महाराजा शंकरशाह के 168 वें बलिदान दिवस पर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी की भावपूर्ण श्रद्धांजलि सभा सम्पन्न
जिला मनेंद्रगढ़ छत्तीसगढ़

महाराजा शंकरशाह के 168 वें बलिदान दिवस पर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी की भावपूर्ण श्रद्धांजलि सभा सम्पन्न
(पढिए जिला एमसीबी ब्यूरो चीफ मनमोहन सांधे की खास रिपोर्ट)
छत्तीसगढ़ प्रदेश के एमसीबी जिला भरतपुर विकासखंड अंतर्गत कोटाडोल ब्लॉक, जनकपुर में दिनांक 23 सितम्बर 2025 को ऐतिहासिक एवं भावनात्मक वातावरण में गोंडवाना साम्राज्य के अंतिम शासक महाराजा शंकरशाह जी और उनके पुत्र कुंवर रघुनाथ शाह मंडावी जी के 168वें बलिदान दिवस पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का आयोजन गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (गोंगपा) जनकपुर/कोटाडोल इकाई के तत्वावधान में किया गया। इस अवसर पर हजारों की संख्या में जनसैलाब उमड़ा और क्षेत्रवासियों ने अपने वीर पूर्वजों के बलिदान को नमन किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं विशिष्टजन
इस आयोजन में विशेष रूप से शामिल हुए:
* माननीय श्याम सिंह मरकाम
, राष्ट्रीय महासचिव एवं मध्यप्रदेश प्रभारी, गोंगपा
* दीपक मराबी, प्रदेश उपाध्यक्ष, युवा मोर्चा गोंगपा छत्तीसगढ़
* राजा गीतगार सिंह आयाम, संभागीय संगठन मंत्री
* तोषकुमार आयाम, जिला प्रवक्ता, एमसीबी भरतपुर
* राधा सिंह परस्ते, अध्यक्ष महिला मोर्चा, ब्लॉक इकाई भरतपुर
साथ ही क्षेत्र के प्रमुख जनप्रतिनिधि भी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे, जिनमें शामिल थे:
* मायाप्रताप सिंह परस्ते, अध्यक्ष जनपद पंचायत भरतपुर
* बेलाकुंवर आयाम, जिला पंचायत सदस्य
* सुखलाल मराबी, जनपद पंचायत सभापति
* कैलाश सिंह परस्ते, अध्यक्ष कृषि स्थाई समिति, जनपद पंचायत भरतपुर
* सबिता सिंह उइके, जनपद सदस्य
इसके अतिरिक्त ग्राम पंचायतों के 15 सरपंच और आसपास के हजारों ग्रामीणों ने एकजुट होकर कार्यक्रम की गरिमा को और बढ़ाया।
बलिदान दिवस का महत्व
सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि महाराजा शंकरशाह और उनके पुत्र कुंवर रघुनाथ शाह मंडावी ने अंग्रेजों की गुलामी को कभी स्वीकार नहीं किया और देश की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया। उनका बलिदान आने वाली पीढ़ियों के लिए सदैव प्रेरणास्रोत रहेगा।
मुख्य अतिथि श्याम सिंह मरकाम ने अपने उद्बोधन में कहा कि गोंडवाना की वीर परंपरा को जीवित रखने का दायित्व प्रत्येक गोंडवासी का है। उन्होंने यह भी कहा कि जिस तरह शंकरशाह ने अपने स्वाभिमान और मातृभूमि की रक्षा के लिए प्राण न्यौछावर किए, उसी प्रकार हमें भी अपने अधिकारों, संस्कृति और अस्तित्व की रक्षा हेतु संगठित रहना होगा।
जनसमूह की सहभागिता
सभा स्थल पर सुबह से ही जनसमूह का जमावड़ा लगना शुरू हो गया था। महिलाओं, युवाओं और वरिष्ठ नागरिकों ने बड़े उत्साह के साथ इस ऐतिहासिक दिन को स्मरण किया। कार्यक्रम में देशभक्ति गीतों और नारों से वातावरण गूंज उठा।
निष्कर्ष
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम न केवल महाराजा शंकरशाह और रघुनाथ शाह के बलिदान को श्रद्धांजलि देने का अवसर बना, बल्कि यह भी संदेश दिया कि गोंडवाना की संस्कृति और गौरवशाली इतिहास को आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचाना हम सबका कर्तव्य है।