लाखन टोला पंचायत में लापरवाही की भेंट चढ़ा वृक्षारोपण उद्यानिकी विभाग की अनदेखी उजागर
तहसील भरतपुर जिला मनेंद्रगढ़ छत्तीसगढ़

लाखन टोला पंचायत में लापरवाही की भेंट चढ़ा वृक्षारोपण उद्यानिकी विभाग की अनदेखी उजागर
(पढिए जिला एमसीबी ब्यूरो चीफ मनमोहन सांधे की खास खबर)
एकता परिषद और ग्रामीणों ने उठाया फेंसिंग सुधार का बीड़ा, पर्यावरण संरक्षण की दी प्रेरणा
छत्तीसगढ़ राज्य के एमसीबी भरतपुर विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत लाखन टोला में उद्यानिकी विभाग की लापरवाही एक बार फिर उजागर हो गई है। विभाग द्वारा मिश्रित पौधों की प्रजातियों का वृक्षारोपण किया गया था, जो न केवल सुंदर दिखाई दे रहे थे, बल्कि गांव की हरियाली और पर्यावरण सुधार में योगदान भी दे रहे थे।
लेकिन दुर्भाग्यवश, ग्रामवासियों की लापरवाही और विभागीय उदासीनता के चलते यह वृक्षारोपण उपेक्षा की भेंट चढ़ गया। गर्मी के मौसम में कुछ शरारती तत्वों द्वारा जानबूझकर आग लगा दी गई, जिससे कई पौधे झुलस गए। वहीं दूसरी ओर, फेंसिंग तार टूटने से मवेशी इन बागानों में घुसकर नुकसान पहुंचा रहे हैं।
जब इस संदर्भ में ग्राम पंचायत की सरपंच से संपर्क किया गया, तो उन्होंने बताया कि उन्हें इस स्थिति की जानकारी हाल ही में मिली है और वे जल्द ही आवश्यक कार्रवाई करेंगे।
लेकिन सवाल यह है कि जब ग्राम पंचायत और विभाग की संयुक्त जिम्मेदारी है पौधों की सुरक्षा की, तो इतने लंबे समय तक यह समस्या नजरअंदाज कैसे होती रही?
इस बीच, एकता परिषद के सदस्य और जागरूक ग्रामीणों ने मिलकर स्वप्रेरणा से फेंसिंग तार की मरम्मत की और पूरे गांव में अपील की कि पौधों को बचाना ही पर्यावरण को बचाना है। उनका यह सराहनीय कदम ग्रामीण एकजुटता और पर्यावरण के प्रति उनकी जिम्मेदारी को दर्शाता है।
गांव की जनता ने प्रशासन और उद्यानिकी विभाग से मांग की है कि वृक्षारोपण की सुरक्षा के लिए स्थायी और सख्त व्यवस्था की जाए। साथ ही दोषियों पर कार्रवाई कर इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जाए।
निष्कर्ष:
एक तरफ जहां सरकार हरियाली बढ़ाने और पर्यावरण सुधार के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, वहीं जमीनी स्तर पर लापरवाही इन प्रयासों को विफल कर रही है। लाखन टोला की घटना एक चेतावनी है कि यदि अब भी विभागीय निगरानी और स्थानीय सहभागिता नहीं बढ़ी, तो हरियाली के सपने केवल कागजों तक ही सीमित रह जाएंगे।