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*आर्थिक व सामाजिक बदलाव कर सुनीता बनी आत्मनिर्भरता की प्रेरणा स्त्रोत*

अनुपपूर जिला मध्य प्रदेश

आर्थिक व सामाजिक बदलाव कर सुनीता बनी आत्मनिर्भरता की प्रेरणा स्त्रोत

रिपोर्टर -संभागीय ब्यूरो चीफ के साथ अनुपपूर जिला से ब्यूरो चीफ विकास सिंह राठौर की रिपोर्ट

अनूपपुर/02 मार्च 2022/

गाँव की महिलाएं अब अपने घर, परिवार के कार्यों के साथ ही आर्थिक एवं सामाजिक बदलाव की ओर अग्रसर हो रही हैं। राज्य शासन द्वारा लगातार जनहितैशी योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है, जिसे जान समझकर पात्रता के अनुरूप विभिन्न योजनाओं से जुड़कर महिलाएं पूर्ण आत्मविश्‍वास के साथ तरक्की की नई मिशाल कायम कर रही हैं। जिले के पुष्पराजगढ़ विकासखण्ड के ग्राम बसनिहा की सुनीता मरावी की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। वर्ष 2014 से पहले सुनीता मरावी परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने से कुछ करने की चाह होने पर भी कुछ नहीं कर पा रही थीं।

जब उन्हें राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की जानकारी लगी, तो उन्होंने अपनी महिला सखियों के साथ गांव में साधना स्वसहायता समूह का गठन किया व अमर ज्योति ग्राम संगठन व जीवन दायिनी संकुल संगठन से जुड़ीं, तो उनके परिवार की दशा एवं दिशा में परिवर्तन होने शुरु हो गए। सुनीता बताती हैं कि उन्होंने समूह से जुड़कर वर्ष 2014 से छोटी-छोटी गतिविधियों के लिए समूह से ऋण लेकर अपना कार्य प्रारम्भ किया। उन्होंने समूह से सबसे पहले 9 हजार रुपये का ऋण लेकर सिलाई मशीन खरीदी और गांव-घर में ही सिलाई का काम प्रारम्भ किया। धीरे-धीरे उनके कार्य से आय होने लगी और उन्होंने समूह से लिए गए अपना ऋण चुकता कर दिया। तत्पश्‍चात उन्होंने समूह से पुनः 40 हजार रुपये का ऋण लिया और डीजल पम्प खरीदकर अपने परम्परागत खेती के कार्य को उन्नत तकनीकी से करने के लिए सिंचाई सुविधाओं की वृद्धि की, जिससे उन्हें खेती से लाभ प्राप्त हुआ, तो उन्होंने उसी पूंजी से सब्जी का व्यवसाय भी शुरु किया और धीरे-धीरे कर निश्चित समय पर ऋण लिए गए रकम को चुकता कर दिया। इसके पश्‍चात उन्होंने पुनः डेढ़ लाख रुपये का ऋण लिया और फर्नीचर की दुकान की शुरुआत की। इसमें उन्होंने अपने पति को भी जोड़कर व्यवसाय को गति दी। दुकान को ग्रामीणों का सपोर्ट मिला, जिससे उनके हौसले बुलन्द हुए। उन्होंने पुनः राज्य शासन द्वारा संचालित मुख्यमंत्री आर्थिक कल्याण योजना के माध्यम से ऋण लेकर अपने फर्नीचर के व्यवसाय को और विस्तारित किया। उन्होंने समूह के ओडी माध्यम से 2 लाख की सहायता मिलने पर व्यवसाय को और बढ़ाया। समान की नई-नई वैरायटी का विस्तार किया, जिससे उन्हें आर्थिक सम्बल मिला।

सुनीता के आर्थिक आत्मनिर्भरता के बढ़ते कदम यहीं नहीं रुके, बल्कि वह दिन पर दिन प्रगति के नए सोपान तय कर रही हैं। कहते हैं जहां चाह होती है, वहीं राह होती है इसे जीवन्त कर दिखाया है ग्राम बसनिहा की सुनीता मरावी ने। वर्तमान में सुनीता 4-5 तरह की आर्थिक गतिविधियों को अंजाम दे रही हैं, जिससे उनका सामाजिक स्तर व तानाबाना दूसरों के लिए प्रेरणा का स्त्रोत बन चुका है। सुनीता मरावी स्वयं सहायता समूह के माध्यम से मेट का कार्य करने के साथ ही प्रधानमंत्री नल-जल योजना अंतर्गत ग्रामीणों को नल से जल की दी जा रही सुविधा के अंतर्गत बनाई गई कर प्रणाली के अंतर्गत कर की वसूली का कार्य कर रही हैं। सुनीता आर्थिक मजबूती की ओर अग्रसर हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें अब प्रतिमाह 22 से 25 हजार रुपये की आमदनी हो जाती है। सुनीता के सफलता की यह कहानी आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत है।

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