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*प्रतियोगी परीक्षा में संभाग में सफलता की कहानी सक्सेस इंस्टीटयूट आँफ कॉम्पटीशन इस संस्थान से निकले सैकड़ों अच्छे पदों पर छात्रो को मिल चुकी है नौकरी*

शहडोल जिला मध्य प्रदेश

प्रतियोगी परीक्षा में संभाग में सफलता की कहानी सक्सेस इंस्टीटयूट आँफ कॉम्पटीशन

इस संस्थान से निकले सैकड़ों अच्छे पदों पर छात्रो को मिल चुकी है नौकरी

रिपोर्टर :- चंद्रभान सिंह राठौर संभागीय ब्यूरो चीफ

शहडोल/विगत पिछले 8 वर्षों से शहडोल संभाग में जेल बिल्डिंग के सामने संचालित संस्थान सक्सेस इंस्टीटयूट ऑफ कॉम्पटीशन जहां पर सभी प्रतियोगी एवं व्यापम जैसी परीक्षाओं की तैयारी बहुत ही कम फीस में कराई जाति है।जैसे, एसएससी,बैंक,पुलिस,पटवारी,संविदा,आर्मी,रेलवे की तैयारी बहुत ही कम फीस लेकर कराया जाता है और आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को निशुल्क शिक्षण की व्यवस्था है इस संस्थान से अब तक लगभग सभी क्षेत्रों में कई छात्रों का चयन हो चुका है

चयनित छात्रों में पूजा त्यागी (मध्यप्रदेश पुलिस) , सावित्री सिंह ( मध्यप्रदेश पुलिस ) रूपा अग्निहोत्री (सब इंस्पेक्टर) सिंगरौली शुभम नामदेव (भारतीय सेना)
रविराज सिंह (मधयप्रदेश पुलिस)
सुनील गौर (फॉरेस्ट गार्ड)
सूरज रजक (भारतीय सेना)
विपुल सिंह (प्लाट ब्रीडर रायपुर)
सोनू सिंह (भारतीय सेना)
अमन यादव (भारतीय सेना)
कैलाश सिंह (भारतीय सेना)
दीपक यादव (भारतीय नेवी)
शुभम पटेल (मध्यप्रदेश पुलिस )
विनोद दिवेदी (पटवारी)
पुनीत दूबे (नार्थकोल माइंस)
विद्या रथी पटेल (नार्थ कोल माइंस)
राजीव पटेल (पोस्ट ऑफिस)
रहीम उल्ला खान (नार्थ कोल माइंस) सिंगरौली
नीरज रावत (पोस्ट ऑफिस)
और कई छात्रों का चयन हो चुका है बडे़ शहरों पर जाकर छात्र मोटी रकम देकर अपने घर से दूर जाकर तैयरी करते है वहीं संभाग में रहकर ही अपने घर पर रहकर तैयारी संभव है।

सक्सेस के डायरेक्टर (इंजी) सोम कांत सिंह और Er राजेन्द्र विष्कर्मा ने हमें बताया कि हमारे सस्थन में –

200-250 छात्र अलग अलग बैच में पढ़ते है और हम छात्रों को हमेशा फ्रेंडल्ली वाता वरण देते है जिससे वह बिना संकोच के अपनी समस्याओं को हमें बता सके और हम प्रतिदिन नियमित क्लास लगाते है और एक एक छात्र पर विशेष ध्यान देते है डाउट क्लास और एक्स्ट्रा क्लास भी देते है और वीकली और मंथली टेस्ट भी लिया जाता है

जिससे छात्रों की हुनर को और निखारा जा सके।हमारा उद्देश्य तब पूरा हो जाता है और हमें बहुत खुशी होती है जब अपने संभाग से छात्रों का चयन होता है हम उन्हें हमेशा पॉज़िटिव रहने की सलाह देते है छात्रों को निराश और हताश न होकर बल्कि रेगूलर अपनी पढ़ाई करते रहना चाहिए प्रतिदिन जो पढ़ाया जाता है उसे रिवाइज करते रहे है पूरी ईमानदारी से अपना एक सेडुल बनाकर मन लगाकर पढ़ाई करते रहे। तो सफलता निश्चित है

Er सोम सर से हुई बातचीत में उन्हने सभी छात्रों को संदेश दिया की अगर कुछ कर गुजरने का जज्बा है और एक पथ प्रदर्शक के रूप में बेहतर कोचिंग संस्थान का साथ मिल जाए तो सफलता निश्चित हो जाती है

तथा हम छात्रों को इस तरह से तैयार करते हैं कि वे न सिर्फ समय के अंदर सारे सवालों का जवाब दे दें, बल्कि उसी समय के भीतर रिवीजन भी कर लें। इसके लिए प्रतिभा के साथ-साथ छात्रों का स्मार्ट, ट्रिकी और धर्यवान होना जरूरी होता है और ऐसी तमाम परिस्थितियों के लिए छात्रों को बेहतर से बेहतर बनाने कि कोशिश की जाती है

छात्रों को प्रेरित किया जाता है कि परीक्षा में सफलता के लिए वो सभी विषयों को समान रूप से समय दें। और अक्सर छात्र एग्जाम में नर्वस महसूस करते है और बनते हुए प्रश्न गलत कर देते है इसके लिए बाकायदा समय-समय पर क्लास टैस्ट और ग्रुप टेस्ट का आयोजन किया जाता है। ताकि उनके मन से परीक्षा का डर खत्म हो जाए।

इसके लिए उन्हें बाकायदा एक सेमिनार हॉल में बिठाया जाता है, जहां उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं जैसा अनुभव हो सके सर ने बताया कि सही मायनों में देखें तो कोचिंग की तुलना में अभिभावकों की भी भूमिका ज्यादा होती है।

दो से चार घंटों की कोचिंग के अलावा बच्चा घर पर ज्यादा समय रहता है यानी असल तैयारी वह घर पर ही करता है। ऐसे में छात्र द्वारा समय के सदुपयोग को लेकर अभिभावकों की भूमिका खासी अहम हो जाती है।

राजेन्द्र सर ने कहा –

कि कोचिंग संस्थानों का काम तय किये गये समय पर कोर्स को पूरा कराना भर नहीं होता, बल्कि पढ़ाई के साथ-साथ छात्रों को उनकी कमजोरियों से रूबरू करा कर उन्हें दूर कराना भी होता है,

ताकि वे समय रहते उन विषयों या उन क्षेत्रों को और मजबूत कर सकें, जिसका असर उनके परीक्षा परिणाम पर पड़ सकता है। छात्रों की कमजोरियों को दूर करने के लिए कोचिंग संस्थानों द्वारा समय-समय पर सेमिनार या वन टू वन सेशन का आयोजन भी किया जाता है। साथ ही सेगमेंट के आधार पर भी बच्चों को पढ़ाया जाता है।

इस दौरान उन विषयों पर खास जोर दिया जाता है, जिनमें बच्चों की रुचि कम हो या वे कमजोर हों। उनके अभिभावकों से भी बात की जाती है, ताकि वे घर में बच्चों को ऐसा माहौल दे सकें, जिसमें वे पढ़ाई को एक बोझ की तरह न समझे।

तथा राजेन्द्र सर ने कहा कि यदि आज कोचिंग से छात्रों का चयन हो रहा है और कोचिंग आसमान की बुलंदियों को छू रहा है तो उसमे सक्सेस के एक्सपर्ट स्टाफ में से Er सोम कांत सर भोपाल ( 8 वर्षों का अनुभव) ,रोशनी अग्निहोत्री मिस ,सीमा यादव मिस ,दीपांशु सर, प्रतिमा मिस सचिन सर, जानवी मिस, दुर्गेश सर ,सोम्या मिस सभी स्टाफ को कोचिंग की सफलता का आधार बताया जो कड़ी मेहनत करके छात्रों का भविष्य उज्वल बनाने में सहयोग देते है ये सभी धन्यवाद के पात्र है।

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