सबको संगठन तैयार कर संघर्ष के लिए आगे आना होगा।
उक्त आशय की जानकारी संयुक्त ठेकेदारी मजदूर यूनियन सीटू के अध्यक्ष कामरेड जुगल किशोर राठौर ने देते हुए बताया कि आज देश के अंदर कानून व्यवस्था ठीक ढंग से नहीं चल रहा है । संविधान में उल्लिखित जनता के लिए सुविधाएं संविधान के किताबों तक ही सीमित है और जनता के अधिकारों को बटोरकर अपने तिजोरी में कैद करने वाले सुविधा भोगी बेईमान लोग खुले आसमान में सुख की सांसें लेते हुए आजाद घूम रहे हैं । इनके खिलाफ आवाज उठाने वाले लोगों को तमाम प्रकार के झूठे मुकदमे में उलझा कर उसे तबाह एवं परेशान किया जा रहा है। उन्होंने अपने विषय में जानकारी देते हुए बताया कि किसानों को सरकार के द्वारा निर्धारित किया गया मुआवजा एवं मजदूरों को निर्धारित किया गया वेतन दिलाए जाने की मांग रख कर हमने क्या अपराध किया है ? जिसके कारण जेल जुर्माना एवं जिला बदर की कार्यवाही के साथ-साथ प्रतिबंधात्मक कार्यवाही किए जाने का लगातार नोटिस दिया जा रहा है । सरकार न्यायहित में लडाई लडने वाले को मुकदमा एवं नोटिश देकर डराना चाहती है। लेकिन हम डरने वाले लोगों में से नहीं है।
बैठक में गांव के प्रमुख रूप से उर्मिला भैना पंच, चमेली सिंह सहित एक दर्जन से अधिक महिलाएं शामिल रहीं थीं।