हरित मानदंडों की धज्जियां उड़ाती चूना पत्थर खदानें, आखिर क्यों नहीं होती कार्यवाही
कटनी जिला मध्य प्रदेश

हरित मानदंडों की धज्जियां उड़ाती चूना पत्थर खदानें, आखिर क्यों नहीं होती कार्यवाही
(पढिए जिला कटनी ब्यूरो चीफ ज्योति तिवारी की खास खबर)
मध्य प्रदेश जिला कटनी के अंतर्गत डायर सलैया चूना पत्थर खदानों एवम क्रेशर संचालकों की मनमानी से आसपास निवासरत ग्रामीण अत्याधिक परेशान है।
इन खदानों में पर्यावरण संरक्षण की अनदेखी और नियमों को ताक पर रखकर निर्धारित मापदंडों से अधिक क्षमता के विस्फोट किए जाते है।
परंतु मजाल है कि जिला खनिज विभाग का अमला इस और अपना ध्यान आकर्षित कर ले लगातार अनदेखी से ग्रामीणों का जीवन दूभर हो गया है।
आए दिन जिले के समाचार पत्रों में खबरे प्रकाशित होती रहती हैं फिर भी विभाग मौन साधे हुए है जो समझ से परे है।
विदित हो की जिले के मशहूर नीलकंठेश्वर मंदिर पड़खुडी के आगे के गांवों के अलावा अम्हटा प्लांट के आसपास स्थित गांवों में बड़ी संख्या में चूना पत्थर खदानों व क्रेशर संचालित किए जा रहे है।
जिसमे बहुत से रसूखदार संचालकों द्वारा खुले आम नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है।
विज्ञानिक अध्ययनों से पता चलता है इनके संचालन से वन आवरण का नुकसान, पानी मिट्टी और हवा का प्रदूषण, प्राकृतिक वनस्पतियों और जीवों की कमी, जैव विविधता में कमी , मिट्टी का छरण, मिट्टी और चट्टानों की अस्थिरता, परिदृश्य में बदलाव, कृषि भूमि का छरण आदि चूना पत्थर खनन के पर्यावरणीय प्रभाव है।
आशा है की इस तरह से संचालित खदानों, क्रेशर मशीनों पर जल्द ही कार्यवाही होगी ओर पर्यावरण संरक्षण व मानव जीवन के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।