भारतीय संस्कृति की मूल आत्मा-संत श्री रामहृदय दास स्नेह यात्रा ने 30 से अधिक बस्तियों में भ्रमण कर भाईचारा का बढ़या सौहार्द
सतना जिला मध्य प्रदेश

*भारतीय संस्कृति की मूल आत्मा-संत श्री रामहृदय दास स्नेह यात्रा ने 30 से अधिक बस्तियों में भ्रमण कर भाईचारा का बढ़या सौहार्द*
(पढ़िए जिला सतना क्राइम ब्यूरो चीफ रोहित त्रिपाठी की रिपोर्ट)
समरसता और आपसी स्नेह भारतीय संस्कृति की मूल आत्मा-संत श्री रामहृदय दास
स्नेह यात्रा ने 30 से अधिक बस्तियों में भ्रमण कर भाईचारा का बढ़या सौहार्द
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सतना 18 अगस्त 2023/सतना जिले में समरसता, भाईचारा और आपसी सौहार्द के संदेश को लेकर निकली स्नेह यात्रा चित्रकूट के प्रमुख संत स्वामी रामहृदय दास की अगुवाई में तीसरे दिन अमरपाटन तहसील के मौहारी-कटरा से प्रारंभ हुई।
स्नेह यात्रा अपने निर्धारित पथ के अनुसार अहिरगांव, इटमा, धुइसा, खजुरीताल धाम पहुंची। जहां संत समाज और ग्रामीण समाज ने एक साथ जमीन पर बैठकर खिचड़ी का भोग प्रसाद ग्रहण किया।
खजुरी ताल धाम में दोपहर प्रवास के दौरान प्रमुख संत स्वामी रामहृदय दास महाराज का सत्संग, प्रवचन, रक्षा सूत्र, आराधना के कार्यक्रम हुए। संत राम हृदय दास जी महाराज द्वारा सर्व समाज को संबोधित करते हुए कहा की सनातन काल से ही सभी समाज ने धर्म की रक्षा की है। धर्म हमें आपसी प्रेम भाईचारा और परिवार समाज के साथ देश की उन्नति के लिए देश की रक्षा के लिए प्रेरित करता रहा है।
आज का यह संवाद हमें अपने गौरवमयी, सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक चेतना को फिर से स्मरण कराने का अभियान है।
जिसमें हमारे सभी पूर्वज सम्मिलित रहे हैं और उनके कृतित्व से हमें हमारी बहुमूल्य सांस्कृतिक धरोहर हमारी अमूल्य महान भारतीय संस्कृति के दर्शन मिल पा रहे हैं। वर्तमान में कुछ विघटनकारी शक्तियां समाज को तोड़ने का असफल प्रयत्न कर रही हैं, जो पूर्ण नहीं होगा।
यह देश राम और माता शबरी के प्रेम का देश है। यह देश भगवान राम और केवट जैसे भाई के प्रेम का देश है। यह देश भगवान राम और हनुमान जैसे भक्तों का देश है। यहां की सुंदरता आपसी प्रेम भाईचारा और एक दूसरे को साथ लेकर चलने वाली सांस्कृतिक धरोहर का देश है।
अतः सर्व समाज अपनी प्राचीन सांस्कृतिक धरोहर का सदैव स्मरण रखते हुए परिवार में, समाज में तथा सभी जीव जंतुओं और पेड-पौधों के साथ स्नेह और करुणा बनाए रखते हुए सबके सुखद जीवन और मंगल की कामना करता रहेगा। जनसंवाद के उपरांत वंचित और सर्वहारा समाज के साथ सभी उपस्थित लोगों द्वारा सह भोज में सहभागिता की गई।
पूजनीय संत द्वारा सभी उपस्थित जनों को पंगत में बैठा कर खिचड़ी प्रसाद का वितरण अपने हाथों से किया गया। समाज के साथ संत राम हरे दास महाराज जी ने प्रसाद ग्रहण किया और ग्रामों से विदा के दौरान स्नेह पौधा लगाकर सभी से कामना की। यह स्नेह पौधा हम सभी को गांव में सदैव आपसी इसने बनाए रखने के लिए प्रेरित करेगा।
यह पौधा जैसे-जैसे बढ़ता जाएगा। हम सभी के बीच स्नेह बढ़ता जाएगा। यह स्नेह ही हम सभी को राम राज्य की ओर अग्रसर करेगा। जगह-जगह पर विदाई के दौरान स्थानीय महिलाओं द्वारा मंगल गीत गाकर संतो को अपने गांव से अगले गांव की ओर विदा किया गया।
दोपहर बाद स्नेह यात्रा खजुरी ताल धाम से रवाना होकर विधुई खुर्द, रामगढ़, भडरा, अमझर होते हुए पपरा हनुमान मंदिर पहुंची। जहां रात्रि सह भोज और सत्संग के कार्यक्रम हुए। यात्रा के तीसरे दिन स्नेह यात्रा ने मार्ग के लगभग 30 से अधिक गांव और बस्तियों में भ्रमण कर भाईचारा और सौहार्द बढ़ाया।