*संयुक्त ठेकेदारी मजदूर यूनियन सीटू ने सौपा पन्द्रह सूत्रीय मांगो का ज्ञापन।*
तहसील जैतहरी जिला अनुपपुर मध्य-प्रदेश

जैतहरी,
संयुक्त ठेकेदारी मजदूर यूनियन सीटू ने सौपा पन्द्रह सूत्रीय मांगो का ज्ञापन।
——–*———
संयुक्त ठेकेदारी मजदूर यूनियन सीटू जैतहरी जिला अनूपपुर के प्रतिनिधि मंडल आज पन्द्रह सूत्रीय मांगो को लेकर प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन श्रीमान तहसीलदार जैतहरी को सौंपा है।
ज्ञापन में लेख किया गया है कि अभी पिछली कोरोना लहर के चलते जीवन यापन के साधनों आमदनिओ को छीने जाने और बीमारी के चलते हुई बर्बादी से मेहनतकश बाहर भी नहीं आ पाए थे कि कोरोना की दूसरी लहर और उसके चलते लगे कोरोना कर्फ्यू अकल्पनीय पीड़ा बर्बादी और मरणातक भावनात्मक आघातों के दलदल में उन्हें फंसा दिया ।
आप स्वयं ही जानते हैं कि कैसे इस बार बरती गई लापरवाही समय पर समुचित इंतजाम न किए जाने के चलते महामारी में ऑक्सीजन दवाओं अस्पताल में बिस्तरो के अभाव, नकली और महंगी दवाओं की कालाबाजारी निजी चिकित्सा संस्थानों की लूट के चलते बेशकीमती लाखों जाने चली गई, हजारों बच्चे बेसहारा हो गए और करोड़ों लोगों को कंगाल, दिवालिया बना दिया गया ।
इस कोरोना महामारी से निपटने के लिए कोरोना कर्फ्यू लगाए गए जिनमें करोड़ों करोड़ मेहनतकश की आजीविका छिन गई । बीमारी का संक्रमण महंगा इलाज, इलाज की अनुपलब्धता और आमदनी जाने से करोड़ों करोड़ जनता को दारूण अवस्था अकल्पनीय है । केंद्र व राज्य सरकारों ने जो नीति अपनाई उसके चलते करोड़ों लोगों को आमदनी तो चली गई लेकिन उन्हें राहत के नाम पर कुछ भी नहीं दिया गया ।
इस बार कारखानों के प्रबंधकों को भी वेतन न कटौती करने तथा नौकरी से निकाले जाने के भी कोई निर्देश तक जारी नहीं किए गए । इस अवधि में फ्रंटलाइन वर्कर्स के अलावा उत्पादन, परिवहन, कार्यालयीन कार्य चुनावी ड्यूटी में लोगों से काम तो लिया गया लेकिन उनकी सुरक्षा इलाज मुआवजा 50 50 लाख की का बीमा कवर व पुनर्वास विशेषत : सुनिश्चित अनुकंपा नियुक्ति के बारे में ना तो कोई स्पष्ट नीति बनाई न व्यवस्था की ।
परिणामत: काम के दौरान संक्रमित हुए लोग महंगा व लंबा इलाज कराने में बर्बाद तो हुए ही उनमें से बड़ी संख्या में लोग मारे भी गए इनकी मौत को भी कोरोना से हुई मौत तक नहीं माना गया । यह मेहनत कशो पर घोर अन्याय व अत्याचार है । असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का देश व प्रदेश में बहुमत है इनकी आजीविका तो पूरी तरह समाप्त हो गई लेकिन उनको सुनिश्चित आर्थिक मदद व जिंदा रहने के लिए जरूरी सामग्री की किट तक उपलब्ध नहीं कराई गई ।
ऐसी स्थिति में यह जरूरी है कि देश की आवादी के विराट बहुमत वाले मेहनतकशो, श्रमिक कर्मचारी, असंगठित क्षेत्र के मजदूर छोटे व्यवसायी, खेत मजदूर तथा छोटे व मझोले किसान की निम्न प्रमुख मांगों का निराकरण किया जाए । प्रतिनिधिमंडल में प्रमुख रूप से यूनियन के अध्यक्ष कामरेड जुगुल राठौर महासचिव सुग्रीव कुमार जयसवाल कोषाध्यक्ष सहसराम चौधरी सचिव साथी रमेश सिंह उपाध्यक्ष साथी कैलाश सिंह साथी राजकुमार साथी रोहिणी राठौर साथी बाबूराम राठौर शामिल थे ।
*तहसील जैतहरी से विकास सिंह राठौर की रिपोर्ट *