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*गर्भवती माताओं की सिकल सेल एनिमिया की जांच अभियान 10 दिसम्बर से सिकल सेल एनिमिया की सभी गर्भवती माताओं की कराए जाए जांच – कलेक्टर वंदना वैद्य*

शहडोल जिला मध्यप्रदेश

गर्भवती माताओं की सिकल सेल एनिमिया की जांच अभियान 10 दिसम्बर से सिकल सेल एनिमिया की सभी गर्भवती माताओं की कराए जाए जांच – कलेक्टर वंदना वैद्य

रिपोर्टर :- संभागीय ब्यूरो चीफ

शहडोल 02 दिसंबर 2021/

जिले में गर्भवती माताओं को सिकल सेन एनिमिया से निजात दिलाने के लिए कलेक्टर वंदना वैद्य की उपस्थिति में कलेक्टर कार्यालय के विराट सभागार में दिन गुरुवार को बैठक का आयोजन किया गया।

बैठक में जिले में गर्भवती माताओं की सिकल सेल एनिमिया जांच के संबंध में अभियान जन स्वास्थ्य सहयोग गनियारी बिलासपुर एवं स्वास्थ्य विभाग एवं महिला बाल विकास विभाग के सामूहिक सहभागिता के साथ चलाया जाएगा जिसका प्रारंभ 10 दिसम्बर 2021 को जनपद पंचायत गोहपारू के ऑगनवाड़ी केन्द्रों में व्हीएचएनडी दिवस के दिन से किया जा रहा है तथा 11 दिसम्बर को टीकाकरण के साथ-साथ अन्य स्वास्थ्य जांच की जाए।

इस अभियान के पूर्व सघन प्रचार-प्रसार किया जाए जिससे अधिक से अधिक गर्भवती माताओं की सिकल सेल एनिमिया की जांच किया जा सकें। कलेक्टर वंदना वैद्य ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग को निर्देशित किया कि जिले के सभी जनपदों में इसी तरह के सिकल सेल एनिमिया की जांच अभियान चलाकर गर्भवती माताओं को इस बीमारी से निजात दिलाए। कलेक्टर ने कहा कि सिकल सेल एनिमिया बीमारी आनुवांसिक जो जेनेटिक डिस ऑर्डर के कारण होती है, एक बीमारी में रोगी के लाल रक्त कोशिकाएं हसियें के आकार में परिवर्तित हो जाती है जिसके कारण इसे सिकल कहा जाता है और हसिये का यह रूप शरीर के विभिन्न अंगों में पहुंचकर रूकावट पैदा करते है।

सिकल सेल से तिल्ली, फेफडे़, हृदय, लीवर आदि अंगों के खराब होने का अंदेशा रहता है इसके लिए समय रहते गर्भवती माताओं के सिकल सेल एनिमिया की जांच आवश्यक है जिससे समुचित जांच एवं उपचार करना आवश्यक है जिसे गर्भवती माता के साथ-साथ उसके पेट में पल रहे बच्चा सिकल सेल एनिमिया से ग्रस्ति न हो।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने सिकल सेल एनिमिया बीमारी के लक्षण के बारे में बताया कि, सिकल सेल एनिमिया रोग में खून की कमी होने के कारण शरीर का रंग सफेद हो जाता है, हाथ-पैर के जोड़ों में तीव्र दर्द, प्रतिरोधक क्षमता की कमी के कारण रंग में गंभीर संक्रमण, थकावट एवं सांस फुलना एवं बच्चों का विकास धीमा होना, चिड़-चिड़ापन, खान पान में अरूचि तिल्ली बढ़ना, हाथ-पैर के ऊंगलियों एवं जोडों दर्द एवं सूजन , बार-बार बुखार, जुकाम या अन्य संक्रमण मुख्य हैं।

कलेक्टर ने इस महा अभियान में जन स्वास्थ्य सहयोग गनियारी बिलासपुर एनजीओ को आवश्यक स्वास्थ्य अमला, लैब टेक्निशियन, आवश्यक दवाईयां व अन्य आवश्यक सहयोग दें जिससे जिले के सभी गर्भवती माताओं को सिकल सेल एनिमिया की जांच हो सके, उसके पश्चात स्वास्थ्य अमले के द्वारा सिकल सेल एनिमिया से पीड़ित महिलाओं का फालोअप भी किया जाए।

बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एम. एस. सागर, कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास शालिनी तिवारी, जिला टीकारण अधिकारी डॉ. अंशुमन सोनारे, डीपीएम मनोज द्विवेदी, जन स्वास्थ्य सहयोग गनियारी बिलासपुर के राहुल सिंह, एनजीओ के सदस्य तथा स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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