*जिला जेल एवं वृद्वाश्रम कल्याणपुर में आयोजित हुआ विधिक साक्षरता शिविर*
शहडोल जिला मध्यप्रदेश

जिला जेल एवं वृद्वाश्रम कल्याणपुर में आयोजित हुआ विधिक साक्षरता शिविर
संभागीय ब्यूरो चीफ चन्द्रभान सिंह राठौर कि कलम से
शहडेाल / राष्ट्रीय एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार एवं जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष के मार्गदर्शन में जिला न्यायालय शहडोल के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अमोद आर्य एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अनूप कुमार त्रिपाठी द्वारा विचाराधीन बंदियों के मध्य बंदियों के अधिकार संबंधी विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में लोक उपयोगी सेवाओं उक्त लोक अदालत में सुनवाई हेतु नगर पालिका, नाली सफाई, स्ट्रीट लाईट सुधार, रोड निर्माण से संबंधित कुल 02 प्रकरणों में उभयपक्षों को सुना गया एवं उक्त प्रकरण को दिनांक 27.08.2021 को आयोजित आगामी लोकोपयोगी लोक अदालत में रखकर न्यायसम्मत समझौते के आधार पर निराकरण किया जाएगा। साथ ही वृद्धाश्रम कल्याणपुर शहडोल में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की वरिष्ठ नागरिकों के लिए विधिक सेवा, योजना 2016 के अंतर्गत विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया।
जिसमें अनूप कुमार त्रिपाठी, अपर जिला न्यायाधीश सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने वरिष्ठ नागरिक योजना के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य वरिष्ठ नागरिकों को विधिक सहायता, सलाह और परामर्श के माध्यम से उन्हें विधिक प्रावधानों के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने में सक्षम बनाना, उनकी सरकारी कार्यक्रमों तक पहुंच सुनिश्चित करना तथा शारीरिक एवं सामाजिक सुरक्षा के उपाय करने के लिये तरीके खोजना है। इसके साथ ही उन्होंने माता पिता एवं वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण एवं कल्याण अधिनियम 2007 के उपबंधों पर भी प्रकाश डाला। कार्यक्रम मंे अतिरिक्त जिला न्यायाधीश श्री अमोद आर्य ने वृद्धों की समस्याओं को जाना और उनके निराकरण हेतु परामर्श दिए।
उन्होने वृद्धजन को संबोधित करते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति वृद्धाश्रम जानबूझ कर नहीं आना चाहता लेकिन जीवन में कुछ परिस्थितियां ऐसी उत्पन्न होती हैं जो यहां आने के लिए बाध्य कर देती है । माता-पिता अपने संतान की परवरिश में सबकुछ न्यौछावर कर देते हैं किन्तु जब वही संताने माता-पिता की उपेक्षा करती है तो माता-पिता का हृदय विदीर्ण हो जाता है। सरकार की यह जिम्मेदारी है कि वो हर नागरिक के कल्याण के लिए कदम उठाये। वृद्धाश्रम इसीलिए बनाए गए हैं कि लोग यहां आकर आश्रय पा सके और अपने परिवार की उपेक्षा से उबर सकें।