*कई वर्षों से रुकी पड़ी है क्योंटार (पटौरा – टोला) में सड़क निर्माण का कार्य, कुंभकर्णी निंद्रा में सोए हुए हैं जिम्मेदार*
तहसील जैतहरी अनुपपूर जिला मध्य प्रदेश

कई वर्षों से रुकी पड़ी है क्योंटार (पटौरा – टोला) में सड़क निर्माण का कार्य, कुंभकर्णी निंद्रा में सोए हुए हैं जिम्मेदार
गांव में विकास और निर्माण के नाम पर सीईओ सतीश तिवारी का सिर्फ आश्वासन एवं खानापूर्ति
रिपोर्टर – संभागीय ब्यूरो चीफ
अनूपपुर/जैतहरी
जिला अनूपपुर के अंतर्गत जनपद पंचायत जैतहरी के अंतर्गत आने वाले गांव में जमकर लीपापोती भ्रष्टाचार हो रहा हैं भ्रष्टाचारियो को सीईओ साहब अभयदान दे कर रखे हैं सचिव इंजीनियर को पूरे गांव का ठेका दे दिए हैं कि हम आफिस में बैठेंगे और आप लोग अपने हिसाब से ग्राम पंचायत देख ले बाकी मैं जो होगा सब मैं देख लूंगा क्यू की इनकी पहुँच मंत्री से लेकर भोपाल तक है ग्राम पंचायत का विकास और कार्य पूरी तरह अवरुद्ध हो गया है। जिससे ग्रामीणों में काफी गुस्सा है।
विकास कार्यों से नही कोई लेना देना
बता दें कि साहब को पंचायतों के विकास और गरीबों से कोई लेना देना ही नहीं है बल्कि झूठे प्रलोभन और अपने आप को जनवाने में अधिक रूचिकर हैं। कार्य में गुणवत्ता हो या न हो इससे शाहब को कोई लेना देना नहीं है बल्कि सांठ – गांठ जरूर दिखता है। बल्कि यूं कहा जा सकता है कि लाठी भी न चले और सांप भी मर जाय और तो और बल्कि गोल गोल बातों में घुमाते हुवे सबको भुल भुलायियां में उलठाए रखना है।
ये है प्रभारी सीईओ सतीश तिवारी
अनूपपुर जिले के जैतहरी जनपद पंचायत में सीईओ के पद पर सतीश तिवारी आसीन हुए हैं तब से ग्रामीणों के समस्या का समाधान बिल्कुल नही हो रहा हैं सिर्फ आश्वासन पर आश्वासन और खानापूर्ति तक विकास सीमित होकर रह गया है सतीश तिवारी जी को कुर्सी से इतना मोह हो गया है कि वो कुर्सी से उठकर गांव की समस्या देखने की बिल्कुल कोशिश नही करते हैं बस ऑफिस की गाड़ी, ऑफिस और और कुर्सी से चिपके रहते है समस्त गांव का ठेका इंजीनियर, सचिव लोगो को सौप रखा है जैसे देखना चाहे देखते रहे इनको खुद मालुम है कि मंत्री जी के रहमो करम पर प्रभारी सीईओ की कुर्सी मिल गयी है इनको खुद एहसास है कि ज्यादा दिन के लिए कुर्सी मिली नही है कभी भी छिन सकती हैं तब तक ऐशो आराम की जिंदगी काट ले फिर तो वही 1 कुर्सी का चैम्बर न गाड़ी न बंगला में ही काम चलाना पड़ेगा सतीश तिवारी फ़ेसबुकिया सीईओ है किसी गांव में अगर पहुँच गए तो फेसबुक में 20 एंगल से 20 फ़ोटो डालकर अपने आप को गरीब ग्रामीणो का मसीहा साबित करने में कोई कसर नही छोड़ते इनके रहते केवल फेसबुक में ही गांठ गांव का विकास दिखता हैं
धरातल पर तो सिर्फ समस्या ही समस्या इनके राज में कोई इंजीनियर किसी के साइट सीपीआर जाकर काम कर सकता हैं कलेक्टर, एवं जिला पंचायत सीईओ के पॉवर का खुद इस्तेमाल कर देते हैं और उसकी प्रतिलिपि कलेक्टर और सीईओ को भेज देते हैं और जब इस बात का ज्ञान हो जाता हैं कि कलेक्टर के पॉवर का खुद इस्तेमाल कर चुके है तो बिना पॉवर के फिर से सचिव को पॉवर दे देते हैं जनपद पंचायत में तिवारी जी यही सब करामात करने गए हैं विकास से उनका कोई लेना देना नही है। जिस पद के ये काबिल नही है उस पद पर जबर्दस्ती कुंडली मार कर बैठे हैं और भोपाल से हटाने के आदेश के बाद भी जिला प्रशासन नही हटा पा रहा है। जिसके कारण इनकी दादागिरी बढ़ती जा रही है। और अपने पॉवर का गलत इस्तेमाल करते रहते है।
केवल आश्वासन एवं खानापूर्ति
जिले के जनपद पंचायत जैतहरी के ग्राम पंचायत क्योंटार का है जहां वर्षों से आज दिनांक तक रोड निर्माण कार्य और विकास कार्य पूर्णतः रूकी पड़ी है। कुदरा टोला से रोहिला कछार मार्ग एवं ग्राम क्योंटार(पटौरा – टोला) से तहसील जैतहरी जाने के लिए कोई भी मार्ग सही नही है। इन सड़को पर आए दिन दुर्घटना घटित होना आम बात सी हो गई है। जिम्मेदारों के संज्ञान में बातें डालने और ज्ञापन सौंपकर परेशानियों से अवगत कराने पर भी जिम्मेदारों की नजर इस ओर ध्यान देने और ग्रामीणों कि मदद करने को तैयार ही नहीं है।
जनपद पंचायत सीईओ सतीश तिवारी जैतहरी को ग्रामीणों ने इस बात से अवगत कराया गया है। साहब ने साफ तौर पर अपना पलड़ा झाड़ते हुए कार्यवाही और दिखवाने कि बात कही पर फिर भी अभी तक कोई कार्यवाही या निर्माण कार्य कराने कि ओर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है। सीईओ जनपद सतीश तिवारी साहब को इसके अलावा ग्रामीणों ने धनगवा पूर्वी और अन्य जगहों के निर्माण कार्यों से भी अवगत कराया गया पर इनके द्वारा दिखवाने को आश्वासन देकर आगे कुछ नहीं किया गया।
इन सड़को के जर्जर होने के कारण यहां स्वास्थ्य सुविधा भी ग्रामीणों को सही ढंग से मुहैया नहीं हो पा रही है। इसके अलावा स्कूल और कॉलेज जाने वाले बच्चों को भी आने – जाने में काफी असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। अब देखना दिलचस्प होगा कि कब तक में खाद्य मंत्री और जिला प्रशासन ग्रामीणों को सड़क सुविधा कि सौगात दे पाते हैं। या फिर सभी के वादे और कार्य खोखले दावे ही सिद्ध होंगे।
खोखले हुवे सारे दावे
बता दें कि पंचायत में विकास के नाम पर प्रतिनिधि और अधिकारियों के सारे वादे और बातें दम तोड़ती खोखले होते नजर आ रही हैं। बल्कि यूं कहा जाय कि कार्यों को खानापूर्ति बनाकर चलने दिए जाने का कार्य हो रहा है। शासन के और मुख्यमंत्री के मंशा पर पानी फेरने का कार्य शाहब और प्रतिनिधि बखूबी कर रहे हैं।