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“प्राकृतिक खेती ही भविष्य की राह” – जबलपुर में राज्यपाल आचार्य देवव्रत की प्रेरणा दायक चौपाल

जिला जबलपुर मध्य प्रदेश

🌱 “प्राकृतिक खेती ही भविष्य की राह” – जबलपुर में राज्यपाल आचार्य देवव्रत की प्रेरणा दायक चौपाल

(पढिए राजधानी एक्सप्रेस न्यूज़ हलचल आज की सच्ची खबरें)

मध्य प्रदेश जिला जबलपुर में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बोले – मध्यप्रदेश में बनेगी प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की योजना

 

मंत्री राकेश सिंह के प्रयासों से जबलपुर में हुआ अभूतपूर्व आयोजन, किसानों ने हाथ उठाकर दी सहमति

**जबलपुर, संवाददाता।**
गुजरात के राज्यपाल **आचार्य देवव्रत** ने मानस भवन सभागार, जबलपुर में आयोजित “**एक चौपाल – प्राकृतिक खेती के नाम**” कार्यक्रम में किसानों से आह्वान किया कि यदि धरती, पानी, गाय, पर्यावरण, और जन व पशु स्वास्थ्य को बचाना है, तो हमें प्राकृतिक खेती को अपनाना ही होगा। उन्होंने चेताया कि रासायनिक खेती से उपजे जहर का असर स्वास्थ्य पर गंभीर हो रहा है।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार प्राकृतिक खेती के प्रोत्साहन के लिए विशेष योजना बनाएगी।  साथ ही मंडियों में रासायनिक व प्राकृतिक उपज के लिए  अलग-अलग व्यवस्था की जाएगी, जिससे किसानों को उचित मूल्य और उपभोक्ताओं को स्वास्थ्यवर्धक अन्न मिल सके।

### 📢 किसानों से सीधा संवाद: चौपाल में उमड़ा जनसैलाब

कार्यक्रम की खास बात यह रही कि **सभागार खचाखच भरा** रहा, जबकि सैकड़ों किसान बाहर लगाई गई **लाइव स्क्रीन** से जुड़े रहे। सभी उपस्थित किसान पूरे कार्यक्रम के दौरान जमे रहे।

**लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह** ने बताया कि गुजरात प्रवास के दौरान राज्यपाल देवव्रत से उनकी लंबी चर्चा हुई, जिसके बाद उन्होंने जबलपुर में किसानों को प्राकृतिक खेती के फायदे समझाने हेतु यह आयोजन तय किया।

### 🔍 राज्यपाल का विचार: “जहरमुक्त खेती ही पीढ़ियों का संरक्षण करेगी”

राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा,

> “60 साल पहले जिन बीमारियों का नाम नहीं सुना था, आज छोटे-छोटे बच्चे भी उससे ग्रसित हैं। इसका बड़ा कारण रासायनिक खेती और जहरीले खाद्य पदार्थ हैं।”

उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि **एक कीटनाशक छिड़काव के दौरान एक श्रमिक की हालत बिगड़ने** पर उन्होंने रासायनिक खेती छोड़ प्राकृतिक खेती अपनाने का निर्णय लिया।

उन्होंने यह भी कहा कि जैविक और रासायनिक खेती **दोनों ग्लोबल वॉर्मिंग को बढ़ावा** देती हैं, जबकि प्राकृतिक खेती ही **इको-फ्रेंडली, सस्ती और लाभकारी** है।

### 🐄 गाय – प्राकृतिक खेती की रीढ़

राज्यपाल ने बताया कि **गौमाता का गोबर और गोमूत्र खेती के लिए अमृत** समान हैं। देशी गाय के 1 ग्राम गोबर में करोड़ों सूक्ष्म जीवाणु होते हैं जो भूमि को उपजाऊ बनाते हैं। उन्होंने किसानों से “**गुरु दक्षिणा**” के रूप में प्राकृतिक खेती अपनाने का वचन भी लिया, जिस पर सैकड़ों किसानों ने हाथ उठाकर सहमति जताई।

### 🗣 मुख्यमंत्री ने कही बड़ी बातें

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि

> “जैसे कोविड के बाद नमस्कार का महत्व समझ में आया, वैसे ही अब प्राकृतिक खेती की अहमियत उजागर हो रही है।”

उन्होंने राज्य में **गौशालाओं का विस्तार, प्राकृतिक उत्पादों का संग्रहण और उपज मूल्य निर्धारण में बदलाव** की बात कही। उन्होंने बताया कि सरकार दूध उत्पादन को 25% तक बढ़ाने के प्रयास करेगी और **देशी गाय के दूध** को प्रोत्साहित किया जाएगा।

### 📚 “हमारे ग्रंथों में दर्ज हैं प्राकृतिक खेती के सूत्र” – राकेश सिंह

मंत्री श्री राकेश सिंह ने कहा कि हमारे ग्रंथों में ऋषियों द्वारा दी गई कृषि संबंधी विधियां आज भी **समय की कसौटी पर खरी** उतरती हैं। उन्होंने कहा कि यह आयोजन आचार्य देवव्रत से मिली प्रेरणा का परिणाम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी लाल किले से प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की बात कर चुके हैं।

### 👨‍🌾 किसानों ने साझा किए अनुभव

कार्यक्रम में जबलपुर के प्रगतिशील किसानों – **श्री विनय सिंह, राकेश पहाड़िया, धनंजय काछी व डॉ. लोकेन्द्र यादव** ने प्राकृतिक खेती से जुड़ी **सफल कहानियां और लाभ** बताए।

### 🔔 कार्यक्रम की झलकियां

* **शंखनाद और स्वस्थिवाचन** से कार्यक्रम का शुभारंभ
* दीप प्रज्वलन कर भारत माता और भगवान बलदाऊ की वंदना
* संचालन पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष **सुभाष तिवारी “रानू”** ने किया
* आभार प्रदर्शन भाजपा ग्रामीण जिलाध्यक्ष **राजकुमार पटेल** ने किया

### 🎤 मंचासीन अतिथिगण

राज्यसभा सांसद सुमित्रा बाल्मिक, सांसद आशीष दुबे, महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू, विधायक अजय विश्नोई, डॉ. अभिलाष पांडे, अशोक रोहाणी, नीरज सिंह, जिलाध्यक्ष आशा गोटिया सहित कई जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।

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