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*कोरोना काल में ग्रामीण महिलाओं ने संभाली परिवार की आजीविका चलाने की जिम्मेदारी महिला समूहों द्वारा मनरेगा श्रमिकों को उपलब्ध कराए जाएंगे 3 लाख फेस मास्क*

अनूपपुर जिला मध्य प्रदेश

कोरोना काल में ग्रामीण महिलाओं ने संभाली परिवार की आजीविका चलाने की जिम्मेदारी

महिला समूहों द्वारा मनरेगा श्रमिकों को उपलब्ध कराए जाएंगे 3 लाख फेस मास्क

अनूपपुर / कोरोना काल में लाॅकडाउन के चलते मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा गठित महिला स्वसहायता समूह की महिला सदस्यों ने सामाजिक सरोकारों के प्रति अपने दायित्वों को निभाने के साथ-साथ परिवार की आजीविका चलाने की जिम्मेदारी भी संभालने का बीड़ा उठाया है। इन ग्रामीण महिलाओं ने फेस मास्क निर्माण कार्य की शुरूआत कर अपने इन दायित्वों को निभाना शुरू कर दिया है। फेस मास्क निर्माण का कार्य हाथ में आ जाने से ग्रामीण महिलाएं रोजी-रोटी की चिंता से मुक्त हो गई हैं।
लोगों को सुन्दर, सस्ते, टिकाऊ और गुणवत्तायुक्त फेस मास्क उपलब्ध कराने और ग्रामीण महिलाओं के परिवार की आजीविका चलाने के लिए राज्य सरकार ने महिला स्व सहायता समूहों को फेस मास्क निर्माण का काम हाथ में दिया है। कलेक्टर चंद्रमोहन ठाकुर एवं मुख्यकार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत मिलिंद नागदेवे के निर्देश पर जिले के महिला स्वसहायता समूहों ने मनरेगा श्रमिकों के लिए मास्क बनाने का काम शुरू भी कर दिया है। ये मास्क मनरेगा श्रमिकों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं, ताकि वह कोरोना जैसी घातक महामारी से बचाव कर सकें।
जिला परियोजना प्रबंधक, मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविक मिशन शशांक प्रताप सिंह ने बताया कि जिले के समस्त विकासखंडों के 41 ग्रामों में 132 समूहों की महिला सदस्य मास्क निर्माण के कार्य मे जुड़ी हुई हैं। इनके द्वारा अभी तक 52 हजार से ज्यादा मास्कों का निर्माण किया जा चुका है। स्व सहायता समूहों द्वारा बनाये जा रहे मास्क, शासन के निर्देशानुसार मनरेगा श्रमिकों को प्रदाय किये जायेंगे, जिससे जहां एक ओर मनरेगा श्रमिकों को कोरोना के संक्रमण से बचाव में मदद मिलेगी, वहीं दूसरी ओर समूह की महिला सदस्यों को मास्क निर्माण से इस कोरोना काल में आर्थिक मदद भी प्राप्त होगी। जिसके सहारे उनके परिवार का भरण-पोषण चलेगा। विदित हो कि गत वर्ष कोरोना काल में इन महिला स्वसहायता समूहों ने 2 लाख 3 हजार फेस मास्क का निर्माण कर अपनी आजीविका चलाई थी। ये मास्क पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग समेत राजस्व, स्वास्थ, पुलिस, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग एवं स्वयंसेवी संगठनों को बेचे गए थे।मास्क निर्माण के साथ साथ कोरोना से बचाव हेतु जिले में गठित स्व सहायता समूह के चिन्हित सदस्यों व सामुदायिक स्त्रोत व्यक्तियों को राज्य कार्यालय के निर्देशानुसार प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है, ताकि वह अपने अपने ग्राम में समूह सदस्यों व आमजन को कोरोना से बचाव हेतु आवश्यक जानकारियाँ प्रदान कर सकें। प्रशिक्षण के दौरान एवं उसके उपरांत समूह सदस्यों द्वारा मास्क के उपयोग, सामाजिक दूरी , साबुन से बार बार हाथ धोने, भीड़भाड़ वाली जगहों पर न जाने तथा वैक्सीन लगवाने संबंधी जानकारियां सतत रूप से प्रदान कर महामारी से बचाव हेतु कोरोना वॉलिंटियर्स के रूप में भी सक्रिय भूमिका का निर्वहन किया जा रहा है।

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