*डोमपुरा में बिजली का करंट लगने से 21 भैंसों की हुई मौत*
धौलपुर जिला राजस्थान

डोमपुरा में बिजली का करंट लगने से 21 भैंसों की हुई मौत
राजस्थान धौलपुर से पुलिस पोस्ट के लिए धर्मेंद्र बिधौलिया की एक्सक्लूसिव ग्राउंड रिपोर्ट
डोमपुरा में बिजली के करंट से 21 भैंसों की हुई मौत, ग्रामीणों ने लगाया विद्युत विभाग के कर्मचारियों पर लापरवाही का आरोप,आक्रोशित ग्रामीणों ने विद्युत विभाग के कर्मचारियों के ख़िलाफ़ कार्यवाही एवं उचित मुआवजे की माँग।
धौलपुर ( धर्मेन्द्र बिधौलिया ) 29 सितम्बर।
धौलपुर जिले के सरमथुरा उपखण्ड के डोमपुरा गांव में बिजली के तार टूटने से करंट लगने से 21 भैंसों की मौत हो गई जिससे ग्रामीणों में सनसनी फैल गई ।

मौके पर सैकड़ों ग्रामीण एकत्रित हो गए और आक्रोशित होने लगे। ग्रामीणों ने पीड़ित परिवार को ढाँढस बधाया। ग्रामीणों ने बताया कि कल रात 10:30 बजे बिजली के तार के टूटने से हमारी आंखों के सामने 21 भैंसों की मौत हो गई

विद्युत विभाग को सूचना देने के बाद भी यह हादसा हुआ।
उनका कहना था कि विद्युत विभाग के कर्मचारियों ने विद्युत प्रवाह को कट नहीं किया जब उन्होंने पुलिस कंट्रोल रूम पर सूचना दी तब जाकर बिजली की सप्लाई को रोका गया तब तक 21 भैंसों की जानें जा चुकी थी।

ग्रामीणों ने विद्युत विभाग के कर्मचारियों पर लापरवाही के आरोप लगाए एवं विद्युत विभाग के कर्मचारियों पर कार्रवाई करने एवं राज्य सरकार से उचित मुआवजे की मांग की। गौलारी की ग्राम पंचायत के सरपंच सीताराम को सूचना मिलने पर तुरंत रात को ही घटनास्थल पर पहुंच गए और पीड़ित परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया।

सरपंच सीताराम ने वरिष्ठ पत्रकार धर्मेंद्र बिधौलिया को बताया कि विद्युत विभाग को कई बार मौखिक एवं लिखित में सूचना देने के बावजूद यह हादसा हुआ है और इससे पहले भी बिजली के करंट से पशुधन एवं जन हानि हुई है। इसके इसके लिए विद्युत विभाग के दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही की जाए एवं पीड़ितों को उचित मुआवजा दिया जाए।
उपस्थित ग्रामीणों ने बताया कि बिजली के तारों की मरम्मत के बारे में कई बार विद्युत विभाग के कर्मचारियों एवं अधिकारियों को मौके एवं लिखित में शिकायत की जा चुकी है लेकिन उस शिकायत पर आज तक अमल नहीं हुआ है।
घटना की सूचना प्राप्त होते ही सर मथुरा तहसीलदार राजकुमार शर्मा घटनास्थल पर पहुंचे और ग्रामीणों को ढाँढस बँधाया। एवं उन्हें उचित सरकारी मदद का आश्वासन दिया तभी ग्रामीण जाकर शांत हुए ग्रामीणों ने बताया कि अगर उन्हें भैंसों का उचित मुआवजा नहीं दिया गया तो वे उग्र आंदोलन के लिए मजबूर हो जाएंगे। इस मौके पर सैकड़ों ग्रामीण उपस्थित थे।




