जिला शिक्षा अधिकारी ने बच्चों के अभिभावकों को बतायें अपार आई डी के फायदे
जिला जबलपुर मध्य प्रदेश

जिला शिक्षा अधिकारी ने बच्चों के अभिभावकों को बतायें अपार आई डी के फायदे
(पढिए राजधानी एक्सप्रेस न्यूज़ हलचल आज की सच्ची खबरें)
मध्य प्रदेश जिला जबलपुर में वन नेशन-वन स्टूडेंट आई डी योजना के तहत छात्रों की अपार आई डी बनाने के कार्य मे लायें गति
जिला शिक्षा अधिकारी ने बच्चों के अभिभावकों को भी बतायें अपार आई डी के फायदे.
मॉडल स्कूल में अशासकीय विद्यालयों के प्राचार्यों की बैठक संपन्न.
स्कूली छात्रों की अपार आईडी बनाने के कार्य को गति देने के उद्देश्य से आज शनिवार को अशासकीय विद्यालयों के प्राचार्यों की बैठक पंडित लज्जा शंकर झा मॉडल स्कूल में आयोजित की गई।
ज्ञात हो कि केंद्र शासन की वन नेशन-वन स्टूडेंट आई डी योजना के तहत जिले में अभी तक शासकीय एवं अशासकीय स्कूलों के लगभग दस फीसदी छात्र-छात्राओं की अपार आई डी बनाने का कार्य किया जा चुका है।
जिले में अपार आई डी बनाने का कार्य करीब एक माह पहले शुरू हुआ था।
स्कूली छात्रों की अपार आई डी बनाने के कार्य को गति देने अशासकीय शालाओं के प्राचार्यों की बुलाई गई बैठक को संबोधित करते हुये
जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी ने अपार आई डी बनवाने के फायदे बताये। उन्होंने कहा कि अपार आई डी बनवाने से होने वाले लाभ की जानकारी छात्र-छात्राओं के अभिभावकों को भी दी जानी चाहिये, ताकि इस कार्य में और गति आ सके।
जिला शिक्षा अधिकारी ने बैठक में कहा कि स्कूली बच्चों की अपार आई डी apaar.education.gov.in पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा कर बनाई जा सकेगी। उन्होंने बताया कि कक्षा 1से कक्षा 8 तक के बच्चों की अपार आईडी बनाने हेतु जनरल प्रोफाइल का अपडेशन होना बहुत जरूरी है।
जब तक प्रोफाइल अपडेशन नहीं होगी तब तक अपार आईडी जनरेट नहीं होगी।
जनरल अपडेशन के लिए बच्चे का आधार कार्ड अपडेट होना चाहिए। प्रोफाइल अपडेशन होने के बाद बच्चे की अपार आई डी जनरेट हो जाएगी।
बैठक में बताया गया कि अपार आई डी में त्रैमासिक, अर्ध वार्षिक और वार्षिक परीक्षा परिणामों के साथ ही बच्चों का पूरा शैक्षणिक रिकार्ड एवं उपलब्धियों सबंधी दस्तावेज सुरक्षित रहेंगे।
अंकसूची या शैक्षणिक दस्तावेज खो जाने, जल जाने या नष्ट हो जाने पर बच्चों और उनके अविभावकों को परेशान नहीं होना पड़ेगा।
अपार आई डी के माध्यम से डुप्लीकेट अंकसूची या दस्तावेज आसानी से बनवाये जा सकेंगे।
अपार आई डी बनवाने से पारदर्शिता भी आयेगी और अंकसूची में होने वाले फर्जीवाडे पर भी रोक लगेगी।
क्या है अपार आई डी :-
अपार (ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री) जिसका अर्थ स्वचालित स्थाई शैक्षणिक खाता पंजीकरण है ।
यह एक आजीवन 12 अंकों की अद्वितीय पहचान प्रणाली है, जो भारत के सभी छात्रों के लिए डिजाइन की गई है। अपार आई डी में प्रत्येक छात्र के शैक्षणिक रेकॉर्ड का लेखा जोखा होगा।
इसमें बच्चों की अंक सूची, प्रमाण पत्र और शैक्षणिक क्षेत्र में प्राप्त उपलब्धियां शामिल होगी।
अपार आई डी क्यों जरूरी
वर्ष 2020 की राष्ट्रीय शिक्षा नीति संपूर्ण भारत के छात्रों के लिए एक अद्वितीय आईडी बनाने की आवश्यकता पर जोर देती है,जो छात्रों की शैक्षणिक प्रगति को ट्रैक करने और उनकी शिक्षा को उनके सीखने की यात्रा के दौरान अधिक प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में मदद करेगी।
अपार आईडी डिजिटलीकरण, व्यक्तिगत शिक्षा, शिक्षा के सार्वभौमिकीकरण जैसे व्यापक लक्ष्यों का भी समर्थन करती है।
इसमें स्कूल से बाहर गए बच्चों को स्कूल में वापिस लाना और छात्रों की शैक्षणिक राह कुशल हस्तक्षेप को सक्षम बनाना शामिल है।
इसके माध्यम से छात्र अपने शैक्षणिक अभिलेखों तक पहुँच सकते है।
अपार आईडी बहुत ही सुरक्षित है, इसमें प्रत्येक बच्चे की सभी जानकारी सुरक्षित रहेगी।
8 और 9 दिसम्बर अपार दिवस घोषित
अशासकीय शालाओं के प्राचार्यों की बैठक में बताया गया कि 8 एवं 9 दिसंबर को स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा अपार दिवस घोषित किया गया है।
जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा कि इन दो दिनों में ज्यादा से ज्यादा बच्चों की अपार आईडी बनवाने के प्रयास सभी को करने होंगे।
अपार आई डी बनवाने के कार्य को गति देने बच्चों के अभिभावकों को भी जागरूक करने की आवश्यकता बताई।
बैठक में डीपीसी योगेश शर्मा, एपीसी राजेश तिवारी, कृष्णकांत शर्मा, अजय रजक, बीआरसी आशीष श्रीवास्तव, डीसी अहिरवार सहित अशासकीय विद्यालयों के प्राचार्य उपस्थित रहे।