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अनूपपुर प्रशासनिक अधिकारियों का हठधर्मिता कैसे मिलेगा आम जनता को लाभ जब रक्षक ही बन जाएंगे भक्षक

अनुपपुर जिला मध्य प्रदेश

अनूपपुर प्रशासनिक अधिकारियों का हठधर्मिता कैसे मिलेगा आम जनता को लाभ जब रक्षक ही बन जाएंगे भक्षक

रिपोर्टर -पढिए मध्य प्रदेश हेड के साथ सी.एस. राठौर (संभागीय ब्यूरो चीफ)

अनूपपुर/अनूपपुर जिले में प्रशासनिक अधिकारियों का तानाशाही चलना यह कोई नई बात नहीं है किंतु न्यायालय के आदेश को भी नहीं मानना यह एक गंभीर विषय है। प्रशासनिक अधिकारी ही यदि तानाशाह रवैया को अपना ले तो आवेदक जाएगा कहां आवेदक यदि अपने उच्चाधिकारियों से ही न्याय नहीं प्राप्त करेगा तो प्रशासनिक अधिकारियों का बड़े पद पर रहने का क्या फायदा।
ऐसा ही एक मामला कांसा पंचायत के सचिव शिवचरण पटेल का है जहां प्रशासनिक अधिकारी जिला पंचायत सीईओ अभय ओहरिया के द्वारा न्यायालय में दोश सिद्ध हो जाने के बावजूद भी वह ग्राम पंचायत सचिव शिवचरन पटेल पर मेहरबान है।

क्या है पूरा मामला, उमेश कुमार द्विवेदी के द्वारा जांच के दौरान जिला पंचायत सीईओ को दी गई है गलत जानकारी न्यायालय का स्थगन बताकर आरोपी को बचाने का किया गया है प्रयास

अनूपपुर जिले के कांसा ग्राम पंचायत में शिवचरण पटेल के विरुद्ध उमेश कुमार पटेल ने शिकायत पत्र सौपा था जिसमें शिकायतकर्ता के द्वारा 17 लाख के गबन का आरोप लगाया गया है। शिकायतकर्ता ने शिकायत पत्र पर उल्लेख किया है कि जिला पंचायत के द्वारा जांच कमेटी गठित की गई थी जिसमें जांच 15 दिवस के अंदर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया था। जांच कमेटी में उमेश कुमार द्विवेदी मुख्य जांच अधिकारी के रूप में नियुक्त किए गए थे उमेश कुमार द्विवेदी के द्वारा जांच किए जाने के दौरान कई बिंदुओं पर शिवचरन पटेल को दोशी पाया गया और ₹387000 की जांच में दोश सिद्ध पाया गया जिस पर 420 का मुकदमा भी सचिव शिवचरण पटेल के ऊपर लगाया गया। और जिला पंचायत के समक्ष जांच को प्रस्तुत किया गया है जिसकी कार्यवाही अभी प्रक्रियाधीन है।

क्या जांच अधिकारी उमेश कुमार द्विवेदी को अंग्रेजी पढ़ना नहीं आता

प्राप्त जानकारी अनुसार जांच के बिंदु क्रमांक एक में उमेश कुमार द्विवेदी के द्वारा शिवचरण पटेल को धारा 420 में जबलपुर उच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए स्थगन का आदेश बताया गया है जबकि जबलपुर उच्च न्यायालय के केस क्रमांक 5999/ 2021 में किसी भी प्रकार का स्थगन संबंधी कोई आदेश नहीं दिया गया है बल्कि न्यायालय के द्वारा शिवचरण पटेल को निलंबित करने का एवं ₹50000 की बाउंड प्रस्तुत कर जमानत दी गई है और जब तक केस ट्रायल में चल रहा है तब तक के लिए निलंबित रहने का आदेश दिया गया है। इसके बावजूद उमेश कुमार द्विवेदी ने न्यायालय के आदेश को लेनदेन कर स्थगन बताकर जिला पंचायत सीईओ को गुमराह किया है। न्यायालयीन प्रकरण की हिंदी और इंग्लिश में कन्वर्ट की गई कॉपिया सलग्न

प्रकरण CRA 5999/2021 English order

5999/2021 हिंदी मे कनवर्ट आदेेश

उपरोक्त निर्णय में जिला पंचायत सीईओ के द्वारा शासकीय उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ताओं से ओपिनियन लेना आवश्यक होगा जिससे मामले पर निष्पक्ष कार्यवाही की जा सके।

इन्होंने कहा उमेश कुमार द्विवेदी
मेरे द्वारा जबलपुर उच्च न्यायालय के आदेश को देखकर ही बिंदु क्रमांक एक में निष्कर्ष दिया गया है जो की पूरी तरह सत्य है

इन्होंने कहा जिला पंचायत सीईओ अनूपपुर
जबलपुर न्यायालय के आदेश में स्थगन ही लिखा है मैं और एक बार स्थगन आदेश को दिखा लेता हूं

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