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*पीएम मोदी के कार्पोरेट मित्रों, बेरोजगारों का छीन लेना चाहते हैं जीने का अधिकार ——- जुगुल राठौर*

अनुपपुर जिला मध्यप्रदेश

पीएम मोदी के कार्पोरेट मित्रों, बेरोजगारों का छीन लेना चाहते हैं जीने का अधिकार ——- जुगुल राठौर

रिपोर्टर – सी.एस. राठौर
(संभागीय ब्यूरो चीफ) के साथ विकास सिंह राठौर

अनूपपुर/जैतहरी

26 जनवरी को देश के कोने कोने में जन गण मन अधिनायक जय हे के राष्ट्रगान के साथ तिरंगा का ध्वजारोहण कर सम्मान किया गया एवं गणतंत्रता दिवस की 74वां स्वर्णिम दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया गया, वही इस देश के पढ़े-लिखे बेरोजगारों को काम करने के बदले समय पर मजदूरी नहीं मिलना सरकार के कार्य करने के तरीकों पर कई प्रकार के सवाल खड़ा करता है।

मामला वेदांता पावर प्लांट झारसुगुड़ा उड़ीसा एवं ओपीजीसी पावर प्लांट बनहरपाली झारसुगुड़ा उड़ीसा की है। जहां मजदूर अक्टूबर-नवंबर 2021 में ओपीजीसी बनहरपाली झारसुगुड़ा एवं जनवरी-फरवरी 2022 में वेदांता पावर प्लांट झारसुगुड़ा में काम किया था । जिनका की मजदूरी मजदूरों को आज तक पूरी नहीं मिली है। 8 दिसंबर 2022 को काम किए मजदूर कलेक्टर जिला झाड़सुगुड़ा से संपर्क कर अपने यूनियन के माध्यम से मजदूरी भुगतान करवाए जाने आवेदन किया था। जिस पर श्रीमान श्रम पदाधिकारी झारसुगुड़ा ठेकेदारों एवं मजदूर प्रतिनिधियों के मध्य चर्चा वार्ता कर पन्द्रह दिवस के भीतर भुगतान करवाए जाने का लिखित आश्वासन मिली थी ,किंतु मोदी जी के कारपोरेट मित्रों का अलग ही धारणा है। वह मजदूरों का मजदूरी हड़प करके उनका जीने का अधिकार छीन लेना चाहता है। श्रम विभाग के हस्तक्षेप के कारण मजदूरों को महज उनकी आधा अधूरी मजदूरी का भुगतान नियोजक के द्वारा किया जाकर अपने खानापूर्ति कर अपनी जिम्मेदारी से मुक्त होना चाहता है।

उक्त आशय की जानकारी संयुक्त ठेकेदारी मजदूर यूनियन सीटू के अध्यक्ष जुगुल किशोर राठौर ने देते हुए बताया कि सभी मजदूर जिला अनूपपुर मध्य प्रदेश के पढ़े-लिखे बेरोजगार हैं जोकि रोजी रोटी के तलाश में अपना परिवार एवं बाल बच्चों का उदर पोषण करने के लिए जिला, प्रदेश के साथ-साथ दूसरे राज्यों में काम करके जीना चाहते हैं।

किंतु प्रधानमंत्री मोदी के कारपोरेट मित्र पढ़े-लिखे बेरोजगारों का जीने का अधिकार भी छीन लेना चाहती है। जो इस देश के लोकतांत्रिक व्यवस्था पर कई प्रकार के सवाल खड़ा करती है।
उन्होंने कहा कि भारत का संविधान और श्रम कानून कानून के किताबों तक सीमित है जिसके कारण मजदूरों का व्यापक पैमाने पर शोषण एवं उनके साथ लूट हो रहा है ।

संयुक्त ठेकेदारी मजदूर यूनियन सीटू ने मजदूरों का बकाया मजदूरी भुगतान करवाए जाने हेतु श्रम अधिकारी जिला झाड़सुगुड़ा को ज्ञापन प्रेषित कर शीघ्र भुगतान करवाए जाने की मांग किया है और इस देश के प्रधानमंत्री मोदी जी एवं उड़ीसा राज्य के मुख्यमंत्री से मांग किया है कि श्रम कानूनों का पालन करवाए जाने मैं कड़ी रुक अपनाएं ताकि इस देश के पढ़े-लिखे बेरोजगार मेहनत मजदूरी करके अपना और अपने परिवार का गुजर बसर कर सके।

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