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*कामरेड आर एस त्रिपाठी मजदूर आंदोलन के प्रख्यात योद्धा रहे_ हरिद्वार सिंह*

अनुपपूर जिला मध्य प्रदेश

कामरेड आर एस त्रिपाठी मजदूर आंदोलन के प्रख्यात योद्धा रहे_ हरिद्वार सिंह

रिपोर्टर :- संभागीय ब्यूरो चीफ

अनूपपुर/डोला

कामरेड आर.एस. त्रिपाठी बिहार के भोजपुर जिले के गोसाईपुर गांव में पैदा हुए थे जो सन 1965_ 66 में मध्य प्रदेश के शहडोल जिले के अमलाई पेपर मिल में नौकरी करने के दृष्टिकोण से आए थे एक आंदोलन में 16 मजदूर फैक्ट्री प्रबंधन के द्वारा बर्खास्त कर दिए गए थे मिल मालिकों ने एक शर्त रखी माफी मांग कर सभी लोग नौकरी प्राप्त कर सकते हैं

15 मजदूरों ने माफीनामा भरकर नौकरी प्राप्त किया किंतु आर एस त्रिपाठी ने कहा कि भिक्षा मांग लूंगा लेकिन पूंजीपति से माफी नहीं मांगूंगा कामरेड आर एस त्रिपाठी के लड़ाकू स्वभाव संघर्ष और मिल मालिकों के सामने कभी नहीं झुकने की प्रवृत्ति ने मजदूरों का सर्वाधिक लोकप्रिय नेता उन्हें बना दिया कामरेड आर एस त्रिपाठी ओरियंट पेपर मिल लेबर यूनियन के महासचिव, एटक मध्य प्रदेश के सहायक महासचिव एवं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल के सदस्य बन गए ।उन्होंने सोहागपुर विधानसभा सीट से तीन बार विधानसभा का चुनाव लड़।

और 12 हजार तक वोट हासिल कर तीसरे स्थान पर रहे ओरियंट पेपर मिल लेबर यूनियन अमलाई एवं राजनगर दोनों की संयुक्त यूनियन थी कामरेड प्रसन्न पंडा विधायक यूनियन के अध्यक्ष एवं कामरेड आर एस त्रिपाठी महासचिव हुआ करते थे

बहुत बड़ी-बड़ी हड़ताल पेपर मिल में हुए और हमेशा एटक के दबाव में प्रबंधन को झुकना पड़ा और मजदूरों के पक्ष में समझौता करना पड़ा कामरेड आर एस त्रिपाठी एक साथ जमुना कोतमा एवं सोहागपुर कोयला क्षेत्र के अध्यक्ष भी थे कामरेड आर एस त्रिपाठी मध्य प्रदेश के तेज तरार नेताओं में से एक थे एटक मध्य प्रदेश के अध्यक्ष एवं एटक एसईसीएल के महासचिव कामरेड हरिद्वार सिंह ने कामरेड आर एस त्रिपाठी के साथ लंबे अरसे तक काम किए थे

उन्होंने बताया कि काम करने के तौर-तरीके में कामरेड त्रिपाठी जी के साथ थोड़े बहुत मतभेद हुए होंगे किंतु कामरेड आर एस त्रिपाठी हमारे नेता थे उनसे बहुत कुछ हमने सीखा है और हमेशा उन्हें अपना नेता मानते रहेंगे आज 3 दिसंबर 2021 को सुबह 9 बजे कामरेड आर एस त्रिपाठी ने अंतिम सांस ली उनके साथ ही शहडोल संभाग का मजदूर आंदोलन का एक योद्धा हमेशा हमेशा के लिए विदा हो गया ।

कामरेड त्रिपाठी का निधन ऐसे समय में हुआ है जब मजदूर सबसे बड़े संकट से गुजर रहा है कामरेड आर एस त्रिपाठी की सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी की शहडोल संभाग के सारे उद्योगों के मजदूर मिलकर उस संघर्ष के मशाल को जलाए रखें जिसे कामरेड त्रिपाठी ने कभी बुझने नहीं दिया ।

कामरेड हरिद्वार सिंह ने अपने संस्मरण के आधार पर कहा कि ओरियंट पेपर मिल अमलाई के मजदूरों को भी कामरेड आर एस त्रिपाठी की यादास्त स्वरूप एक मूर्ति स्थापित करनी चाहिए जिसे देखकर मजदूर हमेशा संघर्ष के प्रतीक को सैल्यूट कर सकें इस काम में कोयला मजदूर भी सहयोग करेंगे।

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