मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में उठाया बड़ा कदम
जिला भोपाल मध्य प्रदेश

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में उठाया बड़ा कदम
(पढिए राजधानी एक्सप्रेस न्यूज़ हलचल आज की सच्ची खबरें)
मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने “आत्मनिर्भर पंचायत–समृद्ध मध्यप्रदेश” राज्य स्तरीय कार्यशाला का किया शुभारंभ
भोपाल।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि “पंचायतों को प्रशासनिक रूप से दक्ष, वित्तीय रूप से सक्षम और सामुदायिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।”
उन्होंने आज राजधानी भोपाल में “आत्मनिर्भर पंचायत – समृद्ध मध्यप्रदेश” विषय पर आयोजित तीन दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का विधिवत शुभारंभ किया। कार्यक्रम में प्रदेशभर से आए पंचायत प्रतिनिधियों, अधिकारियों, विशेषज्ञों और ग्रामीण विकास से जुड़े विभिन्न संगठनों ने सहभागिता की।
ग्राम पंचायतें विकास की पहली इकाई — मुख्यमंत्री यादव

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अपने उद्बोधन में कहा कि ग्राम पंचायतें प्रदेश के विकास ढांचे की आधारशिला हैं। यदि पंचायतें मजबूत होंगी तो गांव मजबूत होंगे और गांव मजबूत होंगे तो पूरा मध्यप्रदेश विकास के नए कीर्तिमान स्थापित करेगा। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य पंचायतों को वह सभी अधिकार, संसाधन और प्रशिक्षण उपलब्ध कराना है,
जिससे वे स्वयं निर्णय लेने और योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू करने में सक्षम बन सकें।
वित्तीय और प्रशासनिक क्षमता बढ़ाने पर जोर
कार्यशाला में पंचायतों को वित्तीय रूप से सशक्त बनाने, राजस्व-वृद्धि के स्थानीय मॉडल विकसित करने, मनरेगा एवं अन्य ग्रामीण योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन, जल-संरक्षण, स्वच्छता मिशन, डिजिटल पंचायत और रोजगार सृजन जैसे प्रमुख विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा सत्र आयोजित किए गए।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर पंचायतों में ई-गवर्नेंस को और अधिक सुदृढ़ करने तथा पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए नई कार्ययोजना लागू करने की घोषणा भी की।
ग्रामीण विकास मॉडलों की प्रदर्शनी आकर्षण का केंद्र
कार्यक्रम स्थल पर लगाए गए प्रदर्शनी पवेलियन में विभिन्न जिलों की पंचायतों द्वारा नवाचारों, स्थानीय उत्पादों और आत्मनिर्भरता के मॉडल प्रस्तुत किए गए, जिनको प्रतिभागियों ने बड़ी रुचि से देखा। प्रदर्शनी के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि प्रत्येक पंचायत अपने संसाधनों और स्थानीय प्रतिभा के आधार पर विकास का अनूठा मॉडल तैयार कर सकती है।
तीन दिवसीय कार्यशाला में होगा विस्तृत मंथन

कार्यशाला के आगामी दो दिनों में पंचायत प्रतिनिधियों को नवीन नीतियों, उद्यमिता प्रोत्साहन, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, महिला-सशक्तिकरण तथा युवा भागीदारी जैसे विषयों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।
विशेषज्ञ पैनलों द्वारा पंचायतों के समक्ष आने वाली चुनौतियों और उनके समाधान पर विस्तृत विचार-विमर्श किया जाएगा, ताकि ग्रामीण विकास को नए आयाम मिल सकें।
मुख्यमंत्री ने किया आह्वान
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभी जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे आधुनिक तकनीक और पारंपरिक ज्ञान का समन्वय कर पंचायतों को आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर करें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हर कदम पर पंचायतों के साथ खड़ी है और ग्रामीण विकास के लिए सभी आवश्यक सहयोग प्रदान किया जाएगा।
देखें, कार्यक्रम की प्रमुख झलकियां…
कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में मुख्यमंत्री के संबोधन, विशेषज्ञों के प्रेज़ेंटेशन, प्रदर्शनी अवलोकन तथा विभिन्न जिले की पंचायतों के नवाचार मॉडल प्रमुख आकर्षण रहे।




