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*जनता की मांग के बाद भी नही खुलसका राजनगर का कोविड सेंटर*

राजनगर जिला अनुपपुर मध्य-प्रदेश

जनता की मांग के बाद भी नही खुलसका राजनगर का कोविड सेंटर

संभागीय ब्यूरो चीफ चन्द्रभान सिंह राठौर कि रिपोर्ट

राजनगर / शहर के साथ ही अब गांवो में भी कोरोना का कहर बढ़ता ही जा रहा हैं साथ ही कोरोना की दूसरी लहर का संक्रमण दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है शासन प्रशासन के लगातार प्रयास से भी इस पर रोक नही लग पा रहा है इस संक्रमण व लॉकडाउन से लोग घरों में तो रहने को मजबूर हैं पर जांच की सुविधा ना मिल पाने के कारण संक्रमण को नियंत्रित कर पाना मुश्किल होता जा रहा है कोविड जांच की सुविधा राजनगर में ना होने के कारण राजनगर डूमरकछार व डोला की जनता को कोविड जाँच के लिए बिजुरी जाना पड़ता है जहां सुबह से शाम लाइन लगाने के बावजूद भी कई लोगों की जांच नहीं हो पाती व उन्हें बिना जांच के ही वापस आना पड़ता है इसलिए राजनगर की जनता के द्वारा शासन प्रशासन से बार-बार मांग किया जा रहा है कि जल्द से जल्द राजनगर में कोविड केंद्र खोला जाए जिससे कि आसपास के क्षेत्र के लोगों को सुविधा मिल सके।

कई बैठक के बाद भी नही निकला समस्या का हल

पूर्व में कॉलरी एवं प्रशासन के अधिकारियों के बीच बैठकों का दौर जारी हुआ जिसमें सहमति बनी कि राजनगर में कोबिड सेंटर खोला जाए जिसको सुनकर लोगों में एक उम्मीद की किरण जगी थी कि अब इस संक्रमण से लड़ा जा सकता है लेकिन यह बैठक महज एक सांत्वना ही साबित हुई और आज एक पखवाड़ा बीत जाने के बावजूद भी नहीं खोला जा सका कोबिड सेंटर।

सुविधाओं के बीच फसी नगर व क्षेत्र की जनता

कील टू कोरोना में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं को रख तो लिया गया है लेकिन उनके पास कागज के अलावा जांच करने की कोई भी सामग्री नहीं है फिर कोरोना कैसे मरेगा
तीन नगर परिषद राजनगर डोला डूमरकछार के बीच में एक भी जांच केंद्र की सुविधा आज तक मुहैया नहीं कराई जा सकी जिससे लोगों को बिजुरी एवं कोतमा स्वास्थ्य केंद्र जाना पड़ता है जिसकी दूरी लोगों को जांच केंद्र तक पहुंचने नहीं देती प्रशासन ने लोगों का रोजगार छीन कर घर में रहने को मजबूर तो कर दिया लेकिन ना तो जांच केंद्र है और ना होम डिलीवरी की कोई सुविधा यह कैसा लॉकडाउन प्रशासन का है कि गरीबों को घर में कैद कर दिया गया लेकिन उनकी सुध लेने वाला भी कोई नहीं है यह संक्रमण बहुत खतरनाक है इससे सब को बचना है लेकिन वास्तविकता में ना जांच की सुविधा पूरी कार्यवाही सोशल मीडिया व कागजों तक ही बड़ी तेजी से काम कर रही है लेकिन वास्तविकता में पूरा प्रयास जीरो है।

जिम्मेदार द्वारा नही दिया जा रहा ध्यान

कालरी प्रबंधन एवं प्रशासन के बीच सहमति से कोविड सेंटर तो बन गया एवं उसके कर्मचारी की भर्ती के लिए विज्ञापन भी जारी कर दिया गया लेकिन भर्ती नहीं की जा सकी और जब इसके बारे में जिम्मेदार अधिकारियों से बात की जाती है तो कुछ बहाना बनाकर टाल दिया जाता है।

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