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*किसान उन्नत तकनीकी का उपयोग कर कम लागत में अधिक लाभ लें – Dr. Narottam Mishra*

मध्य-प्रदेश

किसान उन्नत तकनीकी का उपयोग कर कम लागत में अधिक लाभ लें – Dr. Narottam Mishra

दतिया में एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत गन्ना उत्पादक कृषकों की एक दिवसीय कार्यशाला संपन्न

परम्परागत खेती के साथ बदले वातावरण में कृषि में आधुनिक एवं उन्नत तकनीकी का उपयोग कर किसान कम लागत में अधिक लाभ लें। डॉ. मिश्रा ‘‘एक जिला एक उत्पाद‘‘ योजना के तहत शुक्रवार को दतिया के वृंदावन धाम में आयोजित गन्ना उत्पादक कृषकों की कार्यशाला एवं वैज्ञानिक परिचर्चा को संबोधित कर रहे थे।

गृह मंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा कि दतिया के किसान मेहनत, लगन, वैज्ञानिकों की सलाह एवं शासन की योजनाओं का लाभ लेकर उन्नत तकनीकी का उपयोग कर कम लागत में अधिक उत्पादन ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया में हर क्षेत्र में क्रांति आई है। कृषि का क्षेत्र भी अछूता नहीं रहा है। किसानों को बदली हुई परिस्थिति अनुसार खेती-किसानी के तौर तरीकों में बदलाव लाना जरूरी हैं। कृषि के क्षेत्र में उन्नत एवं आधुनिक तकनीकी का उपयोग कर अधिक उत्पादन लेने का प्रयास कर आने वाली पीढ़ी को खुशहाल बनाना है।

गृह मंत्री डॉ. मिश्रा ने कहा कि डबरा की सुगर फैक्ट्री में शक्कर निर्माण में जिले के गन्ना उत्पादक किसानों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। किसानों के द्वारा पैदा किए गए गन्ने के कारण ही डबरा को शक्कर के रूप में पहचान मिली है।

गुणवत्तापूर्ण गुड़ को बेहतर मार्केटिंग से विशेष पहचान दिलायें

डॉ. मिश्रा ने कहा कि दतिया जिले के गोराघाट क्षेत्र में उत्पादित गन्ने से मेरठ से भी अच्छा गुड़ बनाया जा रहा है। गोराघाट के गुड़ को पहचान दिलाने के लिये किसान उन्नत किस्म का गन्ना पैदा कर उन्नत तकनीकी का उपयोग कर बेहतर गुणवत्ता का गुड निर्माण करें।

डॉ. मिश्रा ने कहा कि भारतीय गन्ना अनुसंधान केन्द्र लखनऊ के वैज्ञानिकों द्वारा गन्ना उत्पादन के संबंध में जो तकनीकी मार्गदर्शन एवं गन्ने की उन्नत किस्में बोने की सलाह अनुसार गन्ने की फसल लें। डॉ. मिश्रा ने कहा कि गन्ने से बनने वाले सीरे का उपयोग ईधन निर्माण में भी किया जा रहा है। गन्ने की खोई का भी उपयोग बिजली उत्पादन में लिया जा रहा है।

किसान कुटीर उद्योग स्थापित करें

डॉ. मिश्रा ने कहा कि किसान भाई आलू, टमाटर पर केन्द्रित चिप्स एवं सॉस के गांव में कुटीर उद्योग स्थापित कर आय के साधन बढ़ा सकते हैं। डॉ. मिश्रा ने कहा कि गौ-माता का गोबर भी काफी उपयोगी है।

गाय के गोबर से पेंट का निर्माण किया जा रहा है। भोपाल में मुक्तिधामों में अंतिम संस्कार में गोवर से बनी लकड़ी का उपयोग किया जा रहा है।

वैज्ञानिकों का किया सम्मान

गृह मंत्री डॉ. मिश्रा ने कार्यशाला में भारतीय गन्ना अनुसंधान केन्द्र लखनऊ के कृषि वैज्ञानिक डॉ. एस.एन सिंह, डॉ. एम.आर. सिंह, डॉ. एस.आई हेमर और कृषि विज्ञान केन्द्र दतिया के डॉ. पुनीत कुमार राठौर का भी शॉल, श्रीफल एवं पुष्पहार से सम्मान किया।

कार्यक्रम के प्रारम्भ में श्री रविन्द्र पाराशर ने कार्यशाला के उददेश्यों एवं महत्व पर प्रकाश डाला।

श्री सुरेन्द्र बुधौलिया, पूर्व विधायक डॉ आशाराम अहिरवार सहित श्री पंकज शुक्ला,जीतू कमरिया एवं अन्य जनप्रतिधिनिगण व किसान उपस्थित थे।

*मध्यप्रदेश हेड राजमणि पांडे की रिपोर्ट*

 

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