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जिला न्यायाधीशों से पुराने लंबित मामलों के निराकरण प्राथमिकता एवं नवीन दृष्टिकोण अपनाने का किया आग्रह

मध्य प्रदेश

जिला न्यायाधीशों से पुराने लंबित मामलों के निराकरण प्राथमिकता एवं नवीन दृष्टिकोण अपनाने का किया आग्रह

(पढिए राजधानी एक्सप्रेस न्यूज़ हलचल आज की सच्ची खबरें)

मध्य प्रदेश बना ‘त्वरित’ डिजिटल इनिशिएटिव अपनाने वाला पहला राज्य
ऑनलाइन हो सकेगी सम्मन और वारंट की ट्रैकिंग
न्यायमूर्ति श्री अभय एस. ओक ने दो दिवसीय मुख्य जिला और सत्र न्यायाधीश सम्मेलन में किया ‘त्वरित’ इनिशिएटिव और ‘ई-ज्योति’ जर्नल का शुभारंभ

मध्यप्रदेश राज्य न्यायिक अकादमी के दो दिवसीय मुख्य जिला और सत्र न्यायाधीश सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए

सर्वोच्च न्यायालय के न्यायधीश न्यायमूर्ति श्री अभय एस. ओक ने “ई-ज्योति जर्नल” और “त्वरित” ( नामक अत्याधुनिक डिजिटल इनिशिएटिव का शुभारंभ किया।

त्वरित के माध्यम से सम्मन और वारंट की स्थिति ऑनलाइन ट्रैक भी की जा सकेगी।

मध्यप्रदेश इस पहल के लिए नियमों को अधिसूचित करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है, जो न्यायिक प्रणाली में डिजिटल नवाचार का एक अनुकरणीय उदाहरण है।

न्यायमूर्ति श्री ओक ने न्याय प्रणाली में जिला न्यायालयों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने जिला न्यायाधीशों से पुराने लंबित मामलों के निराकरण को प्राथमिकता देने और नवीन दृष्टिकोण अपनाने का आग्रह किया।

जबलपुर में आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन में मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री सुरेश कुमार कैत, न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री सुश्रुत अरविंद धर्माधिकारी और अन्य न्यायाधीश सम्मिलित हुए।

सम्मेलन में प्रदेश के सभी मुख्य जिला और सत्र न्यायाधीश, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (MP SLSA), राज्य न्यायिक अकादमी के वरिष्ठ अधिकारी, और अन्य गणमान्य नागरिक सम्मिलित हुए।

द्वैमासिक पत्रिका “ई-ज्योति जर्नल” अकादमी की वेबसाइट पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध रहेगी

इससे पाठकों को बहुमूल्य जानकारी मिल सकेगी।

मध्यप्रदेश उच्च न्यायलय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्री सुरेश कुमार कैत ने जरूरतमंद और गरीब याचिकाकर्ताओं को कानूनी सहायता प्रदान किये जाने को महत्वपूर्ण बताया।

जिला न्यायालयों के न्यायधीशों से आह्वान किया कि वे उत्कृष्ट प्रदर्शन और श्रेष्ठ नेतृत्व से जिलों में सेवारत न्यायिक अधिकारियों को प्रेरित करें।

सम्मेलन में न्यायिक प्रणाली को आधुनिक बनाने और न्याय प्रदान करने में दक्षता बढ़ाने के प्रति प्रतिबद्धता और सुदृढ़ करने पर जोर दिया गया।

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