*जिला न्यायालय होगा डिजिटल, एक क्लिक पर मिलेगी 19 साल पुराने केसों का रिकॉर्ड*
अनुपपुर जिला मध्यप्रदेश

जिला न्यायालय होगा डिजिटल, एक क्लिक पर मिलेगी 19 साल पुराने केसों का रिकॉर्ड
ई कोर्ट पेपर लेस होगा जिला न्यायालय, 15 दिनों में मिलने वाली सत्यापित कॉपी अब 1 घंटे में
संभागीय ब्यूरो चीफ चन्द्रभान सिंह राठौर कि कलम से
अनूपपुर / जिला न्यायालय अब डिजिटल होगा 2002 से 2021 तक के लगभग 60 हजार केसो का रिकॉर्ड अब एक क्लिक पर मिल सकेगा। जिला न्यायालय का सारा रिकॉर्ड ऑनलाइन किया जा रहा है। ईकोर्ट परियोजना के तहत अनूपपुर जिला न्यायालय को पेपरलेस करने का काम मंगलवार को शुरू कर दिया गया है।
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश रत्नेश चंद्र सिंह बिसेन अनूपपुर की अध्यक्षता में दीप प्रज्वलन कर कार्य का शुभ आरंभ किया गया। इस अवसर पर प्रथम अपर जिला सत्र न्यायाधीश राजेश कुमार अग्रवाल, द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायालय भूपेंद्र कुमार नकवाल, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट राजेश प्रसाद सेवेतिया, व्यवहार न्यायधीश आरती सिंह, व्यवहार न्यायधीश शिवानी असाटी, प्रशासनिक अधिकारी जी.पी. प्रजापति एवं अधिकृत कंपनी न्यूजेन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के इंजीनियर अजय श्रीवास्तव एवं न्याय परिषद के अन्य स्टॉफ के उपस्थिति में इसकी विधिवत शुरुआत की है। ई कोर्ट के लिए फाइलों को स्कैन करने के काम न्यूजऩ सॉफ्टवेयर कंपनी काम कर रही है।
ऐसे होगी स्कैनिंग प्रक्रिया
प्रोजेक्ट इंचार्ज अजय श्रीवास्तव ने बताया की सबसे पहले फाइलों को स्कैन कर बंच बनाया जाता है, इसके बाद क्वालिटी चेक किया जाता है। क्वालिटी चेक करने के बाद नोडल अधिकारी को फाइल की जांच करवाई जाती है ओके मिलने के बाद ही अपलोड किया जाता है।
मिल सकेगी डिस्टेंस सर्टिफाइल कॉपी
डिजिटल कोर्ट होने के बाद से अगले चरण में नई सुविधा और मिलेगी इसमें पक्ष कार को अब डिस्टेंस सर्टिफाइड कॉपी मिल सकेगी। जिला न्यायालय को ईकोर्ट परियोजना के तहत कोर्ट रिकॉर्ड को स्कैन कर प्रिजर्व किया जा रहा है। डिजिटाइजेशन रूल्स 2016 के अनुसार काम किया जा रहा है। इसे कोर्ट की कारवाही और पक्षकार का समय बचेगा। सत्यापित कॉपी मिलने में भी आसानी होगी।
फायदों के साथ समय की होगी बचत
डिजिटल कोर्ट होने से कोर्ट और पक्षकार का समय बचेगा, हार्ड कापी की आवश्यकता नहीं होगी, ऑनलाइन फाइल खुल जाएगी, केस की सत्यापित प्रतिलिपि अभी 10 से 15 दिनों में मिलती थी अब ऑनलाइन होने से 1 घंटे में मिल जाएगी, पक्षकार देश विदेशों में कहीं पर भी बैठ कर अपने केस की स्थिति ऑनलाइन देख सकेंगे, हाईकोर्ट वा जिला कोर्ट की वेबसाइट पर सर्च किया जा सकता है, पुराने रिकॉर्ड को मेंटेनेंस करने में खर्च उठाना पड़ता था लेकिन अब यह ऑनलाइन होगा। पेपर लेस कोर्ट से पर्यावरण को नुकसान होने से बचाया एवं पैसे दोनों की बचत होगी, हार्ड कॉपी मिल सकेगी।