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*अनूपपुर जिले में दी जा रही पत्रकारों को जान से मारने की धमकी*

अनुपपूर जिला मध्य प्रदेश ञ

अनूपपुर जिले में दी जा रही पत्रकारों को जान से मारने की धमकी

रिपोर्टर – संभागीय ब्यूरो चीफ

अनूपपुर / सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार चचाई रोड में चल रहे नव निर्माण कार्य में यदि कोई जानकारी चाहे या जानने के लिए जाए तो दबंग ठेकेदारों द्वारा गुंडागर्दी तरीके से धमकियां देते हुए देश के चौथे स्तंभ का अपमान करना सरल कार्य सा हो गया है और इन सब कि जिम्मेदारी सरकार और जिला प्रशासन को जाती है क्योंकि यदि दोनों कार्यों में सही जांच और निर्देश जारी करें तो भ्रष्टाचार और गुंडागर्दी हो ही न और यह पहली बार नहीं बल्कि ऐसे मामले आए दिन आते ही रहते हैं जोकि जिला प्रशासन,जनप्रतिनिधियों और सरकार के झूठे वादे को और कुंभकर्मी निंद्रा में सोते हुए कार्य करने को व्यक्त करती है। ऐसा ही मामला चचाई रोड में चल रहे

नाली निर्माण कार्य में देखा गया जोकि गुणवत्ता ‌विहीन तरीके से कराया जा रहा है, सूत्रों के अनुसार मिली जानकारी अनुसार नाली निर्माण पूरा होने के बाद जब घर के पास रास्ता मांगा गया तो रास्ता मांगने पर पेटी कांट्रैक्टर द्वारा धमकी दी जा रही है और कहा जा रहा है जानते नहीं हो हम जबलपुर के है,हम कुछ भी करे रास्ता नहीं देंगे रास्ता मांगोगे तो जान से मार देंगे, जब इन बातों को अधिकारियों के संज्ञान में डाला गया तो नाली निर्माण कार्य में जांच का कोई भी नाम निशान नहीं देखा गया बल्कि अधिकारी जांच करने के नाम पर कहते हैं कि हम शादी में व्यस्त हैं

किसी दूसरे को अपनी जगह भेजेंगे कहने कि बातें सामने आईं। जबलपुर का पेटी कांट्रैक्टर किसी शहडोल के पत्रकार से परेशान है और शहडोल वाले पत्रकार को हैनडल करने की जगह अनूपपुर जिले के पत्रकारों को जान से मारने की धमकी दे डाली,सोशल मीडिया पर पत्रकारों के खिलाफ आग उगलने और बदनाम करने की कोशिश की जा रही है।क्या नाली निर्माण कार्य के बाद अपने घर के अंदर जाना गुनाह है,क्या अब बाहर से आए पेटी कांट्रैक्टर फैसला करेंगे कि कोई अपने घर पर जा सकता है कि नहीं, क्या अब जिले में पत्रकार भी सुरक्षित नहीं है, सोचिए जब पत्रकार सुरक्षित नहीं है तो लोग कैसे सुरक्षित रहेंगे, सोचने वाली बात है कि जब शासन और प्रशासन की बातों को जनमानस तक और जनमानस की बातों को शासन प्रशासन तक पहुंचाने वाले पत्रकारों को जान से मारने की धमकी दी जा सकती है, सोशल मीडिया पर पत्रकारों को बदनाम करने की शाजिस रची जा सकती है तो आम जनमानस को क्या सुरक्षा प्रदान करेगी सरकार क्या समाज में पत्रकारों का कोई वाजूद नहीं है क्या देश का चौथा स्तंभ सिर्फ खबरे प्रकाशित करे और जब उनकी बात आये तो मुंह फेर लिया जायेगा, यह बात हो रही है

भ्रष्टाचारियों द्वारा किए जा रहे लीपापोती का को सत्य में सरकार के पैसों का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार करते हुए अपनी जेबें भरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं, क्या सच को उजागर करने पर जान से मारने की धमकी मिलेगी,या फिर सच नहीं दिखाना चाहिए या फिर जो चल रहा है उसे चलने देना चाहिए। गौरतलब है कि आवश्यक कार्य थाने में शिकायय नहीं हो पाई है। पर ऐसा ही रवैया रहा तो आने वाले समय में पत्रकारों द्वारा जिला प्रशासन को बड़े स्तर पर इसका जवाब दिया जा सकता है। पत्रकारों द्वारा इन विषयों पर जिला प्रशासन और सरकार को संज्ञान में बातों को डालते हुए पत्रकार सुरक्षा कानून कि मांगो के लिए विशेष पहल की जाएगी।

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