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*हस्तशिल्प उत्पाद में महिला समूहों को मिला आत्मनिर्भर बनने का मौका*

जयपुर जिला राजस्थान

हस्तशिल्प उत्पाद में महिला समूहों को मिला आत्मनिर्भर बनने का मौका
-स्टेट मिशन निदेशक

जयपुर ( धर्मेन्द्र बिधौलिया )
1 नवम्बर।

दीपावली ग्रामीण हाट मेले में राजस्थान के समस्त जिलों में राजीविका की महिला स्वयं सहायता समूह की सदस्य महिलाओं द्वारा तैयार किए गए विभिन्न उत्पादों में हस्तशिल्प आइटम्स वस्त्र उत्पाद, मसाले तथा पारंपरिक व्यंजनों का प्रदर्शन व विपणन किया गया। जिसमें वह अपने कौशल के अनुरूप आजीविका संवर्धन संबंधित गतिविधियों कृषि एवं पशुपालन गैर कृषि एवं सेवा क्षेत्र को अपनाकर न केवल अपनी आजीविका संवर्धन कर रही है अपितु गरीबी उमूलन के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हो रही है जिससे उनके भीतर उद्यमशीलता का भी विकास हुआ है।

राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद की स्टेट मिशन निदेशक श्रीमती शूचि त्यागीे सोमवार को इंदिरा गांधी पंचायतीराज संस्थान में 6 दिवसीय दीपावली ग्रामीण हाट मेले के समापन अवसर पर जिलों से आई महिला स्वयं सहायता समूह को संबोधित कर रही थी।

उन्होंने कहा कि दीपावली के इस मौके पर हाट मेले के रूप में महिलाओं को कोरोना काल में आर्थिक लक्ष्यों को प्राप्त करने का एक अच्छा अवसर एवं योग्य मंच प्रदान किया गया, जिससे उनके द्वारा अपने बनाए उत्पादों के विक्रय के लिए का बाजार उपलब्ध हुआ। जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ा तथा सभी राजीविका की इस पहल को सराहाना की है। उन्होेंने कहा कि गत वर्ष इसी प्रकार के मेले का आयोजन किया गया था जिसकी अपेक्षा में अबकी बार उत्पादनों में सुधार आया है।

स्टेट प्रोजेक्ट प्रबंधक श्री सोमदत्त दीक्षित ने कहा कि इस मेले में 33 जिलों के 33 स्टाल लगाई गई इन स्टालों पर लगभग 30 से 32 लाख रूपये की बिक्री हुई है।

उन्होंने बताया कि अन्य आकर्षणों में टोंक के विभिन्न प्रकार के अनाज को तत्काल पीसकर मिस्सी आटा, मसाले, बेसन, बाड़मेर का एप्लिक वर्क, धौलपुर के कारपेट, गंगानगर के हस्तशिल्प उत्पाद जिसमें मांगलिक कार्यों में एवं पर्व में काम में आने वाले शुभ चिन्ह एवं प्रतीक, अलवर से टेराकोटा के विभिन्न प्रकार की आकृति, राजसमंद के मोलेला पॉटरी एवं मीनाकारी की ज्वेलरी, विभिन्न प्रकार के व्यंजन जिसमें राजसमंद का तिलकुट्टा भंडार, कोटपुतली जयपुर की लाइव खाद्य स्टॉल जिसने समूह की महिलाओं द्वारा विभिन्न प्रकार के लड्डू जिसमें मूंग, बेसन, मेथी, गोंद एवं आटे के लड्डू मुख्य रूप से आकर्षण का केंद्र रहे, इस मेले में लगभग 170 किलो ग्राम लड्डूओं का विक्रय भी किया गया।

मेले में बिक्री के अनुसार जिला परियोजना प्रबंधन इकाई जयपुर को प्रथम स्थान, द्वितीय स्थान पर राजसमंद, तृतीय स्थान पर बाड़मेर जिला रहे तथा फूड स्टॉल में आरती स्वयं सहायता समूह की संचालिका को चतुर्थ स्थान मिला एवं सांत्वना पुरुस्कार के लिए प्रथम अलवर, द्वितीय जालोर जिले को मिला।

इस अवसर पर स्टेट मिशन निदेशक श्रीमती शूचि त्यागी ने प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले जिलों के नोडल अधिकारी को स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

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